कोलकाता रेल्वे की टीम आज कर सकती है ट्रेक की जांच।
गोरे लाल सोनी की रिपोर्ट
डौंडी :- घने जंगलों के बीच धुर नक्सल इलाके अंतागढ़ लोगों के लिए इस बार जश्न कुछ खास होगा, क्योंकि पहली बार इस क्षेत्र में ट्रेन रहेगी जो आजादी के 74 बरस बाद पहली बार यहां तक पहुंची है। इलाके के बहुत से लोगों ने कभी ट्रेन नहीं देखी है, सभी उत्साहित हैं कि अब जीवन बदलेगा। ट्रेन से लोग आएंगे, दुकानें खुलेंगी, ऑटो चलेंगे, रेलवे में नौकरी भी मिलेगी। आलम ये है कि सिर्फ अंतागढ़ ही नहीं, आसपास 20 किमी दायरे के गांवों में रेलगाड़ी की चर्चा है।
दल्ली राजहरा से गुदुम, भानुप्रपातपुर और अब केंवटी के बाद अंतागढ़ की ओर रेलवे लाइन अपने कदम बढ़ा चुका है।केवटी से ताड़ोकी रेल्वे लाईन का निर्माण रेल विकास निगम रायपुर द्वारा पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड मुम्बई को दिया गया जिसे के.आर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स भिलाई ने रेल विकास निगम एवं पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के संयुक्त कुशल नेतृत्व में अन्तागढ़ स्टेशन तक गुणवत्ता के साथ निर्माण कार्य पूरा किया। इस परियोजना में प्रमुख रूप से आर वी एन एल से जे,सी साहू,ए के मालवीय,पी पी गवेल, डी के मलिक, जी एस देवांगन पटेल इंजियनरिंग के सुभाष कुकेकर,दया शंकर सिंह, फीड बैक कंसल्ट एजेंसिस से पी के श्रीवास्तव,चन्द्र शेखर शर्मा,रोशन साहू सहित अन्य शामिल थे।
के आर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपर्स भिलाई के ओनर राणा अरुण कुमार सिंह ने बताया की माओवादी प्रभावित क्षेत्र में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य से विचलित हुए बिना निर्माण कार्य की पूर्णता की ओर बढ़ते रहे, और आज उन्हें अन्तागढ़ स्टेशन तक कार्य पूर्ण होने पर राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपने योगदान पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आगे उनका लक्ष्य २०२१ में ताड़ोकी स्टेशन तक कार्य पूर्णता का है।बीएसपी की लाइफ लाइन रावघाट रेलवे लाइन में अंतागढ़ तक का काम पूरा हो चुका है। बस अब इंतजार है इन पटरियों पर इंजन दौड़ेने की। केंवटी से अंतागढ़ तक 18 किलोमीटर तक का ट्रेक बनकर तैयार है। एसएसबी की सुरक्षा के बीच आरवीएनएल ने अपना काम लगभग समय पर कर दिया है। इधर अब रेलवे ने भी इस ट्रेक पर ट्रायल के लिए हरी झंडी दिखा दी है। आरवीएनएल के अधिकारियों की मानें तो 21 अगस्त को कोलकाता से रेलवे सेफ्टी कमिश्नर अपनी टीम के साथ यहां पहुंचेंगे और ट्रेक की बारीकी से जांच करेंगे। इसके लिए रेलवे और एसएसबी ने अपनी तैयारी कर ली है।
टीम के सामने इंजन ट्रायल
