(अर्जुन झा)
जगदलपुर। भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ प्रभारी राष्ट्रीय महामंत्री डी. पुरंदेश्वरी का बस्तर दौरा इस बार पहले जैसा सनसनीखेज नहीं रहा। दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा में माई के दर्शन के बाद उन्होंने उत्तर बस्तर के कांकेर और कोंडागांव का दौरा कर कार्यकर्ताओं को चार्ज किया। जगदलपुर के संजय गांधी वार्ड पार्षद के मामले का हवाला देकर प्रधानमंत्री आवास योजना में वसूलीबाजी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस को घेरने की कोशिश की लेकिन मध्य बस्तर जगदलपुर के भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को उनका मार्गदर्शन नहीं मिल सका। वे बस्तर दौरे के बीच में ही यूपी चुनाव प्रचार के लिए रवाना हो गईं।
इधर मध्य बस्तर में भाजपा उनका इंतजार करती रह गई। पुरंदेश्वरी के अचानक चले जाने की वजह से रायपुर में भाजपा कोर ग्रुप की बैठक भी रद्द कर दी गई। चुनावी दौर में राजनीतिक दलों के तमाम बड़े नेताओं को चुनावी राज्य में प्रचार के लिए भेजा जाता है। पुरंदेश्वरी भाजपा की राष्ट्रीय ओहदेदार और तेजतर्रार नेता हैं लेकिन वे जब छत्तीसगढ़ प्रभारी की हैसियत से राज्य के पूर्व निर्धारित संगठन दौरे पर थीं तो उनका दौरा पूरा होने के लिए एक रोज का इंतजार भी किया जा सकता था। उनके दौरा अधूरा छोड़कर जाने पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया चाहे जो भी है, वह अपनी जगह है किंतु भाजपा को इससे निराशा ही हुई है। जगदलपुर में प्रधानमंत्री आवास मामले में भाजपा ने भारी हंगामा मचाया था। पूर्व मंत्री केदार कश्यप सहित कई नेताओं और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी हुई थी। राजधानी तक भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला चल पड़ा था। जगदलपुर भाजपा को उम्मीद थी कि पुरंदेश्वरी आयेंगी और पिछ्ली बार की तरह कांग्रेस की सरकार को थूक में बहाने वाला जोश कार्यकर्ताओं में भरेंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मध्य बस्तर के भाजपा कार्यकर्ता महसूस कर रहे हैं कि तेरा जाना, दिल के अरमानों का लुट जाना। वैसे भाजपा के भरोसेमंद सूत्र बता रहे हैं कि पुरंदेश्वरी अगले महीने की शुरुआत में फिर आयेंगी और मध्य बस्तर में मोर्चा सम्हालेंगी। वैसे तब तक के लिए यह कहा जा सकता है कि आये भी वो, गये भी वो, खत्म फ़साना हो गया।