श्रम विभाग के संसदीय सचिव के आश्वासन के बाद काम पर लौटे मेडिकल कॉलेज/अस्पताल के सैकड़ो हड़ताली कर्मचारी

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● संसदीय सचिव ने दिए सीडीओ सेक्युरिटिस एंड हेल्पलाइन सर्विसेस पर कार्यवाही करने श्रम अधिकारी और एसडीएम को निर्देश

● जनसभा के अध्यक्ष के नेतृत्व में हड़ताली कर्मचारी मिले श्रम विभाग के संसदीय सचिव से

छत्तीसगढ़ । चिकित्सा महाविद्यालय/अस्पताल जगदलपुर में कार्यरत सुरक्षा कर्मचारियों के वेतन संबन्धित मांगों को लेकर हड़ताल पर चले जाने के बाद परिसर की सुरक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। गिने चुने कर्मचारियों के बदौलत एजेंसी सुरक्षा देने की बात तो कर रही रही पर नाक़ाम साबित हुई है।

जनसभा के अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् ने बताया कि बस्तर ज़िला अंतर्गत संचालित चिकित्सा महाविद्यालय / अस्पताल डिमरापाल जगदलपुर में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले कर्मचारियों नियोक्ता ‘सीडीओ सेक्युरिटिस एंड पब्लिक हेल्पलाइन’ द्वारा 2014 से आर्थिक शोषण किया जा रहा है।

कर्मचारियों द्वारा इस बात की शिकायत समय समय पर सुपर वायजर, स्थानीय प्रबंधक, नियोक्ता समेत प्रशासनिक अधिकारियों को पूर्व में कई बार दिया है। अपने हक़ अधिकार के लिए पूर्व में ही ज़िला श्रम विभाग में भी शिक़ायत किया जा चुका है।

उन्होंने बताया कि श्रम विभाग में शिक़ायत करने और अपने हक़ अधिकार हेतु संघर्ष करने कर्मचारीगण कामगार सभा के बैनर तले संगठित होकर आवाज़ बुलंद करने लगे जिसके बाद नाराज़ ठेकेदार/नियोक्ता द्वारा सेवा से कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से बेदखल करने की धमकी भी दी गई थी। यहां तक कि हड़ताल पर जाने वाले जाने वाले कर्मचारियों पर क़ानूनी कार्यवाही करने की लिखित धमकी भी प्रबंधन ने दी थी जिसपर आक्रोशित कर्मचारियों ने काम पर वापस ना आने का निर्णय करते हुए हड़ताल जारी रखा हुआ था।

गौरतलब होकि बस्तर ज़िला अंतर्गत संचालित चिकित्सा महाविद्यालय / अस्पताल डिमरापाल जगदलपुर में सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले कंपनी प्रबंधन द्वारा 2014 से अब तक कि संपूर्ण बकाया राशि व प्रत्येक माह अधिकतम 10 तारिक तक मासिक भुगतान की मांग लेकर कर्मचारी विगत 10 दिनों से कामबंदी करके हड़ताल पर हैं। जनसभा के अध्यक्ष डॉ. अरुण पाण्डेय् के नेतृत्व में कर्मचारी आज छत्तीसगढ़ शासन में श्रम विभाग के संसदीय सचिव रेखचंद जैन से मिलकर जनसभा संगठन द्वारा कर्मचारियों की मांगों के सम्बन्ध में बस्तर ज़िला श्रम कार्यालय से की गई शिक़ायतों पर क्या कार्यवाही की जा रही हैं इसकी संपूर्ण जानकारी लेने और कामगारों के हित में श्रम विभाग अपना कार्य पूरी ईमानदारी व सक्रियता से करें यह सुनिश्चित करते हुए दोषी पाए जाने पर नियोक्ता कंपनी के ऊपर विधिसम्मत क़ानूनी कार्यवाही करने प्रशासन को निर्देशित करने का आग्रह किया गया है।

जमसभा ने नेताओं ने संसदीय सचिव से अनुग्रह किया कि नियोक्ता कंपनी द्वारा किसी कर्मचारी का आर्थिक शोषण ना हो और उन्हें समय पर भुगतान प्राप्त हो सके इसके लिए कर्मचारियों को आश्वस्त करें ताकि हड़ताल ख़त्म हो और न्याय का रास्ता प्रसस्त हो सकें। किसी प्रकार का रास्ता ना निकलने पर जनसभा संगठन से जुड़े सदस्यगण कामगारों के हित में भूंख हड़ताल पर जाने बाध्य होंगे।

जिसपर श्रम विभाग के संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने एसडीएम और श्रम विभाग के अधिकारियों से तत्काल फोन ओर चर्चा करके कर्मचारियों की मांगों पर ध्यानाकर्षण करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर समेत विषय की जांच कर दोषी पाए जाने पर ठेकेदार के विरुद्ध कार्यवाही करने पत्र लिखने की बात कही है।