बदलता अबूझमाड़ एवं नारायणपुर पुलिस, नक्सल गतिविधियों पर अंकुश

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नारायणपुर में निरंतर नवीन पुलिस थाना और कैम्प खुलने एवं प्रभावी नक्सल अभियान संचालित करने पर नारायणपुर पुलिस को निरंतर सफलता मिल रही है। पुलिस थाना/ कैम्प खुलने से नक्सलियों के ऊपर दबाव बढ़ा है फलस्वरूप नक्सली जिले की सीमा से बाहर जा रहे हैं तथा नक्सल घटनाओं और हिंसा में कमी आ रही है। नारायणपुर पुलिस को नक्सल अभियान के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों के साथ लगातार मिटिंग कर पोस्टर, बैनर, शार्ट फिल्म और गोंडी, हल्बी और छत्तीसगढ़ी गीतों के माध्यम से भी जागरूकता लाकर नक्सलवाद को हतोत्साहित करने में सफलता मिल रही है।

नारायणपुर पुलिस द्वारा वर्ष 2019-20 में 08 बडे और खूखार नक्सली को मार गिराया गया वहीं विभिन्न अपराधों में शामिल रहे शीर्ष नक्सली लीडर सहित 20 नक्सली को गिरफ्तार भी किया गया है। थाना ओरछा क्षेत्रांतर्गत नक्सल विरोधी अभियान में दिनांक 24.06.2020 को नारायणपुर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली, जिसमें भारी मात्रा में आर्स/ एम्युनेशन, विस्फोटक पदार्थ और नक्सली साहित्य रिकवर हुए हैं। अभी हाल ही में श्री गिरिजा शंकर जायसवाल, पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर के नेतृत्व में डीआरजी जवानों ने 10 लाख रूपये के ईनामी नक्सली कंपनी नंबर-06 का कमाण्डर साकेत नुरेटी उर्फ भास्कर नरेटी को मार गिराया यहां यह भी उल्लेखनीय है कि साकेत नुरेटी उर्फ भास्कर नुरेटी 30 से अधिक नक्सल अपराधों में नामजद आरोपी रहा था, अधिकतर अपराधों का मुख्य लीडर और मास्टर माइंड भी रहा है।

पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. के मार्गदर्शन एवं पुलिस अधीक्षक, नारायणपुर गिरिजा शंकर जायसवाल, के कुशल निर्देशन में दिनांक 22.01.2022 को हार्डकोर नक्सली पण्डरू पदामी को गिरफ्तार किया गया है। ये नक्सली आईटीबीपी के शहीद असिस्टेंट कमाण्डेंट सुधाकर शिंदे और शहीद सहायक उप निरीक्षक गुरमुख सिंह की हत्या और षड़यन्त्र में शामिल था साथ ही बुकिनतोर बस ब्लास्ट में 5जवानों की हत्या करते हुए 22 जवानों को गंभीर रूप से घायल करने की घटना को अंजाम देने में भी शामिल था। नक्सलवाद को हतोत्साहित करने तथा पुलिस प्रशासन के कार्यों से अबूझमाड़ के लोगों को अवगत कराने हल्बी-छत्तीसगढ़ी गीतों और शार्ट फिल्मों के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं अपराधमुक्त समाज की पूनस्र्थापना के लिये शांति समितियों का गठन करने के फलस्वरूप ये समितियां ग्रामीण स्तर में ही अपराध की रोकथाम, नियंत्रण और अन्य पुलिसिंग कार्य में अपना सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। नारायणपुर पुलिस नक्सलियों और नक्सल गतिविधियों में शामिल लोगों को समाज की मुख्य धारा में लौटाने के लिये आत्मसमर्पण कराने कार्ययोजना पर काम कर रही है |

