जगदलपुर, 30 मार्च 2022 – किसानों की आय को बढ़ाकर उनके आर्थिक स्तर को बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का बेहतर लाभ हितग्राहियों को मिले, इसके लिए पूरी निष्ठा और तन्मयता के साथ कार्य करने के निर्देश कमिश्नर श्याम धावड़े ने दिए। कमिश्नर कार्यालय में बुधवार को कृषि एवं संबद्ध विभागों द्वारा संभाग में संचालित कार्यों की समीक्षा करते हुए कमिश्नर धावड़े ने कहा कि अंचल के किसानों को आर्थिक रुप से सुदृढ़ करने के लिए शासन की प्रत्येक योजना से लाभान्वित करने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने वन अधिकार पत्र धारी किसानों की बेहतरी के लिए और अधिक प्रयास किए जाने की आवश्यकता बताई।
कमिश्नर ने कहा कि शासन द्वारा अब फसल उत्पादन के साथ साथ पशुपालन, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, रेशम पालन, उद्यानिकी कृषि आदि गतिविधियों के लिए भी अल्पकालीन बिना ब्याज की ऋण प्रदान की जा रही है। इसके लिए सभी हितग्राही किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए सभी विभागों द्वारा समन्वित रूप से शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए जिलेवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए 30 जून तक हर हाल में लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत कृषक पंजीयन में आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने किसानों के उत्पादों के बेहतर मूल्य के लिए प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही खरीदी-बिक्री का नेटवर्क तैयार करने के लिए किसानों का उत्पादक समूह तैयार करने के कार्य में भी तेजी लाए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सभी विभागों को उन्नतिशील किसानों के साथ ही अन्य किसानों को भी मार्गदर्शन देने और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इस कार्य में कृषि और उद्यानिकी महाविद्यालय के साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र की सहायता भी ली जा सकती है।
छत्तीसगढ़ शासन की महात्वाकांक्षी नरवा, गरुआ, घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कमिश्नर धावड़े ने कहा कि बस्तर में गोधन न्याय योजना का बेहतर क्रियान्वयन देखा जा रहा है। उन्होंने इसके लिए कांकेर जिले में संचालित कार्यों की विशेष तौर पर सराहना की। उन्होंने इसके साथ ही मुर्गी पालन, पशुपालन, मछली पालन, उद्यानिकी कृषि, आदि अन्य रोेजगारमूलक गतिविधियों के संचालन के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया।
इस अवसर पर कृषि विभाग के संयुक्त संचालक एमएस ध्रुव, पशुपालन विभाग के संयुक्त संचालक नेताम सहित सभी सातों जिलों के कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, रेशम पालन विभाग के जिला प्रमुख उपस्थित थे।