रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित सीएम हाउस का घेराव करने के मामले में 11 के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। शासकीय कार्य में बाधा और बलवा सहित गंभीर धाराओं के तहत किया गया है। अपराध पंजीबद्ध सभी को गिरफ्तार किया गया है। शनिवार को मुख्यमंत्री निवास के पास हुए विरोध प्रदर्शन की वजह से पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के एक नेता को गिरफ्तार कर लिया है। देर रात पूर्व मंत्री और विधायक बृजमोहन अग्रवाल सिविल लाइन थाने पहुंचे और उन्होंने पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जताई है।
सिविल लाइन थाने में गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट ले जाया जा रहा है। कल सीएम हाउस में आंदोलन में 11 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, जिसमें बीजेपी के कुछ नेता भी शामिल हैं। आरोपितों से बीजेपी नेता ओपी चौधरी राजेश मूणत सहित अन्य नेता मिलने पहुंचे। ग्राम सेरिखेड़ी के कुछ अवैध कब्जाधारियों को 21 मार्च तक क़ब्ज़ा हटाने नोटिस जारी किया गया था। जिसके विरोध में शनिवार को कुछ लोग ज्ञापन देने कलेक्ट्रेट जा रहे थे। इनकी अगुवाई सेरी खेड़ी उप-सरपंच अनिल शर्मा, उसका भाई सुनील शर्मा और अविनाश बाबी कश्यप कर रहे थे।
ज्ञापन लेने के लिए कलेक्ट्रेट में अधिकारी भी उपस्थित थे, कलेक्ट्रेट पहुंचने के पूर्व ही स्वर्ण जयंती तिराहे के पास ये लोग कलेक्ट्रेट का रास्ता छोड़ मुख्यमंत्री निवास के स्वर्ण जयंती तिराहे के पास जाकर नारेबाज़ी करने लगे और गेट को धकेल कर मुख्य गेट की तरफ जाने लगे। अतिरिक्त बल बुलाकर व्यवस्था ठीक कराई गई। कुछ प्रदर्शनियों के धक्का मुक्की से पुलिस अधिकारियों और जवानों को चोट भी आई। तय कार्यक्रम से अनावश्यक हटकर प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था बिगाड़ने वाले 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 11 आरोपितों के विरुद्ध थाना सिविल लाइन में एफआइआर दर्ज की गई।
पुलिस ने एक-एक करके सभी प्रदर्शनकारियों खदेड़कर सीएम हाउस परिसर के बाहर किया। आधे घंटे तक चले प्रदर्शन में काफी तनावपूर्ण माहौल रहा। भीड़ का नेतृत्व कर रहे भारतीय जनता पार्टी के नेता अनिमेष कश्यप के खिलाफ कार्रवाई की। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अनिमेष के खिलाफ बलवा के तहत मामला दर्ज किया है और रात भर सिविल लाइन थाने में ही रखा। अब भी अनिमेष पुलिस हिरासत में है, जिन्हें जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक सेड़ीखेड़ी के लगभग 150 परिवार के लोग मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने पहुंचे थे। 150 परिवार के लोग बिना नोटिस और विस्थापन को लेकर विरोध जताने पहुंचे थे। प्रदर्शन कर रहे लोगों का आरोप है कि उन्हें प्रशासन की ओर से 17 मार्च को इलाके को खाली करने का नोटिस दिया गया। जबकि 21 मार्च को बुलडोजर चलने का नोटिस दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि व्यवस्थापन के बाद ही उन्हें हटाया जाए।