सिविक एक्शन

नारायणपुर पुलिस “विकास, विश्वास और सुरक्षा” के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से जिला नारायणपुर विशेषतः अबूझमाड़ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से सिविक एक्शन का आयोजन कर स्थानीय लोगों को पुलिस प्रशासन से जोड़ने और सरकार के कल्याणकारी कार्यों से परिचित कराने का कार्य करती है। सिविक एक्शन के माध्यम से नारायणपुर पुलिस द्वारा स्थानीय लोगों को न सिर्फ सरकार से जोड़ने का कार्य करती है वरन् उन्हें उनके मानव अधिकारों से परिचित कराने के लिये जागरूकता लाने और उनके जरूरत के अनुसार आवश्यक सामग्रियां, भोज्य पदार्थ, कपड़े, किताब और हेल्थ कैम्पों का आयोजन कर प्राथमिक उपचार एवं औषधि प्रदान किये जाते हैं। नारायणपुर जिले के सभी पुलिस थाने और 15 से अधिक कैम्पों में लगातार सिविक एक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। वर्ष 2020-21 में कोविड-19, कोरोना महामारी के कारण सिविक एक्शन कार्यक्रम अवश्य प्रभावित हुआ परन्तु इस दौरान भी पुलिस अधीक्षक श्री गिरिजा शंकर जायसवाल द्वारा अंदरूनी क्षेत्रों में भ्रमण, प्रवास एवं कैम्प सुरक्षा जायजा लेने के दौरान आम लोगों, बच्चों और महिलाओं से मिलकर उन्हें उपहार बांटने और उनसे सीधे मिलकर चर्चा करने की प्रथा जारी रखी गई है। जिससे आम लोगों के मन में पुलिस प्रशासन के प्रति सकारात्मक एवं मित्रवत् भावना का विकास हुआ है।

जिला पुलिस एवं केन्द्रीय बल के जवानों के मित्रवत् व्यवहार और जागरूकता से प्रभावित लोग अब मौत के भय को दरकिनार करते हुए नक्सलवाद के खिलाफ दबी आवाज में खडे हो रहे हैं और क्षेत्र की उन्नति के लिये प्रशासन की ओर रूख कर रहे हैं। नारायणपुर जिला निर्माण और उसके शुरूआती वर्षों खासकर वर्ष 2011-12 तक की बात करें तो स्थानीय नागरिक नक्सलियों और नक्सलवादी विचारधारा के दबाव में पीडित और जरूरतमंद होने के बावजूद पुलिस प्रशासन से सहयोग लेने को तैयार नहीं होते थे। नक्सलवादी विचारधारा के समर्थकों द्वारा पुलिस प्रशासन को ही आदिवासी तथा उनके जल, जंगल और जमीन का दुश्मन बताकर दुष्प्रचारित किया गया था, जिसकी सच्चाई अब लोगों के सामने उजागर हो रही है। अबूझमाड़ के लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति सकारात्मक नजरिया के विकास में पुलिस और केन्द्रीय बल के जवानों का मित्रवत् व्यवहार और सिविक एक्शन कार्यक्रम का अहम् योगदान रहा है इसके अतिरिक्त नारायणपुर पुलिस जिले के प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के पुनर्विकास में भी अपना योगदान दे रही है। इसी क्रम में खण्डहर में बदलती हुई प्राचीन पहाडी मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया एवं बिंजली डेम का सौन्दर्गीकरण कर पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिये नारायणपुर पुलिस के जवानों ने श्रमदान किया, जिससे नारायणपुर एवं अबूझमाड़ की पहचान केवल नक्सलगढ़ में न रहकर एक सुरक्षित एवं आनंददायी पर्यटक स्थल के रूप में भी बन सके।

सड़क निर्माण एवं संचार सुविधा

नारायणपुर पुलिस अबूझमाड़ के सर्वांगीण विकास के लिये आवश्यक सुरक्षा एवं सुविधायें सुनिश्चित करने के लिये संकल्पित होकर सड़क निर्माण एवं अधोसंरचना विकास के लिये पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करा रही एसपी और कलेक्टर सड़क और पुल-पुलिया निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने तथा सड़क निर्माण से आम लोगों को किसी भी प्रकार से समस्याओं का सामना न करना पड़े इसकी निगरानी करने स्वयं पहुंच रहे हैं। इसी परिपेक्ष्य में अभी हाल ही में कोडोली से झारावाही होते हुए आकाबेडा की ओर जाने वाली सड़क निर्माण कार्य का संयुक्त रूप से निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होने थाना कुरूषनार क्षेत्रांतर्गत ग्राम हातलानार, जिवलापदर और झारावाही के लोगों से मिलकर चर्चा की, उनके समस्याओं को जाना और उन्हें यथाशीघ्र दूर करने कार्ययोजना पर मुहर लगाई।

