मस्त रहो मस्ती में …

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी मिशन 2023 के लिए बस्तर में सक्रिय हैं। वे लगातार यहां का दौरा कर कार्यकर्ताओं में जोश भरना चाहती हैं लेकिन यहां आलम यह है कि कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने की जिम्मेदारी जिन स्थानीय नेताओं की है, वे ही प्रदेश प्रभारी के दौरे को लेकर उत्साहित नहीं हैं तो सामान्य कार्यकर्ता कितना उत्साहित हो सकता है? डी. पुरन्देश्वरी 14 मार्च को तीन दिवसीय प्रवास पर बस्तर आ रहीं है।

वे 14 मार्च से 17 मार्च तक प्रवास पर रहेंगी। इस दौरान डी. पुरंदेश्वरी बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा और बस्तर जिले में प्रवास करेंगी। पुरंदेश्वरी के बस्तर आगमन को लेकर भाजपा की बैठक में प्रदेश महामंत्री किरण देव बोलते रहे। लेकिन उनके बगल में बैठे प्रदेश मंत्री श्रीनिवास मद्दी मिर्ची सेठ मोबाइल में मशगूल दिखे। मिर्ची सेठ भाजपा के शासन काल में सत्ता के राजनीतिक पद का भरपूर आनंद ले चुके हैं और अब संघर्ष काल में भी अपनी मस्ती में मस्त हैं। यह झांकी तो यही बता रही है कि पुरंदेश्वरी के दौरे की तैयारी की बैठक को वे कितनी गंभीरता से ले रहे हैं। यदि भाजपा के किसी साधारण कार्यकर्ता ने ऐसी ही गंभीरता दिखाई होती तो उस पर अनुशासन का हंटर पड़ गया होता। पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ की राजनीति में हंटर वाली के नाम से चर्चित हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं कि डी. पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ आती हैं तो अच्छा लगता है। वह यहां आकर बड़े-बड़े भाजपा नेताओं को उनकी औकात दिखा जाती हैं तब पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कहते हैं कि भूपेश बघेल हंटर वाली से डर गए। अब भूपेश बघेल हंटर वाली से डरते हैं या नहीं डरते हैं या कितना डरते हैं, यह अलग बात है लेकिन भाजपा के बस्तरिया नेता हंटर वाली के लिए कितने संवेदनशील हैं, यह बस्तर में चर्चा का विषय बन गया है। यदि अपनी ही प्रदेश प्रभारी के बस्तर दौरे के मद्देनजर होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी तक का ऐसा व्यवहार सामने आएगा तो आम कार्यकर्ता तक आखिर क्या पैगाम जाएगा?