रेलवे अधिकारियों के अनुसार कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ए के राय व डिफ्टी कमिश्नर सी आर नंदी और उनकी टीम के बारीकी से जांच के बाद उसी दिन इंजन का भी ट्रायल होगा। इंजन ट्रायल होने के बाद सेफ्टी की टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और जब वह क्लीन चिट देगी उसके बाद ही स्पेशल ट्रेन का ट्रायल कर स्पीड टेस्ट किया जाएगा। रेलवे की मानें तो आने वाले दो महीने के अंदर केंवटी से अंतागढ़ तक ट्रेन शुरू हो सकती है। इधर अंतागढ़ में स्टेशन बनकर तैयार है और वहां प्लेटफार्म से लेकर बुकिंग काउंटर तक का कार्य पूरा हो चुका है। निरक्षण दल में रायपुर रेल से डी आर एम शयाम सुंदर गुप्ता, भावेश पाण्डे, सुधांशु कुमार, पी के पांडे भी शामिल रहेंगे।
18 किलोमीटर में 31 पुल-पुलिया
केंवटी से अंतागढ़ के 18 किलोमीटर वाले एरिया में करीब 31 छोटे पुलिया और 4 बड़े पुल है। इन चार बड़े पुल में सबसे बड़ा लंबा करीब 70 मीटर का पुल मासबरस सीओबी से करीब 4 किलोमीटर दूर पुल नंबर 276 है जो बलराम नाला के ऊपर बना है।
अब तक 60 किमी का काम पूरा
केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण रेल परियोजना के तहत दल्ली राजहरा से रावघाट तक रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से चल रहा है। 2018 तक दल्लीराजहरा से गुदुम और फिर गुदुम, भानुप्रतापपुर और केंवटी तक 42 किलोमीटर की रेललाइन पिछले साल तक तैयार हो चुकी थी। केंवटी तक ट्रेन शुरू होने के बाद एक साल के अंदर ही अंतागढ़ तक 18 किलोमीटर तक का काम पूरा किया कर लिया गया है। यानी रावघाट की ओर रेलवे ने 60 किलोमीटर तक का काम पूरा कर लिया है।
क्षेत्र वासी यह भी मानते हैं कि अब इलाके के 20 हजार लोगों को बड़ी राहत मिलना शुरू होगी।रावघाट से लौह अयस्क ले जाने के लिए बिछाई जाने वाली रेललाइन भानुप्रतापपुर में केंवटी तो पहुंच चुकी है। अब इसे अंतागढ़ तक बढ़ाया गया है। ट्रेन का ट्रायल हो चुका है और स्थिति सामान्य होने के बाद ट्रेन चलाई जाने वाली है। अंतागढ़ और आसपास सबसे ज्यादा चर्चा इस ट्रेन की है। हरिभूमि टीम से अंतागढ सहित क्षेत्र वासियों ने बताया कि ट्रेन से इलाके की तस्वीर ही बदल जाएगी। सबसे आसानी होगी इलाज में, क्योंकि मरीज को दुर्ग या रायपुर ले जाना सुरक्षित, आसान और सस्ता हो जायेगा। ट्रेन की वजह से लोडिंग-अनलोडिंग शुरू होगी, गाड़ियां चलेंगी, दुकानें खुलेंगी तो रोजगार भी मिलेगा। आसपास के कई गांवों के बच्चो ने अभी दुनिया देखी नहीं है। ट्रेन उनके लिए बाहरी दुनिया के दरवाजे खोलेगी। रायपुर व दुर्ग अभी भानुप्रतापपुर होते हुए जाना पड़ा है। अब सीधे जा सकेंगे वो भी कम किराये में। गौरतलब है, 30 जुलाई को जब ट्रेन का इंजन ट्रायल के लिए पहली बार अंतागढ़ पहुंचा था तो इसे देखने के लिए भीड़ लग गई थी और लोगों ने मिठाइयां तक बांटी थीं।
“अंतागढ़ तक यात्री ट्रेन जल्द ही शुरू होगी यह मेन लाइन से जुड़ जाएगी। इस सुविधा से उस इलाके के आम लोगों के साथ व्यापारी वर्ग को भी बड़ा फायदा होगा।”- आंनद सिंग सी पी एम रेल विकास निगम लिमिटेड