सेल प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ खदानों में हुई जबरदस्त हड़ताल 

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दल्लीराजहरा नियमित कर्मचारियों के 39 महीने के एरियर्स सहित वेज रिवीजन के तमाम लंबित मुद्दों, बोनस पर प्रबंधन के एक तरफा फैसला के खिलाफ एवं ठेका मजदूर को समान काम के लिए समान वेतन नहीं दिए जाने के खिलाफ सेल स्तरीय हड़ताल में खदान के नियमित एवं ठेका कर्मचारियों ने बढ़कर हिस्सेदारी की।

आज सुबह 5:00 से ही लौह अयस्क खान समूह राजहरा की समस्त खदानों में यूनियन एवं कर्मचारियों ने मोर्चा संभाल लिया।हालांकि खदान के सभी नियमित एवं ठेका कर्मचारी स्वमेव हड़ताल पर रहे । सभी खदानों में शत प्रतिशत हड़ताल रही एवं खदानों का उत्पादन पूरी तरह ठप रहा । कर्मचारियों में इतना आक्रोश था की अत्यआवश्यक सेवाएं भी बंद कर दी गईं । प्रबंधन के निवेदन के बाद द्वितीय पाली में वाटर सप्लाई बहाल हो पायी ।इस बीच प्रबंधन ने यूनियनों की बैठक बुलाकर स्थानीय स्तर के मुद्दों को यथाशीघ्र हल करने का आश्वासन दिया । फिर भी सेल स्तर के मुद्दों पर आक्रोशित यूनियन एवं श्रमिकों ने हड़ताल को जारी रखने का फैसला लिया। प्रथम एवं द्वितीय पाली में हड़ताल शत प्रतिशत सफल रही नाइट शिफ्ट में भी हड़ताल पूरी तरह सफल रहेगी। इस बीच एटक के सचिव कमलजीत सिंह मान ने कहा कि यदि प्रबंधन इस हड़ताल के बाद भी अपने रवैया में परिवर्तन नहीं करता तो आगे और बड़ा आंदोलन होने की पूरी संभावना है। सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा की सेल प्रबंधन को कर्मचारी और यूनियनों ने सभी लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए पर्याप्त समय दिया लेकिन इसके बाद भी प्रबंधन ने कर्मचारी और यूनियनों को कमजोर समझा और अपने अडियल रवैया पर अडिग है, जिसके परिणाम स्वरूप यह हड़ताल हुई है । यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया तो आगे इससे और बड़ी हड़ताल होगी । इंटक के अभय सिंह ने कहा कि यह हड़ताल सेल प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ है। प्रबंधन मजदूरों के प्रति अपने सोच में जल्द बदलाव लाए अन्यथा औद्योगिक अशांति के लिए प्रबंधन जिम्मेदार रहेगा ।बीएमएस के अध्यक्ष मुस्ताक अहमद ने कहा कि नियमित एवं ठेका दोनों ही प्रकार के श्रमिकों का शोषण सेल में लगातार हो रहा है यूनियनों ने पहले शांतिपूर्ण ढंग से मामले को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन प्रबंधन की समझ में हड़ताल की भाषा ही आती है ।छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ के अध्यक्ष सोमनाथ उइके ने कहा कि दल्ली राजहरा की परंपरा अनुसार नियमित और ठेका मजदूर कंधे से कंधा मिलाकर हर आंदोलन को सफल बनाते हैं, इस बार भी इस परंपरा को कायम रखने में हम सफल रहे हैं ।आशा है कि प्रबंधन की नींद जल्द टूटेगी । जन मुक्ति मोर्चा के सचिव बसंत रावटे ने कहा कि सेल प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय प्रबंधन भी मजदूरों की समस्याओं को निराकरण करने में उदासीन रवैया अपना रहा है इसलिए आज की हड़ताल यह चेतावनी है कि सेल स्तर के साथ-साथ स्थानीय ठेका मजदूरों की समस्याओं पर भी प्रबंधन जल्द संज्ञान ले अन्यथा आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा । आज की हड़ताल को सफल बनाने में एटक से राजेन्द्र बेहरा ,तोरण लाल साहू, कुलदीप सिंह, इंटक से तिलक मानकर, तेजेन्दर, सीटू से जे गुरुवुलु, विनोद मिश्रा, सुजीत मुखर्जी, बीएमएस से लखन चौधरी, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ से सुरेंद्र साहू, शैलेश,राजाराम जन्म मुक्ति मोर्चा से विजय सिंह शिवाजी, संजय सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की । आज सभी खदान कर्मियों ने संकल्प लिया कि यदि जल्द ही सेल प्रबंधन ने अपना रवैया बदलते हुए मजदूरों की लंबित समस्याओं का निराकरण नहीं किया तो आगे हम और बड़े आंदोलन के लिए पूरी तरह तैयार है