मौतों से प्रशासन का साफ इंकार

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  • स्वास्थ्य विभाग ने गांवों में शिविर लगाकर किया ग्रामीणों का ईलाज



जगदलपुर. बीजापुर जिले के अंदरूनी गांवों में अज्ञात बीमारी फैलने तथा दर्जनों ग्रामीणों की मौत हो जाने की खबर को प्रशासन ने सिरे से ख़ारिज कर दिया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि संबंधित गांवों में सालभर के भीतर सिर्फ 12 लोगों की मृत्यु हुई है, वह भी अधिक उम्र एवं सामान्य बीमारियों से. विभाग की टीम ने गांवों में शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार भी किया.
उल्लेखनीय है कि बीजापुर और नारायणपुर जिलों के नदी पार स्थित नक्सल प्रभावित दुर्गम गांवों में अज्ञात बीमारी फैलने से दर्जनों लोगों की मौत हो जाने तथा पाचसों लोगों के प्रभावित होने की खबरें मीडिया में आई थीं. बीजापुर जिला प्रशासन ने मसले को गंभीरता से लिया. कलेक्टर के निर्देश पर बीजापुर के मुख्य जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने भैरमगढ़ के खंड चिकित्सा अधिकारी को गांवों में टीम भेजकर ग्रामीणों का ईलाज करने तथा सच्चाई का पता लगाने की हिदायत दी. इसके बाद भैरमगढ़ के बीएमओ ने कथित प्रभावित गांवों में 20 स्वास्थ्य कर्मियों की टीम भेजी. टीम ने ग्राम हितापाल, बैल, उतला, मर्रामेटा, ताकिलोड में घर घर जाकर मौतों के बारे में पता लगाया. तब जानकारी मिली कि सन 2021से अब तक इन गांवों में महज 12 लोगों की ही मृत्यु हुई है और मृतक ज्यादा उम्र के थे तथा लंबे अरसे से बीमार चल रहे थे. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन गांवों में तीन दिनों तक शिविर लगाकर कुल 610 ग्रामीणों का इलाज किया एवं उन्हें दवाई दी. ये ग्रामीण एनीमिया, ब्लड प्रेशर, सेलूलाइटिस, कमर दर्द,.
बुखार, सस्पेक्टेड टीबी आदि रोगों से ग्रसित मिले. विभाग के मुताबिक अज्ञात बीमारी फैलने की बात से ग्रामीणों ने इंकार किया.
नारायणपुर का सच क्या ?
नारायणपुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गांवों में भी अज्ञात बीमारी फैलने और अनेक ग्रामीणों की मृत्यु की खबर आई थी, लेकिन वहां की सच्चाई नारायणपुर जिला प्रशासन ने अब तक सामने नहीं लाई है. यह भी पता नहीं चल पाया है कि संबंधित गांवों तक नारायणपुर जिले की स्वास्थ्य टीम पहुंच पाई भी है या नहीं ? इस जिले के रेगावाया तथा पीडियाकोट गांव में क्रमशः 10 तथा 7 ग्रामीणों की मौत की खबर आई थी. वहीं बीजापुर जिले के भैरमगढ़ की स्वास्थ्य विभाग की टीम पेठागांव भी पहुंची थी, जहां से तीन ग्रामीणों की मौत की खबर आई थी. विभाग के अनुसार मृतकों के जो नाम बताए गए थे, वे इस गांव के ही नहीं थे.