निजी अस्पताल कोरोना मरीजों से मनमानी फीस वसूली कर रहे हैं। संक्रमण का खतरा, ऑक्सीजन की कमी, ICU चार्ज, डॉक्टर की कमी…और न जाने किस किस बात पर वसूली कर रहे है जिस पर सांसद दीपक बैज संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से जानकारी मांगी है कि क्या निजी अस्पताल कोविड-19 के उपचार की दरों के निर्धारित नहीं होने के कारण उपचार हेतु भर्ती हुए रोगियों से मनमानी राशि वसूल कर रहे हैं; यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; क्या सरकार कोविड-19 के रोगियों के उपचार हेतु निजी अस्पतालों के लिए दर निर्धारित करने पर विचार कर रही है ताकि अस्पताल जनसाधारण से उपचार के लिए मनमानी राशि न वसूल सकें; और यदि निजी अस्पतालों के लिए दर निर्धारित किये गए है तो उसका ब्यौरा क्या है?
जिसके प्रतिउत्तर में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री (डॉ. भारती प्रविण पवार) ने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों को कोविड-19 मामलों के प्रबंधन के लिए निजी क्षेत्र की सेवाएं लेने सहित कोविड समर्पित स्वास्थ्य सुविधाओं का एक नेटवर्क बनाने और संचालित करने की सलाह दी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को संबंधित राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों हेतु विभिन्न कोविड-19 संबंधित सुविधाओं/परीक्षणों आदि की उचित दरें निर्धारित करने की भी सलाह दी है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में पैनलबद्ध अस्पतालों में सभी पात्र लाभार्थियों हेतु कोविड-19 के लिए परीक्षण और उपचार पैकेज निर्धारित किया गया है। मरीजों से मनमाने ढंग से पैसे वसूलने वाले निजी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए राज्य ‘नैदानिक स्थापना अधिनियम के तहत किए गए प्रावधानों का उपयोग कर सकते हैं।