Big Breaking शिक्षक की कोरोना संक्रमण से मौत साथ ही पूरा परिवार कोरोना की चपेट में शिक्षक संघ द्वारा परिजन को 1 करोड़ मुआवजा, अनुकंपा नियुक्ति की मांग

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रायपुर शासकीय प्राथमिक शाला देवादा में पदस्थ सहायक शिक्षक विनोद कुमार पटेल की कोरोना मरीज की सर्वे में ड्यूटी लगायी गयी थी। इस सर्वे के दौरान शिक्षक कोरोना की चपेट में आ गये। शिक्षक कोरोना ड्यूटी में तैनात था उसी दौरान वह संक्रमित हुआ उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद AIIMS में भर्ती कराया गया था  पिछले कुछ दिनों से वो वेंटिलेटर पर भी थे। और फिर कुछ दिनों बाद उपचार के दौरान उनकी मौत हो गयी है। इस मामले में शालेय शिक्षक संघ ने अब शिक्षक विनोद कुमार पटेल के परिजन को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है। शालेय शिक्षक संघ के अध्यक्ष विरेंद्र दुबे का आरोप है कि इसी दौरान वो संक्रमित हुए, लिहाजा कोरोना वारियर्स शिक्षक को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिये। दिवंगत शिक्षक विनोद कुमार पटेल के परिवार के 5 अन्य सदस्य भी कोरोना संक्रमित मिले हैं। शालेय शिक्षक संघ का आरोप है कि  मृत शिक्षक विनोद पटेल ने विखं शिक्षाधिकारी बेरला के आदेश पर कन्टेनमेन्ट जोन में सर्दी,बुखार,खांसी के लक्षणों वाले व्यक्तियों की खोज में घर घर सर्वे कार्य किया था, जबकि ऐसे सर्वे करने वाले शिक्षकों को किसी भी तरह के कोरोना सुरक्षा संसाधन शासन प्रशासन की ओर से उपलब्ध नहीं कराया गया था।

आपको बता दें कि  वीरेंद्र दुबे का आरोप है कि पूरे प्रदेश में यही हाल है, जबकि छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ लगातार ऐसे कोरोना वारियर्स शिक्षकों के लिए 1 करोड़ की बीमा राशि व सुरक्षा संसाधन की मांग करते रहा है। कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षक विनोद पटेल के परिवारजन को 1 करोड़ मुआवजा और तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति देने की मांग की गयी है।

उल्लेखनीय है कि सर्वे उपरांत 27 जुलाई से मृत संक्रमित शिक्षक का रायपुर एम्स में इलाज चल रहा था,और वे वेंटिलेटर पर थे। शिक्षक की इस तरह मौत पर प्रदेश का पूरा शिक्षक समुदाय आक्रोशित है,और अपने साथी के कोरोना संक्रमण की मृत्यु से भड़के प्रांताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा कि इस मौत का जिम्मेदार कौन..??

शिक्षा विभाग द्वारा कोरोना काल मे लगातार बच्चों और शिक्षकों के बीच असफल और अव्यवहारिक प्रयोग किये जा रहा है,शिक्षकों का बिना बीमा किये,बिना कोरोना सुरक्षा संसाधन दिए कोरोना संक्रमितों के बीच ड्यूटी लगा रहा है,गली मोहल्ले में जाकर पढ़ाने बोला जा रहा है, जब संक्रमण प्रदेश में अत्यंत कम था तो स्कूल और कक्षाएं बन्द रखी गई,अब जब कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है और प्रदेश में संक्रमितों की संख्या हजारों में जा चुकी है प्रदेश के 114 विखं रेड जोन 4 विखं आरेंज जोन में तब विभाग गली मोहल्ले में क्लास लगाने हेतु शिक्षकों को बाध्य कर रही है, सारी जिम्मेदारी पालक,शिक्षक और समुदाय को दी जारी है,खुद विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़कर स्कूलों में कदापि कक्षा न लगाने हेतु ताकीद दे रही है,जिससे समुदाय,पालक और शिक्षकों में जबरदस्त आक्रोश है,समुदाय भी इसका विरोध करते संक्रमण के डर से व्यवस्था करने में खुद को असक्षम मानंते हुए ऐसी कक्षाओं को अपने गांव के गलियों में न लगाने की बात कह रही है,ऐसे भी गांवों और गलियों में कितना सोशल डिस्टेंसिंग,मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा किसी से छिपा नही हैं।

संगठन के महासचिव धर्मेश शर्मा,प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा,बेमेतरा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह तथा छतीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के बेरला इकाई ने कोरोना संक्रमण से मृत शिक्षकों के आश्रित को 1करोड़ रुपये का मुआवजा व तत्काल अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान करने की मांग शासन से की है।प्रदेश के समस्त कोरोना वारियर्स शिक्षकों के लिए 1 करोड़ का बीमा कराया जावे तथा उन्हें कोरोना सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराएं। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संकमण के बीच गली मोहल्ले की पढ़ाई संक्रमण का बड़ा माध्यम बन सकती है,इसे तत्काल बन्द किया जावे।