लौह अयस्क खान समूह राजहरा मे कार्यरत ठेका श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर सीटू के नेतृत्व मे सैकड़ों श्रमिकों ने माइंस आफिस गेट पर तीन घंटे तक धरना प्रदर्शन किया।
उल्लेखनीय है कि माइंस मे लगभग 60 ठेकों मे 1900 श्रमिक नियोजित हैं। लेकिन सभी ठेकों मे श्रमिकों को मिलने वाले लाभ व सुविधाएं एक समान नहीं हैं। अधिकांश ठेकों मे श्रम कानूनों, व माइंस एक्ट का खुलेआम उलंघन कर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है।यूनियन का मानना है कि इस शोषण मे खदान के जिम्मेदार अधिकारियों की सहमति है। इसलिए यूनियन ने खदान प्रबंधन के खिलाफ चरणबद्ध आन्दोलन करने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के तहत आज पहले चरण के आन्दोलन की शुरुआत की गई है।
धरना प्रदर्शन मे उपस्थित विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए यूनियन के अध्यक्ष प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि आज खदानों का 70% उत्पादन ठेका श्रमिकों के भरोसे हो रहा है। बडी संख्या मे नियोजित ठेका श्रमिकों का नियमानुसार, वेतन भुगतान तक नहीं हो पा रहा है। हर ठेके मे अलग अलग आपरेटिंग अथॉरिटी होने से समस्याओं के निराकरण मे सिर्फ समय की बरबादी होती है।हजारों ठेका श्रमिकों को मेडिकल जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है। इसके लिए बनाई गई कमेटी सिर्फ़ कागजों तक ही सीमित रह गई।इसी तरह भत्तों मे समानता लाने के लिए प्रस्तावित कमेटी वर्षों बाद भी अस्तित्व में ही नहीं आ सकी। भारी असमानता के बीच अधिकांश ठेकों मे रात्रि पाली भत्ता,फ्री केन्टीन कूपन, नहीं दिया जा रहा है। उन्होनें कहा कि ओवर बर्डन, एवं ओर एक्सवेसन के श्रमिकों को हाई पावर कमेटी का वेतन दिया जाए तथा अन्य श्रमिकों का खदान स्तर पर वेतन समझौता किया जाए। प्रबंधन ठेका मजदूरों के मामले में टालमटोल की नीति अपना रहा है। यूनियन के सचिव पुरषोत्तम सिमैया ने कहा कि खदान श्रमिकों की सभी समस्याओं के केन्द्रीयकृत निराकरण के लिए ठेका प्रकोष्ठ का गठन करवाना हमारी पहली प्राथमिकता है। इसलिए आन्दोलन की यह प्रमुख मांग है । उन्होनें आगे कहा कि कानून का पालन करते हुए प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि,सभी श्रमिकों को समय पर वेतन भुगतान, वेतन पर्ची, अतिरिक्त वेतन भुगतान,ग्रेज्युटी,रजिस्ट्रेशन इत्यादि हो।
कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि ठेका श्रमिकों की हाजिरी, पी एफ ,इत्यादि में कई ठेकों मे भारी गडबडी की जा रही है । इसी तरह खदानों मे ठेकेदारों द्वारा सुरक्षा की अनदेखी कर मजदूरी की जान जोखिम मे डाली जा रही है।खदानों मे चलने वाले ठेका वाहनो की जांच केवल कागजों तक ही सीमित है। इन सब गडबडियों की नियमित शिकायतें होने के बावजूद अधिकारी कोई भी कार्यवाही नहीं करते हैं। जाहिर है अधिकारियों का कुछ न कुछ स्वार्थ जरूर है।
उपरोक्त मांगो पर मुख्य महाप्रबंधक खदान को ज्ञापन सौपा गया तथा सभी विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आगे चरणबद्ध आन्दोलन और बडा व तेज होगा।जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रबंधन की होगी ।आज के धरना प्रदर्शन मे बडी संख्या मे ठेका श्रमिकों ने सक्रिय भागीदारी की।