पुलिस अधीक्षक अपने प्रवास के दौरान अक्सर ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से उन्हें बताते हैं कि पुलिस और सशस्त्र बल के जवान, थाना और कैम्प आप सबकी सुरक्षा के लिये तैनात किये गये हैं, ये आपके रक्षक और आपके उन्नति के लिये सहायक साथी हैं। अबूझमाड नक्सल प्रभावित है और यहां के नक्सली उन्नति और विकास में बाधक हैं। सरकार आपके लिये राशन दुकान, बिजली, पानी, आंगनबाडी, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क और मोबाईल टॉवर जैसे मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। ये सारे मुलभूत आवश्यकताएं आपकी संवैधानिक अधिकार है। पुलिस न सिर्फ आपकी सुरक्षा करती है बल्कि आपके उन्नति में भी सहायक हैं। इस प्रकार पुलिस अधीक्षक अबूझमाडवासियों को उनके हर जरूरत में पुलिस के साथ होने का विश्वास दिलाते हैं।

स्थानीय नागरिक भी पुलिस प्रशासन केसाथ मिलकर क्षेत्र की विकास के इच्छुक हैं। पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर उन्नति के लिये आगे आ रहे हैं। ग्राम के स्थानीय लोगों ने चर्चा के दौरान बताया कि हमारे अधिकतर लोग सड़क संसाधन के अभाव में कांवड से अस्पताल की सफर करते-करते ही अपने दम तोड़ जाते थे अब हमें भी जीने के लिये उपचार की अच्छा अवसर मिल सकेगी। सड़क मार्ग के अभाव में अबुझमाड़ क्षेत्र की जिला मुख्यालय और शहरों से कनेक्टिविटी नहीं थी जिसके कारण अधिकतर वनोपज जैसे फल, बास्ता, पुटू, बोड़ा, आम, केला, सीताफल और सब्जी इत्यादि बेकार हो जाते थे। अब सड़क बन जाने से उसे लोग शहरों में लाकर बेच सकेंगे। इसके साथ ही लोग काम के शहर आ-जा सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि आरआरपी-02 योजनांतर्गत 05 सड़कों का कार्य प्रगति पर है। एलडब्ल्यूई योजना के अंतर्गत जिला नारायणपुर में तीन डबल लेन सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है।इस योजना के अंतर्गत (01) नारायणपुर–पल्ली-बारसूर, (02) छोटेडोंगर ओरछा और (03) नारायणपुर- सोनपुर– मरोड़ा रोड़ निर्माणाधीन है। अबूझमाड़ क्षेत्रांतर्गत कोडोली से झारावाही होते हुए आकाबेडा की ओर जाने वाली सड़क निर्माण कार्य तीव्र गति से चल रही है।

जिले में संचार सुविधाओं का विस्तार भी तीव्र गति से चल रहा है। नारायणपुर से आकाबेड़ा तक भी मोबाईल नेटवर्क का जाल फैलाने के लिये व्यापक स्तर पर कार्य प्रगति पर है। जो बहुत जल्द पूरा हो जाएगा। नारायणपुर से सोनपुर रूट में बासिंग तक टेलीफोन नेटवर्क का विस्तार हो चूका है तथा कोहकामेटा एवं सोनपुर में शीघ्र ही संचार सुविधा उपलब्ध कराने का कार्य प्रगति पर है। दक्षिण में ओरछा तक संचार सुविधा उपलब्ध है तथा पल्ली-बारसुर रोड़ में कड़ेनार तक संचार सुविधाओं का विस्तार हो चूका है इसी क्रम में कड़ेमेटा तक शीघ्र संचार सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु संबंधित एजेंसी को समयबद्ध योजना बनाकर क्रियान्वित करने हेतु प्रयास किया जा रहा है। इन सुविधाओं के विस्तार हेतु नारायणपुर पुलिस द्वारा प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराया जा रहा है। संचार सुविधा उपलब्ध होने से सुरक्षा बलों के जवानों का अपने परिवार से सम्पर्क बना रहता है, जिससे वे मानसिक तनाव से मुक्त होकर पूरे मनोबल से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं एवं मोबाईल कनेक्टिविटी होने से स्थानीय ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी सुविधाओं की जानकारी एवं लाभ होने से उनकी आर्थिक उन्नति में सहायक हो रही है।

यातायात जागरूकता

पुलिस अधीक्षक की अवधारणा “जीरो डेथ ऑन रोड़ एक्सीडेट” पर आधारित ट्रैफिक अवेयरनेस प्रोग्राम नारायणपुर जिले के सभी चौक चौराहे पर आयोजित किये जाते हैं। यातायात जागरूकता पर आधारित “सड़कें बोलती हैं” कार्यक्रम के तहत् ट्रैफिक अवेयरनेस प्रोग्राम के दौरान ट्रैफिक साईन के मतलब और उपयोगिता, ड्रायविंग लायसेंस बनवाने के तरीके और फायदे, वाहन बीमा की उपयोगिता और आवश्यकता सहित वाहन चालन के दौरान नशीले पदार्थों का सेवन अथवा मोबाईल में बात करते हुए और दोपहिया वाहन चालन के दौरान बिना हेलमेट पहने व वाहन चलाने अथवा कार चलाते समय बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाने से संभावित खतरे और हानियों के बारे में बताया जाता है।

