इधर महुआ झरे, उधर जिया जले, जां जले…

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(अर्जुन झा)

दल्ली राजहरा। छत्तीसगढ़ की राजनीति से जुड़ी दो विशिष्ट महिलाओं की इन दिनों काफी चर्चा हो रही है। ये दोनों ही विदुषी अपने अपने दल और क्षेत्र की जनता की लाडली हैं। फर्क यह है कि एक सत्ताधारी कांग्रेस की विधायक हैं और दूसरी विपक्ष में बैठी भाजपा की विधायक हैं। कांग्रेस ने अपनी विधायक को मंत्री बनाया है तो भाजपा ने अपनी इस विधायक को प्रवक्ता बनाया है। दोनों ही महिला नेता अपने अपने कार्यक्षेत्र में छाप छोड़ रही हैं। एक दूसरा फर्क यह है कि एक को जनता ने दिल खोलकर उत्सव मनाने का अवसर दिया है तो दूसरी को जनता ने संघर्ष के लिए चुना है।

यहां जिक्र प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री और डौंडीलोहारा विधायक अनिला भेंडिया व धमतरी विधायक तथा भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता रंजना साहू का है। अनिला उत्सव में खुशी से झूम रही हैं। तीज तिहार में महुआ झर रहे हैं। रंजना के साथ इसके विपरीत परिस्थिति है। भाजपा विपक्ष में है तो वहां महुआ कैसे झर सकते हैं। वहां स्थिति यह है कि जिया जले, जां जले। इधर अनिला भेंडिया के बारे में यह जगजाहिर है कि वे राजनीतिज्ञ कम और सहज सामान्य जननेता ज्यादा हैं। चाहे महिला दिवस का उत्सव हो अथवा महिलाओं से जुड़ा तिहार, अनिला अपने मंत्री पद के रुतबे को दरकिनार कर महिलाओं के साथ उत्सव के उत्साह से सराबोर होकर पारंपरिक नृत्य कौशल का प्रदर्शन करती हैं। महिला दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर में आयोजित महिला उत्सव में उनके नृत्य ने खूब धूम मचाई थी। अब तीज तिहार में उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र की महिलाओं के साथ महुआ झरे.. लोक गीत के बोल पर कुछ इस तरह सहजता के साथ नृत्य किया कि माहौल में महुआ की भीनी भीनी खुशबू का अहसास होने लगा। दूसरी तरफ धमतरी विधायक रंजना को रंज है कि कांग्रेस के तमाम नेता भाजपा पर तंज कस रहे हैं। इसलिए इन दिनों रंजना भाजपा प्रवक्ता की हैसियत से आक्रामकता दिखा रही हैं। दोनों की परिस्थितिजन्य भूमिका नारी शक्ति के सशक्तिकरण का आभास करा रही है।