लौह नगरी में धूल से परेशान लोगों ने मुख्य सड़क पर किया चक्का जाम

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किरंदुल – लौह नगरी किरंदुल इन दिनों पूरी तरह धूल की चपेट में है। सड़कों पर पैदल यात्री एवं दोपहिया वाहनों का चलना मुश्किल हो गया है। विदित हो कि किरंदुल नगर को दो हिस्से में जोड़ने के लिए एकमात्र सड़क है, इस सड़क पर बड़ी मालवाहक गाड़ियां जैसे टिप्पर, हाईवा, 10 चक्का आदि का आवागमन ज्यादा हो गया है। इसके कारण पैदल यात्री एवं दुपहिया वाहन का इस सड़क पर चलना बहुत ही कठिन हो गया है। धूल के गुबार के कारण कई बार सामने से आने वाली गाड़ी नहीं दिखती है, जिससे कई दुर्घटनाएं भी इस सड़क पर हुई है।

हाईवा द्वारा लौह अयस्क चूर्ण का परिवहन किया जाता है, जो हवा में उड़ कर पूरे नगर में फैल रही है। सड़क ही नहीं बल्कि लोगों के घरों में भी यह लौह चूर्ण रोजाना देखने को मिलते हैं। इन सभी समस्याओं को देखते हुए आज दोपहर 11:30 बजे नगर के आईबीपी पेट्रोल पंप के सामने की मुख्य सड़क को नगर वासियों ने जाम कर दिया। देखते ही देखते सड़क के दोनों तरफ गाड़ियों की लाइन लग गई। नगरवासी धूल मुक्त नगर की नारेबाजी भी करते दिखे। दोपहर 1:00 बजे तक सभी नगरवासी सड़क पर डटे रहे। उनकी एक मात्र मांग हाईवा बंद नगर को धूल से बचाये। एनएमडीसी परियोजना में कर्मचारियों को कार्य स्थल ले जाने वाली बसें भी इस जाम में फंसी रही। परियोजना प्रबंधन उत्पादन बाधित होता देख तत्काल अपने अधिकारियों को उक्त स्थल पर भेजा। जहां अधिकारियों ने परियोजना की तरफ से आश्वासन दिया की बड़ी गाड़ियों का आवागमन तत्काल प्रबंधन द्वारा बंद कर दिया गया है। और संध्या 4:00 बजे आपके साथ परियोजना प्रबंधन एक बैठक रखकर समस्या का समाधान निकालेगी। आपके साथ आपसी सहमति के हिसाब से ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। तब तक सभी गाड़ियां उस रास्ते पर पूर्ण रूप से बंद रहेगी। आज के इस जन आंदोलन का नेतृत्व एटक के कार्यकारी अध्यक्ष मधुकर सितापराव द्वारा किया जा रहा था। जिसमें नगर के अन्य नागरिक देवरायालु, नरसिम्हा रेड्डी, नोमेश्वर राव, वेंकट राव, एकेटेश्वर राव, प्रदीप, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अनिल राज मोल, महिला समिति की अध्यक्ष कांता, सचिव विमला भंडारी, आर ए यादव, राजनाथ, मुर्गेश रेड्डी, डबल स्टोरी के महिलाएं फाइनल और कैंप के कई लोग उपस्थित थे परियोजना प्रबंधन के आश्वासन के बाद मुख्य मार्ग को बहाल किया गया। सभी को 4:00 बजे होने वाली बैठक का इंतजार है। देखना यह है इस बैठक में क्या निर्णय लिए जाते हैं । गौरतलब हो कि पिछले वर्ष 16 फरवरी को भी इसी जगह पर इसी मुद्दे को लेकर नगर वासियों ने जोरदार आंदोलन किया था। तत्पश्चात परियोजना प्रबंधन ने लोगों को आश्वासन देख कर इस आंदोलन को समाप्त करवाया था। परंतु कुछ दिनों के बाद समस्या जस की तस हो गई। गाड़ियां फिर चढने लगी धूल फिर उड़ने लगी । प्रबंधन द्वारा यह भी आश्वासन दिया गया था कि 10 वर्षों से तैयार किया जा रहा फ्लाईओवर जो कि इस मार्ग की विकल के रूप में तैयार किया जा रहा है। उसे मार्च 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा परंतु फ्लाईओवर का कार्य पिछले वर्ष जहां तक था आज भी वही स्थिति में है ऐसे में क्या नगर वासियों को इस धूल से निजात मिल पाएगी यह आने वाला समय ही बताएगा।