चुनाव प्रचार में मंत्री ताम्रध्वज और धनेंद्र साहू को उतारा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में खैरागढ़ उप चुनाव को लेकर कांग्रेस, भाजपा और जाेगी कांग्रेस ने रणनीति के तहत प्रचार शुरू कर दिया है। यहां पर जातीय समीकरण के आधार पर कांग्रेस ने नई रणनीति बनाई है और सभी क्षेत्रों में संगठन के पदाधिकारियों को प्रचार के लिए उतारा है। कांग्रेस ने खैरागढ़ उप चुनाव में गठित जोन-सेक्टर और बूथ कमेटीवार प्रभारियों को गठन किया है। पार्टी का पूरा फोकस खैरागढ़ ग्रामीण पर है। यहां पर ओबीसी मतदाताओं की बहुलता को देखते हुए यहां पर चुनाव अभियान समिति के संयोजक के रूप में मंत्री ताम्रध्वज साहू और वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू को भेजा गया है। खैरागढ़ उपचुनाव को कांग्रेस और भाजपा की चुनावी जंग माना जा रहा है। इसीलिये कांग्रेस और भाजपा के नेताओं द्वारा जीत के दावे किये जा रहे हैं।
खैरागढ़ विधानसभा सीट पर लोधी समाज की बहुलता है जिसके चलते इस क्षेत्र से लोधी समाज के ही प्रत्याशी विजयी हुए हैं। यह बात स्पष्ट है कि लोधी बाहुल्य जातीय समीकरण को कांग्रेस समझा है और अपने उम्मीदवार को मैदान में फतेह करने की ओर बढ़ चुकी है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या इस बार भी जनता लोधी समाज के समीकरण के आधार पर ही वोट देती है और अगर जाति समीकरण के आधार पड़ वोट डाले जाते हैं तो कौन से पार्टी का प्रत्याशी बाजी मारेगा क्योंकि इस बार दोनों ही प्रत्याशी लोधी समाज से हैं। कांग्रेस की नजर जंघेल मतदाताओं के अलावा अन्य वर्ग के मतदाताओं पर भी है। यहां करीब 20 हजार साहू मतदाता हैं। आदिवासी मतदाताओं की संख्या करीब 22 हजार है। ओबीसी से पटेल, यादव और रजक मिलाकर करीब 30 हजार वोटर हैं। यहां करीब 15 हजार सतनामी वोटर भी हैं। जातीय समीकरण के आधार पर वोटरों को साधने कांग्रेस ने खैरागढ़ को दो भागों में शहरी और ग्रामीण बांटकर प्रचार शुरू किया है। कांग्रेस का जोर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा दिख रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के बूथ कमेटियों अध्यक्षों को यहां पर लगाया गया है। मंत्री ताम्रध्वज साहू और वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू यहां की लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं।
जमीनी तैयारियां शुरू
लोधी समाज की बहुलता वाले इस इलाके में कांग्रेस ने भूपेश सरकार की उपलब्धियों को चुनावी मुद्दा बनाया है। किसानों का कर्ज माफ, समर्थन मूल्य, गोधन न्याय योजना सहित सरकार की विकास योजनाओं और ग्रामीणों के अंत्योदय के साथ पार्टी चुनावी मैदान में है। वहीं भाजपा कांग्रेस सरकार के तीन सालो में किये गये कार्यों पर सवाल उठाकर चुनाव में जनता का समर्थन लेने का प्रयास करेगी।
चुनावी समीकरण को देख खैरागढ़ उप चुनाव का नतीजा तय होने की संभावनाएं हैं। एक ओर कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार के साथ-साथ ऐसे प्रत्याशी को मैदान में उतारा जो जंघेल समाज से है। भाजपा हर हाल में यह सीट जीतने की कोशिश में हैं, ताकि स्थानीय चुनाव में हार का सिलसिला तोड़ा जा सके। वहीं कांग्रेस इस सीट को अपने खाते में जोड़ने के लिए जमीनी तैयारियां शुरू कर चुकी है।
उप चुनाव में कांग्रेस का रहा है दबदबा
कांग्रेस का रिकार्ड रहा है कि उसने प्रदेश में हुए तीनों उपचुनाव में बाजी मारी है। छत्तीसगढ़ की राजनीति में कांग्रेस को 2018 से लेकर आज तक जीत ही नसीब हुई है। चित्रकुट, मरवाही, दंतेवाड़ा विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली। छत्तीसगढ़ उप चुनाव में भाजपा और जोगी कांग्रेस साथ आकर भी कांग्रेस को हराने में नाकामयाब रहे इसका नतीजा कांग्रेस को भारी मतों से विजय मिली। खैरागढ़ सीट पर कांग्रेस 4 में से 2 बार जीत चुकी है। अब कांग्रेस खैरागढ़ की सीट को जीतकर 70 से 71 होना चाहती वहीं जोगी कांग्रेस पुराना इतिहास दोहराने की तैयारी कर रही है।