विगत दिनों भिलाई इस्पात संयंत्र के बंधक खदानों में कार्यरत बीएमएस, एटक और इंटुक से सम्बद्ध श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने महाप्रबंधक कार्मिक खदान मुख्यालय एवं महाप्रबंधक औद्योगिक सम्बन्ध से मुलाकात की और दिनांक 06.01.2022 को बीएसपी प्रबंधन के साथ किये गए समझौते पर अब तक प्रबंधन द्वारा किये गए पहल पर विस्तृत चर्चा की। इसकी जानकारी देते हुए बीएमएस से सम्बद्ध खदान मजदूर संघ भिलाई के अध्यक्ष एमपीसिंह ने बताया कि दिनांक 21.01.2022 को तीनों श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस्पात भवन में अधिकारीयों से मिलकर समझौते में उल्लेखित बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा की।
घर बैठे Amazon के साथ ऑनलाइन शॉपिंग करें, स्पेशल ऑफर के साथ लिंक क्लिक करें
https://36bestonlinesale.com/home
इस सम्बन्ध में बिंदुवार जानकारी देते हुए बताया गया कि दासा के 8% और 10% राशि के विवाद पर स्थानीय प्रबंधन ने निगमित कार्यालय को सूचित कर दिया है और चर्चा भी की है जिसपर निगमित कार्यालय द्वारा इसे सम्बंधित मंत्रालय में भेजकर निर्णय का इंतजार किया जा रहा है। जहाँ तक वर्ष 2012 में हुए वेतन समझौते के बाद के दासा एरियर्स की बात है तो प्रबंधन का यह कहना था कि आरएमडी के खदानों में दिए गए एरियर्स को काट लिया गया है ऐसे में राजहरा खदान के कर्मियों को उसका भुगतान नहीं किया जा सकता है जिसपर सभी श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने विरोध करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की पुख्ता जानकारी है कि उक्त राशि को नहीं काटा गया है और अगर प्रबंधन के कहेनुसार काटा गया है तो प्रबंधन उसका साक्ष्य पेश करें। इसके अलावा श्रम संगठन के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि अगर वर्ष 2012 के वेतन समझौते के बाद निगमित कार्यालय द्वारा मेट्रो शहर के कर्मियों को नए वेतनमान के आधार पर माकन किराया भत्ता और उसका एरियर्स दिया जा सकता है तो खदान कर्मियों को दासा का एरियर्स क्यों नहीं दिया जा सकता है? इसपर प्रबंधन पक्ष ने ऐसा कोई आदेश होने से इंकार किया तब भा.म.सं. के प्रतिनिधियों ने उक्त आदेश की प्रतिलिपि प्रबंधन को दिया जिसे देखकर उन्होंने इसपर पुनः निगमित कार्यालय से चर्चा कर निर्णय लेने की बात कही। इसी आधार पर वर्ष 2017 के दासा राशि के एरियर्स भुगतान हेतु प्रबंधन द्वारा बात कही गयी।
ठेका श्रमिकों के खदान भत्ते एवं मेडिकल सुविधा के सम्बन्ध में प्रबंधन ने यह जानकारी दी कि कमिटी द्वारा रिपोर्ट सौंप दी गयी है और शीघ्र ही इसपर समुचित निर्णय और अनुमोदन लेकर समझौते में उल्लेखित समय सीमा अर्थात 01.04.2022 से लागू करने हेतु प्रबंधन प्रतिबद्ध है और अपने तरफ से पूरा प्रयास कर रहा है। प्रबंधन के इस बात पर तीनों श्रम संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि अगर प्रबंधन ठेका श्रमिकों को सीटू और सीएमएसएस के द्वारा प्रस्तावित 25% राशि को खदान भत्ते के रूप में देता है तो तीनों श्रम संगठन को यह मान्य नहीं होगा क्योंकि इससे सभी श्रमिकों को न केवल नुकसान होगा बल्कि कर्मियों के बीच भी एक वैमानायस्ता की दीवार खड़ी हो जावेगी जो की किसी भी दृष्टिकोण से कंपनी और श्रमिकों दोनों के लिए हितकर नहीं होगा। अतः तीनों श्रम संगठन ठेका श्रम संगठन सभी ठेका श्रमिकों के लिए सामान रूप से रूपए 150/- प्रति दिन के हिसाब खदान भत्ता देने की अपने मांग और किये गए समझौते पर यथावत कायम हैं और उससे कम देने पर कड़े कदम उठाने हेतु बाध्य होंगे जिसके लिए जिम्मेदार प्रबंधन ही होगा। जहाँ तक ठेका श्रमिकों और उनके आश्रितों को मेडिकल सुविधा देने की बात है तो इसपर प्रबंधन पक्ष ने अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि कमिटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है और इसपर भी जल्द ही निर्णय ले लिया जावेगा। इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने से पूर्व सभी श्रम संगठनों एवं आवश्यकता पड़ने पर ठेकेदारों से भी चर्चा की जावेगी। श्रम संगठन के प्रतिनिधियों के तरफ से यह भी कहा गया कि कुछ ठेके ऐसे हैं जो कि भिलाई से संचालित होते हैं लेकिन उक्त ठेके में कार्यरत श्रमिक खदानों में कार्य करते हैं जैसे कि सिक्योरिटी गार्ड आदि। ऐसे में प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना जरूरी होगा कि खदान भत्ता एवं मेडिकल सुविधा का लाभ ऐसे कर्मचारियों को भी मिले जिसपर प्रबंधन ने आश्वस्त किया कि खदान क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी ठेका श्रमिकों को उक्त लाभ मिलेगा और कोई भी ठेका श्रमिक को इससे वंचित नहीं किया जावेगा। इसके उपरांत सौहार्दपूर्ण वातावरण में चर्चा समाप्त हुई। उक्त चर्चा में भा.म.सं. की तरफ से खदान मजदूर संघ भिलाई के अध्यक्ष केंद्रीय एमपीसिंह, महामंत्री उमेश मिश्रा, उप-महा सचिव लखनलाल चौधरी, नंदिनी शाखा के अध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा, एटक की तरफ से एस.के.एम.एस के महामंत्री कवलजीत सिंह मान, इंटुक के तरफ से एमएमडब्लूयू के अध्यक्ष तिलकराम मानकर, कार्यालय सचिव दिनेश कुमार और इंटुक के प्रदेश संगठन सचिव अभय सिंह तथा प्रबंधन पक्ष के तरफ से महाप्रबंधक खदान मुख्यालय सूरज कुमार सोनी एवं महाप्रबंधक औद्योगिक सम्बन्ध विभाग जे.एन.ठाकुर उपस्थित रहे।