- आर्थिक गड़बड़ियों और पदोन्नति व पदस्थापना में लेनदेन का मामला
- लोक शिक्षण संचालनालय बस्तर ने भेजी चार सदस्यों वाली टीम
- जिला शिक्षा अधिकारी और कुछ बीईओ भी आ गए हैं कटघरे में
- वसूली कांड में शिक्षक संघ के भी कुछ पदाधिकारियों का है रोल
जगदलपुर. बस्तर जिले के शिक्षा विभाग में बरती गई आर्थिक अनियमितताओं तथा 12 सौ शिक्षकों की पदोन्नति एवं पदस्थापना में हुई वसूली के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी तथा कुछ विकास खंड शिक्षा अधिकारियों और डीईओ कार्यालय के बाबुओं पर जल्द ही कार्रवाई की गाज गिरने वाली है. मामलों की जांच के लिए संचालक लोक शिक्षण छ्ग ने चार सदस्यों वाली उच्च स्तरीय टीम को बस्तर भेजा है. टीम अभी पड़ताल में जुटी हुई है. खबर है कि निष्पक्ष जांच होने पर जिला शिक्षा अधिकारी, कुछ खंड शिक्षा अधिकारी तथा जिला शिक्षा कार्यालय के तीन बाबू कार्रवाई के दायरे में आ जाएंगे.
शिक्षा विभाग बस्तर जिले के अधीन विभिन्न विकास खंडों में शासन के अलग अलग मदों से प्राप्त राशि का जमकर दुरूपयोग किया गया है. अधिकारियों ने सरकारी रकम की आपस में बंदरबांट कर ली है. जब यह मामला अखबारों की सुर्खियों में आया तब संचालक लोक शिक्षण जांच का आदेश जारी कर जांच के लिए चार उच्च अधिकारियों की टीम बस्तर भेजी है. चर्चा है कि डीईओ के संरक्षण में खंड शिक्षा अधिकारी ने आर्थिक अनियमितता को अंजाम दिया है. वहीं दूसरी ओर शिक्षकों की प्रधान पाठक पद पर पदोन्नति के मामले में भी बड़े पैमाने पर धन उगाही की बात सामने आई है. पदोन्नत शिक्षकों को उनकी पसंद की शालाओं में पदस्थ करने के नाम पर एक से डेढ़ लाख रुपए वसूले जाने की चर्चा है. इस वसूली कांड में जिला शिक्षा कार्यालय के तीन बाबुओं तथा शिक्षक संघ के कुछ पदाधिकारियों ने अधिकारी के एजेंट के रूप में वसूली की है. लेनदेन के चलते पदोन्नत शिक्षकों की पदस्थापना के लिए शालेय शिक्षा विभाग छ्ग शासन द्वारा निर्धारित नियमों और मापदंडों का बस्तर जिले में पालन नहीं किया गया है. इस मुद्दे को भी संचालक ने गंभीरता से लिया है. शिक्षा जिला बस्तर के अधीन प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के 1200 शिक्षक शिक्षिकाओं को पदोन्नत कर प्रधान पाठक बनाया गया है. पहले पदोन्नति देने के नाम पर इन शिक्षक शिक्षिकाओं वसूली गई. इसके बाद उन्हें जिला मुख्यालय व ब्लॉक मुख्यालयों की शालाओं में पदस्थापना देने के नाम पर उनसे मोटी रकम की डिमांड की गई |