- मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद छिन गई थी 10 लोगों की आंखों की रौशनी
- ऑपरेशन थिएटर को बिना सेनेटाइज किए वहीं कर दिया गया ऑपरेशन
–अर्जुन झा–
जगदलपुर बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय में घटित आंख फोड़वा कांड के सिलसिले में जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम को सस्पेंड कर दिया गया है। डॉ. गीता नेताम के निलंबन की कार्रवाई राज्य के वन मंत्री एवं दंतेवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप के आदेश पर की गई है।
उल्लेखनीय है कि अंधत्व निवारण अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय में 20 ग्रामीणों की आंखों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद संबंधित लोगों की आंखो में इन्फेंक्शन की शिकायत शुरू हो गई। ग्रामीणों हालात बिगड़ने लगी। इसके बाद 10 ग्रामीणों को आनन- फानन में जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में लाकर भर्ती कराया गया था। जहां से शनिवार को ये सभी ग्रामीण रायपुर रेफर कर दिए गए।कई ग्रामीणों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने ऑपरेशन में घोर लापरवाही बरती थी। जिला चिकित्सालय के सालभर से बंद पड़े ऑपरेशन थिएटर को बिना सेनेटाइज किए ही वहां मोतियाबिंद के मरीजों की आंखों का ऑपरेशन कर दिया गया था। जबकि ऑपरेशन थिएटर में धूल गर्द जमी हुई थी। किसी भी तरह के ऑपरेशन में बड़ी सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। जब आंख जैसे संवेदनशील अंग के ऑपरेशन की बात हो तो और भी ज्यादा सतर्कता बरतनी होती है। मगर जिला चिकित्सालय प्रशासन ने घोर लापरवाही बरतते हुए गंदगी से भरे ऑपरेशन थिएटर में ही मरीजों की आंखों का ऑपरेशन करवा दिया। नेत्र सर्जन ने भी धूल गर्द की परवाह किए बगैर और उसके चलते संभावित खतरे की अनदेखी करते हुए एक के बाद एक धड़ाधड़ बीस ग्रामीणों की आंखों के ऑपरेशन की प्रक्रिया हड़बड़ी में निबटा दी। इसका दुष्परिणाम ऑपरेशन के बाद देखने को मिला और इसका खामियाजा बेकसूर ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों की हालत बिगड़ने पर उन्हें आनन फानन में दो वाहनों में भरकर मेडिकल कॉलेज डिमरापाल लाकर भर्ती करा दिया गया। जब यहां भी बात नहीं बनी तो सभी मरीजों को मेकाहारा रायपुर रेफर कर दिया गया। बताते हैं कि वहां मरीजों की आंखों का दोबारा ऑपरेशन किया गया है। दंतेवाड़ा में 20 ग्रामीणों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 10 लोगों की आंखों में इन्फेक्शन की शिकायत सामने आई थी। कुछ मरीजों की आंख में दर्द था, तो कुछ को ऑपरेशन के बाद कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। आंखों से लगातार पानी बह रहा था। मरीजों के साथ आए परिजनों ने बताया कि मितानिन के जरिए वे सोमवार को दंतेवाड़ा अस्पताल मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए परिजन मरीजों को लेकर पहुंचे थे। दंतेवाड़ा अस्पताल में मंगलवार को ऑपरेशन किया गया। बुधवार से ही मरीजों को समस्या आनी शुरू हो गई। बुधवार को मरीजों की आखों की सफाई कराई गई। इसके बाद मामला बिगड़ता देख गुरुवार को आनन- फानन में दो अलग-अलग गाड़ियों से मरीजों को दंतेवाड़ा से रायपुर भेजा गया। इसके बाद शुक्रवार को ही रायपुर में डॉक्टर्स की टीम ने इन मरीजों के दोबारा ऑपरेशन किए।
मंत्री कश्यप का कड़ा रुख
मामला संज्ञान में आते ही वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा दंतेवाड़ा जिले के प्रभारी मंत्री केदार कश्यप ने तत्परता और संवेदनशीलता का परिचय दिया। उन्होंने तुरंत लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के शीर्ष अधिकारियों को मामले में फौरी कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही मंत्री केदार कश्यप ने मेकाहारा के डीन को भी जगदलपुर मेडिकल कॉलेज से रेफर किए गए दंतेवाड़ा के नेत्र पीड़ित मरीजों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मंत्री केदार कश्यप के कड़े रुख को देखते हुए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अवर सचिव ने दंतेवाड़ा जिला चिकित्सालय की नेत्र सर्जन डॉ. गीता नेताम को निलंबित कर दिया है। डॉ. गीता नेताम को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय दंतेवाड़ा में अटैच किया गया है। मंत्री केदार कश्यप द्वारा बिना देरी किए उठाए गए इस कदम की जमकर सराहना हो रही है।