तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनी, तुरंत रिपोर्ट देने हेतु आदेश
छत्तीसगढ़ के सबसे प्रदूषित शहरों में एक कोरबा जिले में बालको प्रबंधन द्वारा लंबे समय से लाखों मेट्रिक टन कोयले की राख इधर उधर फेंके जाने का मामला राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के समक्ष पहुंच गया है। इस मामले में कोरबा के आवेदक रामअवतार अग्रवाल ने अपने अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी के माध्यम से बाल्को प्रबंधन, जिला कलेक्टर और पर्यावरण विभाग की मिली जुली अवैधानिक गतिविधियों के विरुद्ध गंभीर शिकायत दर्ज की थी। ज्ञातव्य है कि बालको प्रबंधन प्रतिवर्ष बिजली उत्पादन के पश्चात लगभग 50 लाख मैट्रिक टन कोयले की राख पैदा करता है। जिसमें से मात्र 15 लाख मीट्रिक टन कोयले की राख के लिए अनुमति मांग कर पूरे जिले में इधर-उधर फेंक रहा है। इस मामले को लेकर कई बार आंदोलन हो चुके हैं। कई प्रकार से लोगों ने इस बात को सरकार तक पहुंचाया है कि बालको प्रबंधन, जिला कलेक्टर के सहयोग से अवैध रूप से पर्यावरण विभाग से अनुमति प्राप्त कर नदियों के तटों पर कोयले की राख फेंक रहा है। हरित प्राधिकरण के समक्ष आवेदन में यह बताया गया है कि कोयले की राख अवैध रूप से किसानों की कृषि भूमि पर फेंकी जा रही है नदियों के तटबंध और बालको के तालाबों को पाटकर कोयले की राख फेकी जा रही है। कई प्राकृतिक जल स्रोतों को कोयले की राख से बालको प्रबंधन द्वारा पाट कर समाप्त कर दिया गया है। कोरबा जिले के सुप्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को कोयले की राख से पाटकर तबाह कर दिया गया है।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी की याचिका पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने गंभीरता से कार्यवाही की है। प्राधिकरण ने तत्काल सभी पक्षकारों को नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा है। प्राधिकरण में जिला कलेक्टर सहित छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक एक सदस्य की तीन सदस्यीय समिति तत्काल गठित कर कोरबा जिले में इस अवैध राख फेंके जाने के मामले पर जांच रिपोर्ट 11 जुलाई तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। आवेदक रामअवतार अग्रवाल ने इस संबंध में बताया है कि संपूर्ण कोरबा जिले में जिला कलेक्टर और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड छत्तीसगढ़ की मिलीभगत के कारण भ्रष्टाचार पूर्ण तरीके से आम नागरिकों को भयंकर वायु प्रदूषण मैं झोंक दिया गया है। जिससे आम लोगों को जीवन की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। थोड़ी सी हवा चलने पर पूरे कोरबा शहर में राख हवा में उड़ने लगती है और सांस लेना दूभर हो जाता है। माननीय हरित प्राधिकरण द्वारा तत्काल कार्यवाही से आम लोगों के मन में उम्मीद जगी है। याचिका में सभी संबंधित पक्षकारों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही की मांग की की गई है।