11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस से पहले पॉपुलेशन कंट्रोल बिल, 2021 की चर्चा जोरों पर है. भारत में तेजी से बढ़ती आबादी पर रोक लगाने के लिए इस बिल को तैयार किया गया है | पॉपुलेशन कंट्रोल बिल, 2021 में कहा गया है कि जिन माता-पिता को 2 से ज्यादा बच्चे हैं, उनसे कई प्रकार की सुविधाएं वापस ले लेनी चाहिए या नहीं दी जानी चाहिए. इस बिल में बताया गया है कि बढ़ती आबादी आने वाले दिनों में भारत जैसे देश के लिए कितनी बड़ी सिरदर्दी साबित हो सकती है.
इन सुविधाओं में निम्नलिखित का जिक्र है-
1. ऐसे परिवार के सदस्य को लोकसभा, विधानसभा या पंचायत चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए
2. दो से ज्यादा बच्चे वाले परिवार को राज्यसभा, विधान परिषद् और इस तरह की संस्थाओं में निर्वाचित या मनोनित होने से रोका जाना चाहिए
3. ऐसे लोग कोई राजनीतिक दल नहीं बना सकते या किसी पार्टी का पदाधिकारी नहीं बन सकते
4. प्रदेश सरकार की ए से डी कैटगरी की नौकरी में अप्लाई नहीं कर सकते
5. इसी तरह, केंद्र सरकार की कैटगरी ए से डी तक में नौकरी के लिए अप्लाई नहीं कर सकते
6. निजी नौकरियों में भी ए से डी तक की कैटगरी में आवेदन नहीं कर सकते
7. ऐसे परिवार को मुफ्त भोजन, मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी जैसी सब्सिडी नहीं मिलनी चाहिए
8. बैंक या किसी भी अन्य वित्तीय संस्थाओं से लोन नहीं प्राप्त कर सकते
9. ऐसे लोगों को इनसेंटिव, स्टाइपेंड या कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलना चाहिए
10. दो से ज्यादा बच्चों वाले परिवार के लोग कोई संस्था, यूनियन या कॉपरेटिव सोसायटी नहीं बना सकते
11. ऐसे लोग न तो किसी पेशे के हकदार होंगे और न ही किसी कामकाज के
12. वोट का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार और संगठन बनाने का अधिकार नहीं मिलेगा
नौकरी पर भी असर
बिल के मुताबिक, केंद्र और राज्य सरकारें जब कर्मचारियों की भर्ती करें तो वैसे लोगों को प्राथमिकता दें जिन्हें 2 या उससे कम बच्चे हैं. अगर किसी केंद्रीय या राज्य सरकार के कर्मचारी को पहले से 2 संतान हैं तो तीसरी संतान की अनुमति तभी मिलनी चाहिए जब दो में से कोई एक दिव्यांग हो. अगर केंद्रीय या राज्य सरकार का कर्मचारी जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े कानूनों का उल्लंघन करता है, तो उसे नौकरी से बर्खास्त करने का प्रावधान अमल में आना चाहिए.