सरेबाजार पकड़ा गया रंगा सियार

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  • बस्तर फाइटर फोर्स में फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले की खुली पोल
  • मामले की जांच में ओड़िशा के युवक के फर्जीवाड़े की पुष्टि

बकावंड .04 अक्टूबर बस्तर फाइटर फोर्स में फ़र्ज़ी तरीके से नौकरी हथियाने वाले युवक के फर्जीवाड़े की पोल उसी ग्राम पंचायत ने खोल दी है, जिसने पहले इस रंगे सियार को शेर साबित किया था. अब यह रंगा सियार सरेबाजार पकड़ा जा चुका है. मामले की जांच के लिए गांव पहुंचे एसडीएम के सामने भी युवक के फर्जीवाड़े की पुष्टि ग्रामीणों और ग्राम पंचायत ने कर दी है. अब आरोपी युवक का जेल जाना तय माना जा रहा है.

बस्तर जिले की बकावंड तहसील के ग्राम छोटे देवड़ा से जुड़ा यह मामला कुछ दिनों पहले ही उजागर हुआ था. बस्तर जिला पुलिस बल में बस्तर फाइटर फोर्स नाम से एक अलग यूनिट तैयार की गई है. इस विशेष फोर्स में स्थानीय आदिवासी एवं अनुसूचित जाति वर्ग के युवकों की भर्ती की गई है, लेकिन ओड़िशा के मूल निवासी एक गैर आदिवासी युवक कमलोचन पिता पाकलू ने फर्जी जाति एवं निवास प्रमाण पत्र बनवाकर बस्तर फाइटर की नौकरी हासिल कर ली है. कमलोचन ने खुद को छोटे देवड़ा निवासी अनुसूचित जनजाति वर्ग के सोमारु पिता सिरो भतरा का प्रपौत्र बताते हुए पटवारी से सांठगांठ कर फर्जी मिसल रिपोर्ट तैयार करा ली है. इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के दम पर उसने नौकरी पाई है और अभी वह पुलिस लाईन जगदलपुर में तैनात है. इस मामले को जिला एवं पुलिस प्रशासन तक छोटे देवड़ा निवासी युवक मानसिंग जो कि सोमारु भतरा की बेटी घासनी का पुत्र और सोमारु का नाती है, ने पहुंचाया था. मानसिंग ने अपनी शिकायत के पक्ष में कई अहम साक्ष्य भी पेश किए थे. मानसिंग के मुताबिक आरोपी युवक कमलोचन तो सोमारु भतरा का प्रपौत्र है ही नहीं तथा सोमारु के परिवार से उसका दूर दूर का भी कोई रिश्ता नहीं है. हरिभूमि ने इस प्रकरण को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था. इसके बाद जिला एवं पुलिस प्रशासन ने मामले की जांच शुरू करा दी. अनुविभागीय दंडाधिकारी श्री वर्मा ने छोटे देवड़ा जाकर मामले की जमीनी तहकीकात की. उन्होंने आरोपी युवक कमलोचन के पिता पाकलो के भी बयान लिए. पाकलू ने माना है कि उसका बेटा कमलोचन और वह स्वयं ओड़िशा के मूल निवासी हैं. ग्राम पंचायत छोटे देवड़ा के सरपंच व पंचों ने भी लिखित में स्वीकार किया है कि कामलोचन के पिता पाकलू ने सोमारु की वंशावली में अपना नाम जोड़कर हमें दिग्भ्रमित किया और हम लोगों से अंगूठा लगवा लिया व हस्ताक्षर करा लिए थे. पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए क्षमा याचना भी की है. पटवारी भी भी घेरे में जिस हल्का पटवारी ने कामलोचन के लिए फर्जी वंशावली मिसल रिपोर्ट बनाई थी, वह भी जांच के घेरे में आ गया है. पटवारी हल्का नंबर 22 छोटे देवड़ा, राजस्व निरीक्षक मंडल नूली तहसील बकावंड के पटवारी ने 22 जून 2014 को यह वंशावली मिसल रिपोर्ट जारी की थी. इसमें सोमारु के बेटे के रूप में दशा का नाम दर्शाया गया है. पाकलू को दशा का बेटा और कामलोचन का नाम पाकलू के बेटे के रूप में अंकित किया गया है. वहीं दूसरी ओर सोमारु के नाती मानसिंग के मुताबिक सोमारु की चार संताने मंगगतीन, मुंदिया, सुखराम और घासनी ही हैं. मानसिंग की इस बात की पुष्टि ग्राम पंचायत ने भी लिखित रूप से की है.

वर्जन : ओ पी वर्मा
एसडीएम, बस्तर एवं जांच अधिकारी

अभी जांच चल रही है मामले की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने मुझे प्रकरण की जिम्मेदार सौंपी थी. कुछ लोगों के बयान ले लिए गए हैं तथा जांच अभी जारी है. जांच पूरी होने के बाद ही कुछ कह पाऊंगा.