- नक्सलियों के साथ कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी से मचा सियासी बवाल
- एक -दूसरे पर नक्सलियों से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं कांग्रेस और भाजपा के नेता
- तेलंगाना पुलिस को दिया गया सत्यम का बयान उजागर हो : सिंह
अर्जुन झा
जगदलपुर. बीजापुर जिले के एक युवा नेता की तेलंगाना में दो नक्सलियों के साथ गिरफ्तारी ने बस्तर संभाग में सियासी बवाल मचा दिया है. गिरफ्तार युवक केजी सत्यम को कांग्रेस का पदाधिकारी बताया जा रहा है. हालांकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सत्यम का कांग्रेस से किसी भी तरह का संबंध होने की बात से इंकार किया है. वहीं सत्यम की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस और भाजपा के नेता एक – दूसरे पर नक्सलियों से मिले होने का आरोप लगा रहे हैं. आरोप प्रत्यारोप के दौर के बीच राज्य युवा आयोग के सदस्य अजय सिंह ने सत्यम द्वारा तेलंगाना पुलिस के समक्ष दिए गए बयान का पता लगाने की अपील छत्तीसगढ़ सरकार से की है. वैसे माना जा रहा है कि सत्यम का बयान बीजापुर के कई नेताओं का सत्य उजागर कर सकता है.
करीब सप्ताह भर पहले पड़ोसी राज्य तेलंगाना के हनमा थाना की पुलिस ने बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के एक युवक को महिला नक्सलियों के साथ गिरफ्तार किया है. केजी सत्यम नामक यह युवक दोनों महिला नक्सलियों को उनका ईलाज कराने तेलंगाना के वारंगल ले जा रहा था. बताया जाता है कि केजी सत्यम बीजापुर जिला अंतर्गत भोपाल पट्टनम ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का महामंत्री है तथा वह जिला कांग्रेस कमेटी बीजापुर का उपाध्यक्ष भी रह चुका है. सत्यम के महिला नक्सलियों के साथ तेलंगाना में पकड़े जाने की खबर जैसे ही बस्तर पहुंची, पूरे संभाग में जैसे सियासी तूफान ही खड़ा हो गया और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को तो कांग्रेस पर हमला बोलने के लिए बैठे बिठाए ही बड़ा हथियार मिल गया. ख़ासकर बीजापुर जिले के भाजपा नेता आक्रामक मुद्रा में आ गए. पूर्व विधायक महेश गागड़ा तथा अन्य भाजपा नेता कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी पर उतर आए. भाजपा नेताओं ने आरोप लगाना शुरू कर दिया कि नक्सलियों के साथ कांग्रेस की सांठगांठ है और दोनों एक दूसरे की मदद करते हैं. वहीं भाजपा के हमलों के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से तुरंत बयान आ गया कि सत्यम कांग्रेस का सदस्य है ही नहीं तथा उससे कांग्रस का कोई लेनादेना भी नहीं है. बीजापुर के भाजपा नेताओं के आरोपों का जवाब देने के लिए बीजापुर के मौजूदा कांग्रेस विधायक विक्रम शाह मंडावी और जिला कांग्रेस कमेटी बीजापुर के अध्यक्ष लालू राठौर ने बीजापुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर माना कि सत्यम कांग्रेस का कार्यकर्त्ता जरूर है, लेकिन नक्सलियों से बीजापुर के कांग्रेस नेताओं का कोई वास्ता नहीं है. इसके साथ ही विधायक श्री मंडावी ने भाजपा नेताओं को याद दिलाया कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब विधायक रहते महेश गागड़ा ने अपनी पार्टी के तात्कालीन मंडल अध्यक्ष गुट्टा राम को तब बचाने का प्रयास किया था, जब गुट्टाराम नक्सली को ईलाज के लिए ले जाते समय पुलिस ने पकड़ा गया था. श्री शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस के कई नेता नक्सलियों के हाथों मारे जा चुके हैं. झीरम घाटी में प्रदेश के अनेक वरिष्ठ नेताओं के साथ बीजापुर के हमारे नेता बुधराम राणा और विक्रम मांझी भी शहीद हुए थे. अगर नक्सलियों से कांग्रेस की सांठगांठ होती तो नक्सली हमारे नेताओं की हत्या क्यों करते? श्री मंडावी व श्री राठौर ने आरोप लगाया कि भाजपा और नक्सलियों के बीच गहरा रिश्ता है.