नारायणपुर पुलिस की पहल, जिला के लगभग सभी सीनियर विद्यालयों और महाविद्यालयों में यातायात जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया जा रहा है। अक्टूबर-2021 से अब तक अलग-अलग 20 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम के तहत् लगभग 6हजार छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों को जागरूक किया जा चूका है। इसके साथ ही यह जागरूकता कार्यक्रम हर स्तर पर निरंतर अभी जारी है। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पुलिस द्वारा बताया जाता है कि यातायात नियम आपके आजादी पर पाबंदी लगाने के लिये नहीं बल्कि आपकी और सड़क यात्रा करने वाले सभी लोगों के प्राणों की रक्षा के लिये बनाये गये हैं। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सकारात्मक लाभ भी जिले में देखने को मिल रहा है वहीं वाहन दुर्घटना में कमी आ रही है।

सामुदायिक पुलिसिंग

साप्ताहिक बाजार – अबूझमाड़ में साप्ताहिक बाजारों का विशेष महत्व है, जहां गांव वाले दैनिक उपयोग की वस्तुए प्राप्त करते हैं, इसके लिये कई बार माड के अंदरूनी क्षेत्र के गांव से आने वाले ग्रामीण पूरे दिन का सफर करने के साथ रात्रि विश्राम तक करने को मजबूर रहते हैं। पल्ली-बारसूर रोड पर नारायणपुर का अंतिम पुलिस कैम्प कडियामेटा (कड़ेमेटा) भी इसी श्रेणी में आता था। कडेमेटा साप्ताहिक बाजार दंतेवाडा, बीजापूर, कोण्डागांव, जगदलपुर और नारायणपुर जिला के संगम (केन्द्रबिंदु) पर स्थित है। क्षेत्रीय ग्रामीण कड़ेमेटा में साप्ताहिक बाजार लगाने के लिये सालों से प्रयासरत् थे परन्तु नक्सलियों की दशहत और विरोध की वजह से यहां नहीं खुल पा रही थी दिनांक 25.12.2021 को पुलिस अधीक्षक के प्रयासो से साप्ताहिक बाजार का शुभारंभ हुआ हैं। इस बाजार के लगने से अब बेचा, ईरपानार, आदेर, किलम, टेटम सहित अबुझमाड़ (नारायणपुर) और दंतेवाडा, बीजापुर, कोण्डागांव व जगदलपुर जिला के दर्जनों गांव के हजारों लोग लाभान्वित हो रहे हैं, जिन्हें इस बाजार के लगने से पहले लगभग 30 किलोमीटर तक दूर बाजार करने जाना पड़ता था। उल्लेखनीय है कि कड़ेमेटा कैम्प के जवानों ने अपने कर्तव्य के अलावा श्रमदान करके साप्ताहिक बाजार स्थल की साफ सफाई की और विक्रेताओं के लिये बैठक व्यवस्था भी जवानों ने तैयार कर इसे बाजार लगने लायक तैयार किया है।

अबूझमाड़ आइडल एवं डांसिंग सुपरस्टार

नारायणपुर पुलिस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के अंतर्गत अबूझमाड़ की प्रतिभा, गायन एवं लोक नृत्य को प्रतीभा को एक मंच प्रदान करने का प्रयास किया गया था। इस कार्यक्रम की योजना, प्रचार एवं क्रियान्वयन में अत्यंत अल्प समय होने के बाद भी प्रथम चरण में दिनाँक 02, 03 एवं 04 जनवरी 2022 को सिंगल और युगल गायन तथा सिंगल और युगल डांसिंग प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। तीन दिन तक चले अबूझमाड़ आइडल एवं डांसिंग सुपरस्टार की डॉन्स प्रतियोगिता में 156 प्रतिभागी तथा आइडियल सॉन्ग प्रतियोगिता में 200 प्रतिभागी कुल 356 प्रतिभागियों ने पूरे नारायणपुर से हिस्सा लिया। अबूझमाड़ आइडल एवं डांसिंग सुपरस्टार के अंतर्गत गायन प्रतियोगिता में हेमलता करंगा, पूर्णिमा ठाकुर और ऋषभ देशलहरा क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे इसी तरह नृत्य प्रतियोगिता में मीना वड्डे समूह, अनिमेष समूह और दीप्ति निषाद व हर्षिता की टीम ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल की। स्थानीय कलाकारों, जन-प्रतिनिधियों और आम लोगों से “अबूझमाड़ आइडल एवं डांसिंग सुपरस्टार” कार्यक्रम को भरपूर सराहना मिली। इस कार्यक्रम ने सम्पूर्ण अबूझमाड़ के प्रतिभाओं को न केवल उचित मंच प्रदान किया बल्कि पुलिस और युवाओं के बीच एक अनूठा और विश्वसनीय संबंध भी स्थापित किया।

