खैरागढ़ के मैदान से राज परिवार बाहर, कांग्रेस लगाएगी स्थानीय पर दांव

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दशमत या जशोदा जंघेल को कांग्रेस दे सकती है टिकट

23 मार्च को नामांकन दाखिल करेगी कांग्रेस

रायपुर। खैरागढ़ उपचुनाव में यह संभावना बेहद गर्म थी कि कांग्रेस पार्टी इस चुनाव में खैरागढ़ राजपरिवार के किसी सदस्य पर दांव लगा सकती है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस प्रभारी, मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष के बीच हुई मंत्रणा के बाद अब ये साफ दिखाई दे रहा है कि कांग्रेस ने विवादित राज परिवार से पल्ला झाड लिया है। पार्टी अब स्थानीय दोवदारों के साथ जातिय समीकरण का साधते हुए किसी ओबीसी लोधी को प्रत्याशी बना सकती है। दूसरी ओर भाजपा भी राज परिवार से मुंह फेरे दिखती है। अब तीसरी पार्टी छजकां यह तय करेगी कि वह राज परिवार के साथ जाए या स्थानीय के साथ है।

खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव की अधिसूचना जारी हुए तीन दिन हो चुके हैं। अभी तक कांग्रेस, भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने अपने प्रत्याशी के नाम तय नहीं किए है। कांग्रेस और भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति प्रत्याशियों के नामों की छंटनी कर हाईकमान को भेज चुकी है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस यहां से महिला प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारने जा रही है। यहां से दशमत जंघेल या जशोदा जंघेल का नाम सबसे उपर है। दोनों में से किसी एक को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। कांग्रेस की प्रदेश चुनाव समिति में जिन नामों पर चर्चा हुई उसमें ममता पाल, पूर्व विधायक गिरवर जंघेल, कदम कोठारी और एक अन्य के नाम पर चर्चा हुई। जातीय समीकरण को देखते हुए प्रत्याशी तय करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उपर छोड़ा गया है। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से चर्चा के बाद एक नाम पर हाईकमान मुहर लगाएगी। इस क्रम दशमत जंघेल और जशोदा जंघेल का नाम सबसे उपर है। यहां पर ममता पाल ने भी दावेदारी की थी लेकिन उनका नाम जातिगत समीकरण के कारण नाम कटने की संभावना है। पूर्व विधायक गिरवर जंघेल यहां से बहुत कम अंतर से हारे थे। उनका नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल है। इसके अलावा कदम कोठारी ने भी दावेदारी की है। बताया जाता है कि खैरागढ़ में 51 प्रतिशत पुरूष और 49 प्रतिशत महिला मतदाता हैं। यहां पर कांग्रेस ने इसके देखते हुए इस बार महिलाओं को मौका देने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि खैरागढ़ में 23 मार्च को कांग्रेस शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन भरेगी।

खैरागढ़ रही है छजकां की सीट

खैरागढ़ विधानसभा के लिए 2018 में हुए चुनाव में छजकां के नेता और राजपरिवार के सदस्य देवव्रत चुने गए उनकी निधन की वजह से चुनाव हो रहा है। लिहाजा सियासी तौर पर राज परिवार से छजकां की निकटता है अब छजकां को यह तय करना है कि वह अपनी पार्टी की रिक्त हुई सीट पर राज परिवार के किसी व्यक्ति पर दांव लगाए या किसी अन्य पर। इस मामले में कांग्रेस और भाजपा राज परिवार से फिलहाल दूर नजर आ रही है।

सत्र के बाद प्रचार में आएगी तेजी

खैरागढ़ विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस की तैयारी चुनाव समिति की बैठक के साथ ही शुरू हो गई है। विधानसभा के बजट सत्र को देखते हुए कांग्रेस ने यहां पर राजनांदगांव जिला कांग्रेस कमेटी और खैरागढ़ ब्लॉक कांग्रेस के पदाधिकारियों को यहां पर प्रचार में जुटने कहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम और जिले प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत को चुनाव जीताने की जिम्मेदारी सौपी गई है। बताया जाता है कि मंगलवार के बाद प्रभारी मंत्री यहां की बागडोर संभालेंगे।

छजकां की बैठक आज
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी खैरागढ़ उप चुनाव की तैयारियाें को अंतिम रूप देने 21 मार्च को संसदीय दल की बैठक बुलाई है। बैठक में खैरागढ़ उप चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी का नाम तय होगा। बैठक में संसदीय दल दिवंगत विधायक देवव्रत सिंह सहित अपने 21 नेताओं को श्रद्धांजलि देगा।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के महामंत्री महेश देवांगन ने संसदीय दल में शामिल नेताओं को बैठक संबंधी परिपत्र भेजा है। इसके मुताबिक यह बैठक यह बैठक रायपुर के सागौन बंगले में शाम 5 बजे से होगी। इसमें उप चुनाव की रणनीति के साथ संगठन के सदस्यता अभियान पर भी चर्चा होनी है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रवक्ता भगवानू नायक ने बताया, खैरागढ़ उप चुनाव में जीत की रणनीति बनाने के साथ उम्मीदवार भी तय किया जाएगा। संगठन की कोशिश है कि विधायक देवव्रत सिंह के निधन से खाली इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा जाए।