डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र में एक भी आदिवासी व्यक्ति मंत्री प्रतिनिधि नहीं

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  • डौंडीलोहारा विधानसभा के विधायिका (मंत्री) के साथ-साथ यहां के मंत्री प्रतिनिधि भी पूरी तरीके से निष्क्रिय:–विक्रम धुर्वे

दल्लीराजहरा विक्रम धुर्वे (जिलाध्यक्ष,भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा बालोद व सांसद प्रतिनिधि) ने कहा कि डौंडीलोहारा विधानसभा के आदिवासी मतदाताओ का हक़ छीनकर मंत्री प्रतिनिधि बन बैठे लोगो को अपनी सरकार द्वारा किये जा रहे कुशासन के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेना चाहिए। डौंडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को प्रधानमंत्री आवास का लाभ दिलाने में असफल रहने वाले लोग क्षेत्र में विकास होने का झूठ फैला रहे है क्षेत्र के मंत्री का प्रतिनिधि होने से मंत्री प्रतिनिधि को क्षेत्र में आम जनता की परेशानी की जानकारी लेकर बयान देना चाहिए। विक्रम धुर्वे ने कहा मंत्री प्रतिनिधि जैसे जिम्मेदार लोग गलत बयानबाजी कर क्षेत्र की जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे है लेकिन डौंडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र की जनता बीते चार साल में जान गई है कि किसका विकास हुआ है और हो रहा है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में विकास कही नजर नही आ रहा है लोग विकास नाम की चिड़िया को ढूंढ रहे है कि ये विकास नाम की चिड़िया डौंडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र के किस ग्राम में है। विक्रम धुर्वे ने आगे कहा विकास के अलावा स्थानीय विधायक की निष्क्रियता के कारण क्षेत्र के लोगो का प्रधानमंत्री आवास का सपना चकनाचूर हो गया है।केन्द्र की मोदी सरकार आवास बनाने राशि भेज रही ही और प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपना राज्यांश नही दे पा रही है जिसके कारण लाखो प्रधानमंत्री आवास की राशि वापस हो गयी है और मंत्री प्रतिनिधि बगैर जानकारी के डौंडी लोहारा विधानसभा क्षेत्र में आवास बनाने का गलत आंकड़ा देकर लोगो को भ्रमित कर रहे है। और प्रदेश की जनता को केंद्र द्वारा मिलने वाले योजनाओं का लाभ ना पहुचे इसी दिशा में कांग्रेस सरकार काम कर रही है जिससे कांग्रेस की दोहरे चरित्र आमजनता के सामने आया है। मैंने कई बार राज्यांश जो प्रदेश सरकार आवंटन करती है इस बात का जिला स्तर पर अनुरोध किया था।परंतु इस योजना की राशि उपलब्ध नहीं की जा सकी फल स्वरुप प्रदेश के लगभग 16 लाख लोगो की आवास नहीं बनाया जा सका।और उनका खुद का घर देख पाने का सपना सपना ही रह गया।आज देश में 2.52 करोड़ के लगभग आवास बने है।परंतु छत्तीसगढ़ की सरकार ने अपनी छवि चमकाने के लिए प्रधानमंत्री आवास को रोके रखा।देश के सभी राज्यों में से छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल को छोड़कर प्रधानमंत्री आवास ग्रामीणों की पहली सूची पूर्ण कर ली है और वर्ष 2016 के सर्वे सूची के अनुसार जिसे आवास प्लस कहा जाता है।उस पर काम शुरू कर दिया है।2021-22 में छत्तीसगढ़ में लगभग 7 लाख 81 हजार आवास बनने थे। जिसे केंद्र सरकार ने वापस ले लिया जिसका मूल कारण सरकार द्वारा रुचि ना दिखाना और 2019 से राज्यांश केंद्र को ना देना है।गरीबो का हक़ छीनकर इस कांग्रेस सरकार को कैसा सुकून मिलता है इसके बारे में हमे बेहतर रूप से हमारी निष्क्रिय विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री ही बता पायेंगी। भाजपा द्वारा यह मांग किया गया है कि सभी हितग्राहियों की किस्त आवंटित हो एवं सभी जरूरतमंद,वंछित हितग्राहियों को उनका आवास स्वीकृत किया जाए।आने वाले समय मे भारतीय जनता पार्टी गरीबो के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ने को तैयार है।