डौंडीलोहारा :- पाटेश्वर सेवा संस्थान के संचालक संत महात्यागी रामबालक दास जी के नेतृत्व में विशाल कांवड़ यात्रा सुबह डोकला से निकलकर देर शाम पहुंचा पाटेश्वर धाम | देर शाम पाटेश्वर धाम पहुंचा कांवड़ियों का दल 500 दीपक से हुई आरती श्रदालु भक्ति में झूमते रहे | जामडी पाटेश्वर धाम के संत श्रीराम बालक दास महत्यागी ने क्षेत्रवासियों के साथ गंगा धाम डोकला (गोटाटोला) से लगभग 500 कांवड़ियों ने नदी का पवित्र जल लेकर हर हर महादेव, बोलबम्ब का जयघोष करते हुए पाटेश्वर धाम के लिए रवाना हुए। लगातार क्षेत्रवासी बोलबम हर हर महादेव का गुंजायमान करते हुए रेल के डिब्बे की भांति गांव गांव से पगडंडी होते हुए यात्रा में जुड़ते गये।
जब ग्राम पंचायत कोड़ेकसा में कांवर यात्रियों का दल पहुंचा तो सरपंच सहित ग्रामीणों व सर्व समाज दल्ली राजहरा के साथियों ने चाय बिस्कुट, तथा अल्प विश्राम हेतु छाया की व्यवस्था किया था। वाहन में पाटेश्वर धाम से पुलाव व जल पान लेकर कोड़ेकसा पहुंच कर कांवर यात्रियों की सेवा किया गया। कोडेकसा से सघन जंगल के बीच से कांवड़ यात्रियों का दल रवाना हुआ तो आसपास के ग्रामीण भी उस यात्रा में शामिल होते गये।
दल्ली राजहरा, धमतरी, राँवा, करहीभदर, बालोद ,डौंडीलोहारा, छुरिया, अम्बागढ़ चौकी सहित लगभग डेढ़ हजार की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने जुलूस के सक्कल में कोई कांवड़ लेकर तो कोई भगवा ध्वज लेकर , कोई डमरु, त्रिशुल लेकर, कोई तालियों की सेवा करते हुए यात्रा में शामिल थे। दुल्लापुर की डमऊ दफड़ा, गुदुम जैसे वाद्य यंत्रों ने लोगों को मोहित कर रहा था। कांवड़ यात्रा का ऐसा धार्मिक आयोजन क्षेत्र में पहली बार हुआ था जिससे लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। संध्या साढ़े पांच बजे कावड़ियों ने पाटेश्वर धाम पहुंच कर बारी बारी से शिवलिंग में जलाभिषेक करना शुरू किया। पाटेश्वर संस्कार वाहिनी , अन्नपूर्णा महिला मंडल व पाटेश्वर सेवा संस्थान के
सदस्यों ने मंदिर परिसर सहित वृक्षों के नीचे दीपक जलाकर उत्सव मनाया गया। संध्या होते ही दीपक की रोशनी से मंदिर परिसर जगमगाने लगा था जो कि दीपावली जैसा नजारा लग रहा था। जलाभिषेक के पश्चात शिव जी का महाआरती हुई जिसमें कावड़ यात्रियों के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण शामिल होकर भगवान शिव से अच्छी वर्षा की कामना की। पाटेश्वर धाम के संत राम बालक दास महात्यागी ने यात्रा को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वासियो की सुख समृद्धि की कामना लेकर अच्छी बारिश हो , धार्मिक तथा सौहाद्र पूर्ण वातावरण का निर्माण हो, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना प्रबल हो इस उद्देश्य को लेकर हम सब साथ मिलकर कावड़ यात्रा का आयोजन किया है। संत श्री ने इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने तथा सहयोग करने वाले सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।