जगदलपुर
राज्य शासन द्वारा अपने निर्माण एजेंसियों में वर्षों से एक ही स्थान में पदस्थ तकनीकी अधिकारियों को स्थानांतरण करने की योजना बन रही है. लोक निर्माण विभाग के विभागीय सूत्र द्वारा दी गयी जानकारी अगर सही है तो अगले दो महीने के भीतर, बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री के मंशा के अनुसार, लोक निर्माण सहित ग्रामीण यांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग समेत अन्य विभागों के निर्माण एजेंसियों में अमूलचूल परिवर्तन संभावित है.
लोक निर्माण विभाग के एक उच्चाधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि इस विभाग सहित कई अन्य विभागों में वर्षों से पदस्थ अधिकारी के कार्यों से सरकार संतुष्ट नहीं है. कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के तीन साल पूर्ण हो चुके हैं, राज्य शासन ने बस्तर संभाग में अप्रत्याशित रूप से निर्माण एवं विकास हेतु अन्य संभागों की अपेक्षा इस संभाग में काफी राशि स्वीकृत की है, लेकिन इस संभाग के सभी जिलों में निर्माण कार्य की स्थिति अन्य संभागों की अपेक्षा काफी कम एवं निम्न स्तरीय बताई जा रही है. बस्तर संभाग के बस्तर जिले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मांग पर मुख्यमंत्री ने इस विभाग को मनमाफिक मद निर्माण कार्यों में खर्च करने स्वीकृत किये, किन्तु निर्माण की प्रगति व स्थिति निम्नस्तरीय होने की बात जांच में सामने आने पर अब मुख्यमंत्री ने ऐसे विभागों के अधिकारियों पर अब कड़ी कार्यवाई करने के संकेत दिए हैं.
लोक निर्माण विभाग बस्तर की हालत पिछले शासनकाल में भी बद से बदतर थी. इस विभाग में मूल अधिकारी के बजाय, प्रभारी अधिकारी पदस्थ होकर पिछले जनप्रतिनिधियों की शय पर निर्माण की राशि का जी-खोलकर बंदरबांट किया था जिससे, बस्तर जिले में निर्माण कार्य की स्थिति काफी दयनीय सी हो गयी थी. बस्तर जिले के जगदलपुर शहर से लेकर सभी विकासखंड के सड़कों की स्थिति काफी जर्जर थी. इसका कारण लोगों में यह सामने आया था कि चूँकि लोक निर्माण विभाग समेत अन्य विभागों में प्रभारी अधिकारी के रूप में स्थानीय लोग ही पदस्थ हैं जिनके द्वारा स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर निर्माण हेतु स्वीकृत अरबों की राशि का खुलकर आपस में बंदरबांट किया गया था लेकिन, सत्ता बदलने के साथ ही शासन में आई कांग्रेस ने अपने जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कुछ हद तक ऐसे कामचोर प्रभारी अधिकरियों को कई प्रमुख विभाग से हटाकर बस्तर जिले के निर्माण कार्यों में साफ़-सुथरापन लाने का प्रयास अवश्य किया किन्तु, ऐसे कुछ जनप्रतिनिधि जो प्रभारी अधिकारी की मदद से अपना स्वार्थ सिद्ध करने के प्रयास में थे उन्होंने, पुनः ऐसे महत्वपूर्ण निर्माण विभाग जैसे लोक निर्माण में प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति कराकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना शुरू कर दिया है.
वर्तमान में लोक निर्माण विभाग में पदस्थ प्रभारी कार्यपालन अभियंता जिन्हें इस विभाग के निर्माण की गुणवत्ता से कोई लेना-देना नहीं है उन्हें पिछले वर्षों से ऐसे विभाग का प्रमुख बना दिया गया है. किस जनप्रतिनिधि की शह पर राज्य शासन ने ऐसे नाकाबिल प्रभारी को लोक निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का प्रमुख बनाया है वह तो जानकारी में राज्य शासन को मालूम होगा किन्तु, ऐसे अधिकारियों की पदस्थापना के पश्चात इस विभाग द्वारा नित-नए कारनामे किये जा रहे हैं जिससे आम जनता काफी परेशान है. राज्य शासन को इस प्रभारी अधिकारी के खिलाफ मिली ख़ुफ़िया जानकारी के अनुसार, विभागीय खबरें समय-समय पर अख़बार में सामने लाने पर मीडिया से जुड़े लोगों को धमकी देने के अलावा ऐसे कई बातें कही जाने की जानकारी मिली है कि इस प्रभारी अधिकारी ने नियम कानून को ताक पर रखकर इस विभाग द्वारा निर्माण कार्यों में काफी भ्रष्टाचार करवाया है. पिछले कुछ दिनों से राज्य शासन जिस प्रकार प्रत्येक निर्माण एजेंसी में प्रभारी अधिकारी की जगह नए अधिकारियों को पदस्थ कर रही है उससे अब स्पष्ट होता जा रहा है कि बस्तर जिले के लोक निर्माण विभाग में पदस्थ सभी प्रभारी अधिकारियों को अन्यत्र स्थानांतरण कर उसकी जगह मूल अधिकारियों को पदस्थ कराया जायेगा.