अंतर्राज्यीय बस स्टैंड में आरटीओ व पुलिस प्रशासन के बीच तालमेल का अभाव, रोजाना खामियाजा भुगत रहे यात्रीगण

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जगदलपुर

अंतर्राज्यीय बस स्टैंड एक बार फिर अपनी अव्यवस्थाओं को लेकर चर्चा का केंद्र बना हुआ है. विगत कई वर्षों से निगम, पुलिस व स्थानीय प्रशासन द्वारा इसकी व्यवस्थाओं को सुधारने कई कवायद किये जा रहे हैं, लेकिन इस बस स्टैंड की हालत में अब तक कोई ख़ासा सुधार नहीं दिखाई दे रहा है. अब तो जनता भी थकहार कर इस बस स्टैंड को राम भरोसे कहावत से जोड़ने लगी है.

दरअसल, इस बार दीगर कारणों से यह बस स्टैंड चर्चे में है. दो वर्षों के कोरोनाकाल और लॉकडाउन के बाद यहाँ पर अंतर्रजियीय यात्रियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. जिसके चलते ऑटो चालक इन यात्रियों से मनमाना दर वसूलने लगे हैं. विशेषकर रात्रिकालीन बसों से देर रात यहाँ पहुंचने वाले यात्रियों को रोजाना इन ऑटो चालकों से दो-चार होना पड़ता है. कई दफा तो स्थिति काफी विषम हो जाती है. ये ऑटो चालक अपने ग्राहकों और इनके सामान को जबरन अपने ऑटो में डालने और यात्रियों के साथ खींचतान करने से भी गुरेज नहीं करते, जिसके चलते झड़प की स्थिति भी निर्मित हो जाती है.

ताज्जुब की बात तो यह है कि यहाँ स्थित पुलिस चौकी प्रभारी भी ऑटो चालकों के इन सब हरकतों से इतने तंग आ चुके हैं की अब वे अपनी जिम्मेदारियों का पूरा ठीकरा आरटीओ विभाग पर फोड़ने लगे हैं. उनका कहना है कि कई दफा ऑटो चालकों को समझाईश दी जा चुकी है बावजूद, स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है.

इधर आरटीओ विभाग की उदासहीनता के चलते इन ऑटो चालकों के हौसले दिनोदिन आसमान छूने लगे हैं. बहरहाल, ऑटो चालकों, आरटीओ, निगम और पुलिस विभाग के बीच यात्री परेशान हो रहे हैं. यहाँ यह कहना लाजमी हो जाता है कि कुछ दिन पूर्व ही पुलिस प्रशासन एवं आरटीओ के तालमेल से ऑटो चालकों को समझाईश के साथ यात्रियों से मनमानी रकम नहीं लेने एवं उन्हें निर्धारित जगह पर खड़े होने की हिदायत भी दी गयी थी लेकिन ऑटो चालक अपने पुराने रवैय्ये से बाज नहीं आ रहे हैं जिसके कारण यात्री एवं ऑटो चालकों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है. समय रहते अगर आरटीओ विभाग, पुलिस प्रशासन से सहयोग लेकर अगर ऑटो द्वारा आवागमन करने का दर निर्धारण नहीं करती है तो कभी भी इस अंतर्राज्यीय बस स्टैंड में भारी विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है.