राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में महिलाओं के अधिकारों के संबंध में विधिक जागरूकता कार्यक्रम

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बालोद. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में तथा अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद हो, प्रज्ञा पचौरी के मार्गदर्शन में सिटिजन क्लब दल्लीराजहरा में एक दिवसीय विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन तालुका विधिक सेवा समिति दल्लीराजहरा द्वारा आज दिनांक 25.09.2022 को महिलाओं को उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए शिविर किया गया जिसमें सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद श्रीमती सुमन सिंह, व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 दल्लीराजहरा श्रीमती सोनी तिवारी एवं श्रीमती रीता पांडेय एवं श्रीमती नर्मदा निषाद वक्ता के रूप में उपस्थित रही।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बालोद श्रीमती सुमन सिंह द्वारा भारतीय दंड संहिता में प्रावधानवित महिलाओं के विरुद्ध अपराधों और उनकी सजा के संबंध में विस्तृत जानकारी दिया जैसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 बलात्कार का अपराध जिसमें आजीवन कारावास की सजा हो सकती है की जानकारी और बताया कि वर्ष 2013 में इसमें संशोधन कर और धाराएं जैसे धारा 376 ए.बी.सी.डी. और ई जोड़ा गया एवं महिला की लज्जाभंग करने के आशय से उस पर हमला धारा 354, यौन उत्पीडन धारा 354 ए निर्वस्त्र करने के आशय से महिला पर हमला धारा 354 बी. तांक छाक करना धारा 354 सी. पीछा करना धारा 354 डी व आत्महत्या का दुष्प्रेरण धारा 306, पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा कुरता धारा 498 ए के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई व विधिक सहायता हेतु पात्र व्यक्तियों की जानकारी व महिलाओं से संबंधित पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना 2018 के संबंध में भी जानकारी दी गई।

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व्यवहार न्यायाधीश वर्ग 2 दल्लीराजहरा, श्रीमती सोनी तिवारी द्वारा महिलाओं के मौलिक अधिकार, गर्भधारण पूर्व और प्रसवपूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 गिरफतार एवं बंदी महिलाओं के अधिकार, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 तथा माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों का रखरखाव और कल्याण अधिनियम 2007 के संबंध में जानकारी दी गई।

वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीमती रीता पाण्डे द्वारा उपस्थित महिलाओं को घरेलू हिंसा प्रतिषेध अधिनियम, महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न, गुड टच और बैड टच, सखी वन स्टाप सेंटर, महिला परामर्श केन्द्र, महिला व बच्चों के हेल्पलाइन नंबर तथा नालसा हेल्पलाइन नंबर की जानकारी दिया। अधिवक्ता श्रीमती नर्मदा निषाद ने पॉक्सो एक्ट, महिलाओं के संपत्ति संबंधी अधिकार, हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम संशोधन 2005 महिलाओं के विरूद्ध अपराध जिसमें अम्ल हमला (एसिड हमला) धारा 326ए और 326बी आदि की जानकारी सरल शब्दों में दिया। उपस्थित प्रतिभागी महिलाओं के प्रश्नों के उत्तर भी रिसोर्स पर्सन द्वारा दिये गये। महिलाओं को और अधिक जागरूक करने हेतु सालसा की लघु फिल्म “पहल” “गोमती आदि का भी प्रदर्शन किया गया। महिलाओं से इस कार्यक्रम का फीडबैक भी लिया गया।