बाहरी मजदूरों की डिटेल नहीं थाने में,हर गांवों में बढ़ रहे असामाजिक तत्व

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जगदलपुर औधोगिक विकास बस्तर की जरूरत है वह अच्छी बात है किंतु उसके साथ बुराईयां भी सामने आती हैं।ऐसा ही निर्माणाधीन नगरनार स्टील प्लांट जगदलपुर में भी ऐसा ही मामले बढ़ रहें हैं जिसके तहत अवैध कबाड़ सहित गांवों में शांति भंग की जानकारी भी सामने आ रही है जिसके लिए नगरनार पुलिस की सुस्ती भी सामने आ रही है क्योंकि नगरनार स्टील प्लांट क्षेत्र में कितने कंपनी व कितने मजदूर कार्य कर रहें हैं उसका डाटा नहीं है।
बस्तर संभाग मुख्यालय के जगदलपुर ब्लाक के नगरनार क्षेत्र में नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा नगरनार स्टील प्लांट क्षेत्र का निर्माण किया जा रहा है जोकि क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है और नगरनार स्टील प्लांट में कई बड़ी- बड़ी कंपनियां काम कर रही है जिसके कुछ पेटी कांट्रेक्टर भी हैं जिसमें बाहरी क्षेत्रों के लोगों को कार्य हेतु लगाया है जोकि नगरनार के प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं किंतु कंपनियों द्वारा विधिवत् जानकारी पुलिस और प्रशासन को नहीं है और विधिवत वेरीफिकेशन भी नहीं हुआ है जिसके कारण कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा गांवों में हुड़दंग मचाने से भी बाज नहीं आ रहें।

कंपनी नहीं कर रही एक्ट का पालन
सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट उल्लेख है कि स्टील प्लांट हो या दीगर प्लांट उसमें कार्य करने वाली निजी कंपनियों में कार्य करने वाले हर मजदूरों की चार स्तर पर बनाए जाने हैं जिसके तहत् मजदूरों का निवास सत्यापन हेतु आधार कार्ड या अन्य शासकीय दस्तावेज, पुलिस वैरीफिकेशन,श्रम विभाग का प्रमाण पत्र व पंचायत समिति द्वारा जारी प्रमाण पत्र उसके आधार पर कार्य करवाए जाने का प्रावधान है किंतु कंपनी लेबर एक्ट का उल्लघंन करता है।
दीगर कामों में लेकिन वेरीफिकेशन में नहीं
पुलिस का दायित्व है कि यदि उसके क्षेत्र में कोई मजदूर कार्य कर रहा है तो उसका वैरीफिकेशन पंचायत, कोटवार व अपने कर्मचारियों से माध्यम से करवाना चाहिए लेकिन नगरनार स्टील प्लांट में कितने मजदूर कार्य कर रहें हैं उसकी विधिवत वेरीफिकेशन नहीं कराई जा रही है जिसके कारण पुलिसिया कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है।

कोई कंपनी यदि रिकॉर्ड छुपाती है तो होगी जांच :हेमसागर सिदार
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व नगरनार क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस हेमसागर सिदार से मजदूरों के वेरीफिकेशन के संदर्भ में जानकारी चाहिए तो उन्होंने कहा कि इस हेतु एक सिस्टम बनाया गया है जिसके तहत् जो कंपनी यहां मजदूर काम कराने लाती है उसके द्वारा दस्तावेज दिया जाता है यदि कोई कंपनी लापरवाही बरत रही है तो इस संबंध में जांच के लिए संबंधित थाना प्रभारी को निर्देशित किया जायेगा।