ठंड की दस्तक के बीच चढ़ा सियासी पारा
ठंड की दस्तक के बीच चल रहे इस तरह के आरोप – प्रत्यारोपों से बस्तर संभाग में सियासी पारा चढ़ने लगा है. आगामी विधानसभा चुनावों में नक्सलियों से मिलीभगत के मुद्दे को दोनों ही दलों के नेता एक – दूसरे के खिलाफ चुनावी हथियार के रूप में खुलकर इस्तेमाल करेंगे, यह तय है. बस्तर संभाग नक्सली समस्या से जूझ रहा है. बीजापुर जिला इस समस्या से कुछ ज्यादा ही ग्रसित है. ये सच है कि संभाग के अंदरूनी भागों में रहने वाले नेताओं, आम लोगों, व्यापारियों और शासकीय कर्मियों को मज़बूरीवश नक्सलियों के आगे झुकना पड़ता है और उनकी हर जायज नाजायज बातें व मांगें माननी ही पड़ती हैं. सियासी दलों के लोगों को तो एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का मौका मिलना चाहिए. ऐसे में चुनावों के समय इस तरह के आक्षेप के तीर छोड़ने से भला नेता कैसे चुकेंगे ? तय है कि अगले साल होने वाले चुनाव में यह मुद्दा हावी रहेगा.
सच्चाई सामने लाए सरकार
राज्य युवा आयोग के सदस्य एवं कांग्रेस के निष्कासित नेता अजय सिंह ने राज्य सरकार से केजी सत्यम क़ी गिरफ्तारी तथा तेलंगाना पुलिस में सत्यम द्वारा दिए गए बयान क़ी सच्चाई सामने लाने का आग्रह किया है. अजय सिंह ने सत्यम के कांग्रेस कार्यकर्त्ता होने या ना होने के संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी तथा बीजापुर विधायक व जिला कांग्रेस अध्यक्ष के बयानों को विरोधाभासी बताया है. उन्होंने कहा है कि पांच माह पहले तक सत्यम जिला कांग्रेस कमेटी बीजापुर का उपाध्यक्ष रहा है, फिलहाल वह संगठन के किस पद पर हैं, यह पता नहीं. श्री सिंह ने कहा है कि पूर्व विधायक महेश गागड़ा ने नक्सली सहयोगी मंडल अध्यक्ष गुट्टा राम को पुलिस कार्रवाई से बचाने की कोशिश की थी. जिस नक्सली को गुट्टा राम ईलाज के लिए ले जाते पकड़ाए थे, उस नक्सली से मेरी जेल में मुलाक़ात हुई थी. अजय सिंह ने कहा है कि जिस समय की यह घटना है उस समय वर्तमान कांग्रेस विधायक विक्रम शाह मंडावी जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष थे, तब उन्होंने इस मसले को पुरजोर तरीके से क्यों नहीं उठाया तथा जिला कांग्रेस कमेटी ने सत्यम के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की है ? अजय सिंह ने सवाल उठाया है कि सत्यम ने तेलंगाना पुलिस के समक्ष ऐसा क्या बयान दे दिया है कि विधायक श्री शाह और जिला कांग्रेस कमेटी उस पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं. इससे पार्टी और सरकार की छवि धूमिल हो रही है. अजय सिंह ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार से अपेक्षा की है कि सत्यम के बयान का पता लगाया जाए और यदि उसके बयान में किसी स्थानीय नेता का नाम आया हो तो उस नेता पर भी कार्रवाई की जाए.