विगत दिनों राजहरा खदान समूह में कार्यरत तीन श्रम संगठनों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने बी.एस.पी के अधिशासी निदेशक (खदान एवं रावघाट) मानस बिस्वास से मुलाकात की और खदान में कार्यरत नियमित एवं ठेका श्रमिकों के विभिन्न समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। उक्त चर्चा में भारतीय मजदूर संघ से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई, एटक से सम्बद्ध एस.के.एम.एस. एवं इंटुक से सम्बद्ध एम.एम.डब्लू.यू के प्रतिनिधि शामिल थे। उक्त चर्चा के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए तीनों श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से बताया कि वर्तमान में राजहरा खदान समूह प्रबंधन के कुछ उच्च पदस्थ अधिकारी खदान के गतिविधियों पर ध्यान देने के बजाय एक समूह विशेष के साथ मिलकर राजनीती करने में व्यस्त हैं जिसके कारण आज खदान में औद्योगिक वातावरण ख़राब हो रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे इन अधिकारीयों को आने वाले समय में चुनाव लड़ना है और इसके लिए वे अपना वोट बैंक बनाने में लगे हैं। इन अधिकारीयों के वजह से आज खदान के कई विभागों में सुरक्षा से जुड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। कभी गाड़ियां पलट रही हैं, कभी फर्जी दस्तावेज के सहारे अकुशल कर्मी को अचानक कुशल बनाकर कार्य लिया जाता है जिससे कर्मी की दुर्घटना में असामयिक मौत हो जाती है, तो किसी विभाग में ओवरहेड क्रेन की स्थिति गंभीर बनी हुई है और जानकारी होने के बावजूद ये अधिकारी असुरक्षित तरीके से कार्य करने के लिए कर्मियों पर दवाब बनाते हैं आदि आदि। और तो और कुछ अधिकारी संभवतः व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ती हेतु ठेकों में ज्यादा श्रमिकों की भर्ती कर लेते हैं और कुछ दिनों के बाद नया निविदा निकालकर अवैध तरीके से नियुक्त किये गए इन श्रमिकों को ही कार्य में रखने हेतु ठेकेदार पर दवाब बनाते हैं और ठेके के नियम और शर्तों में भी इस तरह के नियम और शर्तों को डालते हैं जिससे इस बात की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि श्रमिकों के भर्ती में भी ये अधिकारी पूरा दखल रख रहे हैं।
इन सब मुद्दों पर तीनों श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने अधिशासी निदेशक से मिलकर विस्तृत चर्चा की। चर्चा के दौरान अधिशासी निदेशक महोदय ने स्पष्ट कहा कि कर्मियों और श्रमिकों के जान के एवज में सुरक्षा को ताक पर रखते हुए उत्पादन नहीं कराया जावेगा और अगर ऐसा करते हुए कोई भी अधिकारी पाया जाता है तो उस पर समुचित कारवाई की जावेगी। सेल कंपनी कर्मियों के सुरक्षा को प्रथम मानता है और सुरक्षित ढंग से उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने में विश्वास करता है। प्रतिनधियों ने राजहरा खदान समूह के कर्मियों के लिए अस्पताल में समुचित व्यवस्था न होने की बात कही और कहा कि अगर प्रबंधन द्वारा राजहरा के अस्पताल व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा सकता है तो कर्मियों के लिए कोई दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था की जावे। श्रम संगठनों के इस मांग पर अधिशासी निदेशक महोदयने कहा कि प्रबंधन राजहरा के लिए डॉक्टर्स की नियुक्ति के लिए गंभीर प्रयास कर रहा है किन्तु कुछ नीतिगत कारणों से सफलता नहीं मिल रही है। ऐसे में अगर श्रम संगठनों के नजर में कोई डॉक्टर आता है जो राजहरा खदान में कार्य हेतु इक्षुक हो तो प्रबंधन को इससे तत्काल अवगत कराएं ताकि उनके नियुक्ति हेतु आवश्यक कदम उठाया जा सके।
ठेका श्रमिकों की समस्याओं पर चर्चा करते हुए सभी श्रम संगठनों ने कहा कि आज ऐसे कई ठेके हैं जिसमे श्रमिकों को उचित वेतन नहीं दिया जाता है, न ही श्रमिकों एवं उनके परिवार के लिए उचित मेडिकल सुविधा मुहैया कराई जाती है, कई ठेकों में श्रमिकों को भत्ते नहीं दिए जाते हैं, कई ठेके ख़त्म हो जाने के बाद भी श्रमिकों को २-३ माह का वेतन अप्राप्त है, किसी ठेके में बोनस भुगतान लंबित है, ठेका श्रमिकों को नाईट एलाउंस,डिफकल्ट एरिया एलाउंस,और छुट्टी का पैसा, और न ईनको ग्रेजुएटी का लाभ दिया जा रहा है।लेकिन प्रबंधन कुछ नहीं कर रहा है। श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि कुछ अधिकारीगण अपने चहेते लोगों को ठेके में नौकरी देने हेतु गलत तरीके अपना रहे हैं। पुराने चल रहे ठेकों में तय सीमा से अधिक श्रमिकों की भर्ती कर ली जाती है और उनसे दुसरे काम कराये जाते हैं। कुछ माह के बाद ये अधिकारी अपने चहेते आदमियों को काम देने हेतु निविदा निकाल देते हैं और निविदा में अपने चहेतों को रखने हेतु असंवैधानिक तरीके से ऐसे नियम और कानून डालते हैं जो की किसी भी दृष्टिकोण से वैधानिक नहीं होता है। इन अधिकारीयों के कृत्यों से नगर के बेरोजगारों के अंदर आक्रोश पनप रहा है जो किसी भी दिन लावा बनकर फुट सकता है जिसके दायरे में ऐसे अधिकारी आएंगे और तब कानून व्यवयस्था की बात बन जावेगी। जहाँ तक पुराने कार्य की बात है तो रिपीट टेंडर में पुराने श्रमिकों को प्राथमिकता देने सभी श्रम संगठन सहमत हैं लेकिन नए ठेकों में भी अगर इसी तरह का दवाब बनाने का प्रयास किया जाता है तो हम सभी उसका हर संभव तरीके से विरोध करने से पीछे नहीं हटेंगे।
इन मुद्दों पर अधिशासी निदेशक महोदय ने कहा कि उचित वेतन भुगतान, तय संख्या से अधिक श्रमिकों को रखने वाली बात, लंबित वेतन एवं बोनस भुगतान आदि की समस्या के निराकरण हेतु बीएसपी के कार्मिक विभाग द्वारा इ-पास की व्यवस्था लागू करने की तैयारी हो रही है जिसके बाद तय संख्या से अधिक श्रमिकों को कार्य पर रखने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। जहाँ तक लंबित वेतन और बोनस भुगतान की बात है तो श्रम संगठनों द्वारा इसकी लिखित जानकारी उच्च प्रबंधन को उपलब्ध कराई जावे ताकि इसका जल्द से जल्द निराकरण किया जा सके। आगे इस तरह की समस्या की पुनरावृत्ति को रोकने हेतु बीएसपी प्रबंधन द्वारा कॉन्ट्रैक्ट लेबर सेल की जल्द से जल्द स्थापना की जावेगी जिसका कार्य प्रत्येक ठेके के नियम और शर्तों के परिपालन की जांच करने के उपरांत ठेकेदार को बिल भुगतान करने की अनुमति प्रदान की जावेगी।
जहाँ तक दल्ली पीसीसीएफ के ठेके में श्रमिकों को रखने से सम्बंधित विवाद की बात है तो अधिशासी निदेशक महोदय ने इस बात को माना कि उक्त ठेका नए नाम से निकाला गया है और यह स्थानीय प्रबंधन की जवाबदारी थी कि ऐसा करने से पूर्व वो सभी श्रम संगठनों को विश्वास में लेकर निविदा प्रक्रिया में जाता। इस पर सभी श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट कहा कि अगर उक्त कार्य रिपीट टेंडर होता तो हमे पुराने कर्मियों को ही रखने में कोई अप्पति नहीं थी लेकिन अगर नए ठेकों में भी प्रबंधन के अधिकारी अगर ऐसा करेंगे तो आने वाले समय में नगर में कानून व्यवस्था की बात उत्पन्न हो सकती है जिसके लिए सिर्फ प्रबंधन ही जिम्मेदार होगा। अधिशासी निदेशक महोदयने कहा कि श्रम संगठन शांति बनाये रखे और उच्च प्रबंधन इस बात का प्रयास करेगा के स्थानीय प्रबंधन द्वारा जिन ०९ वश्रमिकों को रखने हेतु दवाब बनाया जा रहा है उनके लिए कोई और कार्य की निविदा निकाली जावे। अंत में सभी प्रतिनिधियों ने प्रबंधन के प्रतिनिधियों को सौहार्दपूर्ण वातावरण में सार्थक चर्चा हेतु धन्यवाद दिया और आशा किया कि प्रबंधन आगे भी इस तरह के सार्थक चर्चा के माध्यम से समस्या के समाधान हेतु प्रयास करेगा जिस पर प्रबंधन ने हामी भरते हुए मानने की बात कही। प्रबंधन की ओर से उक्त चर्चा में अधिशासी निदेशक (खदान एवं रावघाट) मानस बिस्वास, महाप्रन्धक कार्मिक खदान मुख्यालय एस.के.सोनी एवं महाप्रबंधक कार्मिक लक्षम बावने तथा श्रम संगठनों की तरफ से भा.म.सं. के बालोद जिला मंत्री मुस्ताक अहमद, खदान मजदूर संघ भिलाई (भा.म.सं) के महामंत्री एम.पी.सिंह, एस.के.एम.एस.(एटक) के महासचिव कवलजीत सिंह मान, एम.एम.डब्लू.यू राजहरा (इंटुक) के अध्यक्ष तिलकराम मानकर एवं संगठन सचिव अभय सिंह उपस्थित थे।