दोगुने दामों पर सोलर लाईट की नियम विरूद्ध खरीदी

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जगदलपुर । जिले के बकावण्ड बस्तर विकासखंड के तीन दर्जन से अधिक पंचायतों में नियम विरूद्ध की गई सोलर लाईट की खरीदी। सरपंच सचिव को बिना किसी जानकारी के पंचायतों में 15 से 20 सोलर लाईट लगाकर भेजा जा रहा बिल। जिन पंचायतों में लाईट लगाई गई है उन पंचायत के सचिव ने भुगतान करने से मना करने पर नेताओ से दबाव बनाया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि बस्तर एवं बकावण्ड विकासखंड पंचायतों में पंचायत के बिना किसी प्रस्ताव के 15 से 20 सोलर लाईट लगाई जा चुकी है जिसकी पंचायतों को कोई जानकारी भी नहीं है किसी मद से लाईट लगाई गई है। 42 से 45 हजार का बिल: कई पंचायतों में प्रति नग सोलर लाईट को 42 से 46 हजार के दर से भुगतान कराने 10 लाख का बिल पंचायतों को भेजा जा चुका है जबकि पूर्व में इसकी पंचायतों को कोई सूचना भी नहीं दी गई और न ही पंचायतों से ऐसा कोई प्रस्ताव भेजा गया है। सरपंच सचिव ने उक्त बिल के भुगतान को करने से साफ इंकार कर दिया है। दोगुने दामों पर खरीदी: बिजली विभाग के जानकारों व ठेकेदारों की माने तो जिन पंचायतों में बिल भेजा गया है वह नियम विरूद्ध होने के साथ-साथ दोगुने दाम पर खरीदी होना बताया गया है जबकि स्थानीय स्तर पर 20 से 24 हजार सोलर लाईट का प्रतिनग मूल्य बताया जा रहा है। धमतरी के एक ठेकेदार द्वारा महंगे दामों पर सोलर लाईर पंचायतों में लगाना पंचायत की राशि का दुरूपयोग करने के समान है। सरपंच सचिव के लिए सोलर लाईट के बिल का भुगतान करना सरदर्द बन गया है। क्रय नियम की अनदेखी: भंडार क्रय नियम के अनुसार पंचायतों में पांच लाख से अधिक का कार्य होने पर विधिवत टेण्डर बुलान के लिए नियमानुसार अखबर में विज्ञापन प्रकाशित करने का प्रावधान है। टेण्डर में भाग लेने वाले में जिसकी दर कम होती है कार्य उसी को दिया जाता है। सारे नियमों को दरकिनार कर अपने चहेते को फायदा पहुंचाने गोपनीय ढंग से पंचायतों में नियम विरूद्ध लगाई गई सोलर लाईट। कमिश्नर से जांच की मांग: जिला पंचायत सदस्य सरिता पानीग्राही ने नियम विरूद्ध सोलर लाईट खरीदी का आरोप लगाते हुए बस्तर कमिश्नर को लिखित शिकायत कर जांच करो की मांग की है जिसकी प्रतिलिपि कले?टर बस्तर एवं जिला पंचायत सीईओ को भी दी गई है। साहब को फोन उठाने में परहेज: जनपद पंचायत बकावण्ड के सीईओ से जब सोलर लाईट मामले में जानने के लिए फोन किया गया तो साहब ने फोन नहीं उठाया गया जिसके चलते जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी। जिले में ऐसे कई अधिकारी है जो पुोन उठाने से परहेज करते है जिसमें बकावण्ड सीईओ भी शामिल है।