मजदूरों का 561 करोड़ जमा, सरकार उन्हें बाटने के बजाय कुंडली मारकर बैठी

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बृजमोहन ने लगाया मजदूरों की राशि में भ्रष्टाचार व बंदरबांट का आरोप

अजय, नारायण, शिवरतन, कौशिक, ने भी की जांच की मांग

रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में व्यापक अनियमितता भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा में उठाया। श्रमिकों का 561 करोड़ रुपए श्रमिको को वितरित करने के बजाय दबा कर बैठे है। मजदूरों की राशि पर कुंडली मार कर भारी भ्रष्टाचार व राशि की बंदरबांट करने के गंभीर आरोप सरकार पर लगाए। उन्होंने सदन की कमेटी से जांच की मांग की। सरकार की तरफ से पहल नहीं होने पर असंतुष्ट भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।

प्रश्नकाल में यह मामला उठाते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल में 1 जनवरी 2019 से 10 फरवरी 2022 तक पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए कौन-कौन सी योजनाएं प्रारंभ है। मशीन, साइकिल, औजार एवं अन्य सुरक्षा उपकरण के लिए कितने-कितने आवेदन प्राप्त हुए। प्राप्त आवेदन में से कितने हितग्राहियों को सामग्री प्रदान किया गया है, कुल कितनी राशि का वितरण किया गया है, नहीं किया गया तो इसके लिए कौन-कौन जवाबदार है। प्रदेश में 20 लाख 41 हजार 557 श्रमिक पंजीकृत हैं। 561 करोड़ उनका पैसा है 3 साल से उन्हें बांट नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार में जो 32 योजनाएं चल रही थी उसमें 6 योजनाएं आपने बंद कर दी। एक तरफ आप श्रम का सम्मान करने की बात करते हैं दूसरी तरफ श्रमिकों का 561 करोड़ खजाने में जमा कर रखा है, योजनाओं का सहायता मिलना बंद हो गए हैं। सिलाई मशीन, साईकिल, किट, नगद रकम उनके खातों में नहीं दिया। मजदूरों, श्रमिकों को पैसे की जरूरत थी दर-दर भटक रहे थे, पर जरूरतमंद गरीबों को कुछ नहीं दिया बल्कि उनके पैसे पर ब्याज कमाते रहे।

7 लाख श्रमिकों को 11 करोड़ वितरित

श्रम मंत्री शिव डहरिया ने जवाब दिया कि कुल 6.27 करोड़ राशि की सामग्री का वितरण किया गया है। लॉक डाउन के कारण वित्त विभाग ने योजनाओं को आगामी आदेश तक स्थगित करने का पत्र जारी किया जिसके कारण योजनाओं लाभ प्रदान नहीं किया जा सका। बृजमोहन ने कहा, श्रमिकों के राशि में कुंडली मारकर बैठे हैं उन्हें इनका लाभ नहीं दे रहे हैं। मजदूरों के पैसे में बंदरबांट किया है भ्रष्टाचार किया है। कोरोना काल में मजदूरों के खातों में पैसा भेज करके राहत पहुंचना था, पर सरकार ने यह नहीं किया। आपने मिनी माता कन्या विवाह योजना को बन्द करके उनका अपमान करने का काम किया है।

सवालों पर घिरे मंत्री

अगवाल ने कहा कि 7 लाख लोगो को 11 करोड़ देने की बात कह रहे है, बताइए मजदूरों को कितना मिला 158 रुपये प्रति श्रमिक। आप कह रहे हैं कोविड-19 के चलते वित्त विभाग ने खर्चे के लिए रोक लगाई है बताइए किस तारीख को रोक लगाई है। मामले में विधायक शिवरतन शर्मा ने सवाल उठाया कि वित्त विभाग ने रोक लगाई तो पैसा कैसे बांटा? इसकी जांच कराई जाए। मंत्री इन सवालों को जवाब नहीं दे पाए। पूरक प्रश्न खड़े करते हुए अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल , शिवरतन शर्मा ,धरमलाल कौशिक ने भी मामले में जांच की मांग रखी। सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए भाजपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।