अबूझमाड़ को अपना प्रथम अबूझमाड़ आईडल और डांसिंग सुपरस्टार भी मिला। पुलिस अधीक्षक गिरिजा शंकर जायसवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम माड़ की प्रतिभाओं को मंच देने का पुलिस का एक छोटा सा प्रयास था जिसका स्वरूप कोरोना के कारण छोटा कर दिया गया। उन्होने यह भी भरोसा दिलाया कि भविष्य में यह मंच काफी बड़ा होगा। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है जिसमें प्रतिभागियों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिये पर्याप्त अवसर और समय मिलेगा।

खेल –

नारायणपुर पुलिस द्वारा मलखम्ब प्रशिक्षण केन्द्र की शुरूआत की गई है। वर्तमान में मलखम्ब खेल को जिला प्रशासन और राज्य सरकार का भी सहयोग प्राप्त होने लगा है। इस प्रशिक्षण केन्द्र में वर्तमान में लगभग 120 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें हैं, जल्द ही यह प्रशिक्षण केन्द्र देश के सबसे बडे मलखम्ब प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित हो सकता है। आरक्षक श्री मनोज प्रसाद के नेतृत्व में अलग-अलग केटेगरी में 101 गोल्ड मेडल, 20 सिल्वर मेडल और 40 कास्य मेडल के साथ अबूझमाड़ के बच्चों ने 161 मेडल हासिल कर अबूझमाड़ का नाम देश में किर्तिमान स्थापित कर जिला नारायणपुर का देश में प्रथम रेंकिंग हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अधिकतर मेडलिस्ट लड़के/लडकियां अबूझमाड़ के अंदरूनी क्षेत्र के हैं जिन्हें हाई स्कूल परिसर में ही बैरिक बनाकर रखा गया है।

नारायणपुर पुलिस द्वारा अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीण बच्चों को खेल से जोडने तथा उनके शारीरिक व मानसिक विकास के उद्देश्य से जिला को 04 अनुभाग में विभाजित कर अनुभाग स्तर पर खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम अनुभाग स्तर पर खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, अनुभाग स्तर के सभी विजेता एवं उप विजेता टीम के खिलाडियों को आउटडोर एवं इनडोर जिला स्तरीय प्रतियोगिता में खेलने का अवसर प्रदान किया गया। फुटबाल, व्हालीबाल, टीम के प्रतिभागियों को खेल सामग्री एवं अध्ययन सामग्री वितरित किया गया।

सभी अनुभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त गांव के ग्रामीण खिलाडियों द्वारा इस प्रतियोगिता में भाग लिया गया, प्रतियोगिता में लगभग सभी खेलों को शामिल किया गया, जिसमें इनडोर और आउटडोर के खेल, जैसे दौड़, रिले रेस, गोला फेंक, तवा फेंक, भाला फेंक, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्डी, व्हालीबाल, फुटबाल, टेबल टेनिस और शतरंज में भाग लिया। विभिन्न खेल विधाओं में विजेता एवं उप विजेता खिलाडियों को ईनाम एवं स्पोर्ट्स सामग्री वितरण किया गया। नारायणपुर पुलिस द्वारा प्रतिवर्ष फरवरी माह में बृहद स्तर पर अबूझमाड़ मैराथन “रन फॉर पीस” का आयोजन कराया जाता है, जिसमें हजारो प्रतिभागी पूरे उत्साह के साथ भागीदारी करते हैं इस आयोजन की राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि है। इस वर्ष कोरोना महामारी के कारण यह कार्यक्रम अस्थाई रूप से स्थगित रखी गई है।

नारायणपुर पुलिस की ओर से गणतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं