नारायणपुर– नगर के हृदय स्थल में स्थित शहर के सबसे बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान मानसरोवर में आज अचानक भरी दोपहर में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। जिसके बाद दुकान में काम करने वाले लगभग 70 कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई और काफी जद्दोजहद के बाद कर्मचारियों को बाहर निकाला जा सका। वही मानसरोवर के संचालक विनोद बाफना को उनके तीन साथियों के साथ बिल्डिंग के पीछे से शहर वासियों के द्वारा सीढ़ी लगाकर किसी तरह नीचे उतारा गया, परंतु मानसरोवर के मैनेजर जिनका नाम ज्ञानेंद्र बताया जा रहा है,उन्हें खबर लिखे जाने तक घटना के 5 घंटे के बाद भी नहीं निकाला जा सका। इस अग्निकांड में करोड़ों का माल जलकर खाक हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अग्निशमन की पूरी टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में लगभग 1 घंटे का समय लग गया, तब तक पूरे प्रतिष्ठान में आग फैल चुकी थी। अग्निशमन गाड़ियों के पहुंचने के बाद जब आग पर काबू पाने की कोशिश की जाने लगी, तब एक अग्निशमन यंत्र खराब निकला। जिससे आग में काबू पाने में और देरी हुई। कोंडागांव जिले से मंगाई गई अग्निशमन टीम के काफी प्रयास के बाद आग पर बमुश्किल काबू पाया गया। इस घटना के बाद नगर की जनता में प्रशासन के सुस्त रवैये को लेकर रोष देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है,कि इतने बड़े शहर में मात्र दो ही अग्निशमन यंत्र हैं और इन दोनों में से एक का खराब होना नारायणपुर की प्रशासनिक व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।