राज्यपाल ने सरकार के समावेशी विकास के छत्तीसगढ़ माॅडल की सराहना की, विपक्ष के बहिर्गमन से कार्रवाई मंगलवार तक स्थगित

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रायपुर। राज्यपाल अनुसुइया उईके के अभिभाषण के साथ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हुआ। राज्यपाल ने सरकार के समावेशी विकास के माॅडल की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। विपक्ष के सदस्यों की टोकाटाकी के बीच राज्यपाल उईके ने कहा, स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्मगौरव के प्रति सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। प्रदेश के समावेशी विकास का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, मैं चाहती हूं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास में आई तेजी का सिलसिला लगातार जारी रहे और इसमें आप सबका भरपूर सहयोग मिले। सत्र के पहले ही दिन सदन में विपक्ष की तरफ से हंगामा शुरू हो गया है। सदस्यों ने सत्र की अवधि छोटी होने और चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं होने की बात कहते हुए समय बढ़ाने की मांग की। अध्यक्ष ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया, इसके बावजूद विपक्षी भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

राज्यपाल के अभिभाषण में मूल रूप से कृषि और गांवों पर ही फोकस था। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के शुरूआत में कहा, छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2022 के पहले सत्र के अवसर पर आप सबको बधाई और शुभकामनाएं। मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं। मुझे खुशी है कि सदस्य के रूप में आप लोगों ने इस सदन की गौरवशाली परंपराओं का निर्वाह किया है। लोकतंत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। राज्यपाल ने कहा, सरकार वास्तव में किसानों, वन आश्रितों और मजदूरों की सरकार है, जिनके आत्म-सम्मान के लिए आय और भागीदारी बढ़ाने की रणनीति अपनाई गई है। खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है। सरकार द्वारा राज्य की अस्मिता, स्थानीय संसाधनों के सदुपयोग, सबके स्वावलंबन, उन्नत स्वास्थ्य एवं शिक्षा के साथ समृद्ध और खुशहाल छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में उठाए गए कदमों से न सिर्फ तात्कालिक संकटों का समाधान हुआ है बल्कि राज्य की दीर्घकालीन विकास नीति की बुनियाद भी मजबूत हुई है। अभिभाषण को लेकर सदन में कांग्रेस विधायक संतकुमार नेताम ने कृतज्ञता प्रस्ताव लाया, जिसका समर्थन विधायक अरूण वोरा ने किया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कृतज्ञता ज्ञापन पर मंगलवार को चर्चा कराने सदस्यों से संशोधन प्रस्ताव मंगलवार सुबह 11 बजे तक देने कहा है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान

राज्यपाल ने कहा, सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर आयाम पर ध्यान दिया है। खेती के प्रति लोगों का बढ़ता रुझान सरकार की बड़ी सफलता है। प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों में चिराग योजना शुरू हुईं है, इससे इन अंचलों में आजीविका के नए अवसर मिलेंगे। गोबर से जैविक खाद बनाया जा रहा है ताकि रासायनिक खाद की कमी से निपटा जा सके। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत इसी वित्तीय वर्ष से करने का वादा भी निभाया है। किसानों की सुविधाएं और आय बढ़ाने के लिए सरकार ने इस वर्ष 173 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले। समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया।

अवैध शराब रोकने दो संभाग, विपक्ष ने कहा, घर पहुंच सेवा उपलब्ध

राज्यपाल ने कहा, सरकार ने शहरों, गांवों सहित सभी क्षेत्रों में सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाई है। कुशल प्रबंधन और उत्तम रखरखाव से प्रदेश के बिजली घरों में उत्पादन के कीर्तिमान बनाए, वहीं पारेषण प्रणाली की उपलब्धता भी 99 प्रतिशत से अधिक रही, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है। डीएमएफ में भी कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा, सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत 99 दुकानों को बंद किया है। अवैध शराब की रोकथाम के लिए दो आबकारी संभाग बनाया है। अभिभाषण के बीच में ही भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, घर पहुंच सेवा में केवल शराब उपलब्ध है। वहीं अजय चंद्राकर ने कहा, आपके भाषण की गंभीरता यह है कि न पूरे मंत्री मौजूद हैं और न अधिकारी।

विमानन सेवाओं के विकास में कार्य

राज्यपाल ने कहा, राम वनगमन पर्यटन परिपथ के विकास के संकल्प को सरकार बहुत गंभीरता से पूरा कर रही है। सरकार के विशेष प्रयासों से जगदलपुर तथा बिलासपुर हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास कर रही है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से भी घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है। विमानन अधोसंरचना विकास के क्रम में राज्य शासन द्वारा कोरिया जिला में एक नवीन हवाई पट्टी विकसित करने तथा कोरबा जिला में एक व्यावसायिक एयरपोर्ट के विकास की कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई है।
सदन में पहले ही दिन विपक्ष का हंगामा और बहिर्गमन, कार्रवाई स्थगित

विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन सदन में विपक्ष की तरफ से हंगामा शुरू हो गया है। सदस्यों ने विधानसभा सत्र की अवधि छोटी होने और चर्चा के लिए पर्याप्त समय नहीं होने की बात कहते हुए समय बढ़ाने की मांग की। अध्यक्ष इस पर विचार करने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद विपक्ष भाजपा के सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के सदस्य ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर सामान्यता दो दिन चर्चा होती है लेकिन इस बार चर्चा के लिए एक दिन का समय तय किया गया है उसी दिन अनुपूरक बजट पर भी चर्चा होगी। ऐसे में सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए कम समय मिलेगा। विपक्ष ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में मंगलवार को चर्चा करा ली जाए और अनुपूरक बजट पर एक दिन बाद बुधवार को चर्चा हो। भाजपा की तरफ से विधायक अजय चंद्राकर ने सोमवार को ही सदन की कार्रवाई पूरे दिन चलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम पूरे दिन बैठने को तैयार हैं। सरकार पूरक कार्य सूची जारी कर दे इसको लेकर सरकार की तरफ से आपत्ति हुई। वही अध्यक्ष ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया लेकिन भाजपा के सदस्य तुरंत फैसला करने की मांग करने लगे जब अध्यक्ष ने तत्काल कोई व्यवस्था नहीं दी तो भाजपा के सभी सदस्य सदन से बाहर चले गए। इसके साथ ही सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।