जगदलपुर। जगदलपुर जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव ध्वनि मत से पास हो गया। जनपद में गहमागहमी के बीच अविश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया प्रारंभ हुई सर्वाधिक दिलचस्प बात है कि भाजपा समर्थित दो लोगों ने भी उनका साथ नहीं दिया जिसके कारण 2 मत से ही उन्हें संतोष व्यक्त करना पड़ा और कुर्सी भी गंवानी पड़ी। उनके भाग्य का फैसला उनके वह साथियों ने किया जो कांग्रेस से बगावत कर उनको सदस्य बनाए थे।
जनपद पंचायत में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष एक ही खेमें के थे भले ही दल क्यों अलग-अलग ना हो। सुब्रतो विश्वास को जनपद अध्यक्ष अनिता पोयाम ने समर्थन देकर उपाध्यक्ष बनाया था किंतु उपाध्यक्ष बनने के बाद विश्वास अपने दल भाजपा की राह पर चलने लगे तो पोयाम को ही कटघरे में खड़ा करने लगे जिसकी परीणिती यह हुई कि अध्यक्ष सहित 14 जनपद सदस्य कुर्सी से हटाने की सोची है। जनपद पंचायत जगदलपुर में आज फिर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास को मात्र एक जनपद सदस्य का साथ मिला |
गेम प्लान बिगाड़ने पति का सहारा
कांग्रेस पार्टी के निर्वाचित सदस्यों ने पिछली बार क्रास वोटिंग किया था जिसके कारण सुब्रतो विश्वास जीत गए थे। इस बार फिर सुब्रतो पतियों पर डोरे डाल कर पत्नियों को अपने पक्ष में गोलबंदी करने की फिराक में थे। कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ कार्यकर्ता लक्ष्मीनथ भारद्वाज से मीडिया के माध्यम से इस्तीफा भी दिलवाया गया किंतु यह सिर्फ और सिर्फ मीडिया की सुर्खियां ही बनी।
भाजपाईयों को तोड़ने में कामयाब
कांग्रेसी एक खेमें में आ गए हैं और जनपद उपाध्यक्ष विश्वास को पदच्युत करने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेसियों के साथ-साथ भाजपाइयों के भी शामिल हो जाने से भाजपाइयों की रणनीति किसी भी प्रकार के काम नहीं आई। दरअसल इस मामले में भाजपा कुछ भी करने से बचती रही क्योंकि वह दूसरे प्रकरणों में उलझ कर ही रह गई जिसका फायदा कांग्रेसियों ने उठा लिया ।