लेकिन यहां तो खा रहे हैं और खिला भी रहे हैं प्रधानमंत्री जी

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  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार
  • पेटी कान्ट्रेक्टर गुणवत्ता की उड़ा रहे हैं धज्जियां, निर्माण पूर्ण होने से पहले ही उखड़ गईं सड़कें

अर्जुन झा
जगदलपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईमानदारी और नियत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. वे भारत को भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं. श्री मोदी ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा के संकल्प के साथ देश को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं, लेकिन बस्तर जिले में प्रधानमंत्री की एक महत्वकांक्षी योजना को अधिकारी और ठेकेदार मिलकर पलीता लगा रहे हैं. अफसर तथा ठेकेदार ‘खाएंगे और खिलाएंगे भी’ के संकल्प के साथ काम करते नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत जिले में बनाई जा रही सड़कों का हाल देखकर साफ नजर आता है कि सड़क निर्माण के लिए मिली रकम की जमकर बंदरबांट हो रही है.
बस्तर जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई जा रही ज्यादातर सड़कों के निर्माण में अमानक स्तर की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। जिन ठेकेदारों को प्रधानमंत्री सड़कों के निर्माण का काम दिया गया है, उन्होंने पेटी कॉन्ट्रैक्टरों को टुकड़े टुकड़े में निर्माण की जिम्मेदारी दे रखी है. ये पेटी कान्ट्रेक्टर अपनी जेब गर्म करने के फेर में गुणवत्ता की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण है गारेंगा से चारगांव तक बनाई जा रही 23 किमी लंबी सड़क. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की इस सड़क के निर्माण में इस कदर भ्रष्टाचार किया गया है कि निर्माण के दौर में ही इस सड़क की धज्जियां उड़ गई हैं. इस सड़क का निर्माण कार्य अभी पूर्ण भी नहीं हुआ और पहली बारिश में ही उसकी गुणवत्ता की पोल खुल गई है। इस निर्माणाधीन सड़क के आसपास स्थित गांवों के ग्रामीणों द्वारा विभाग के अधिकारियों को कई बार अवगत कराए जाने के बाद भी गुणवत्ता सुधार में कोई रूचि नहीं दिखाई जा रही है, बल्कि बचे कार्य को भी पुराने ढर्रे पर ही बनाया जा रहा है। ऐसे घटिया निर्माण कार्य को अंजाम देकर अधिकारी और ठेकेदार अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं.
क्षेत्रीय विधायक भी गुणवत्ता को लेकर पूर्व में नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। शासन की मंशा है कि सभी ग्रामीण सड़कों को बेहतर गुणवत्ता के साथ बनाकर जिला मुख्यालय की सड़कों से जोड़ा जाए, ताकि जिले भर में आवागमन के बेहतर साधन उपलब्ध हो सकें।
विधायक की नाराजगी भी बेअसर
अधिकारी-ठेकेदार आपसी सांठगांठ से घटिया सड़क निर्माण कर अवैध रूप से बेतहाशा धन कमाने तथा शासन की छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं. ऐसा कृत्य करके वे विपक्षी दल को हल्ला मचाने का मुद्दा मुहैया करा रहे हैं। गुणवाा को लेकर बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल भी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं. श्री बघेल ने गुणवत्ता में सुधार के निर्देश विभाग के अफसरों को दिए थे, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा, बल्कि पहली बारिश में ही सड़क निर्माण की गुणवत्ता की पोल खुल गई।
देर भी और अंधेर भी
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पैकेज क्रमांक सीजी 01261 के तहत बस्तर जिले के बकावंड एवं बस्तर विकासखंड के गारेंगा से चारगांव तक 1616.75 लाख रु. की लागत से 23 किमी लंबी डामरीकृत एवं सीसी सड़क निर्माण कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की गई है. इसका ठेका जशपुर के ठेकेदार विनोद जैन को दिया गया है। यह कार्य 31 जनवरी 2021 को प्रारंभ किया गया और 18 माह में निर्माण पूर्ण करने की समयावधि निर्धारित की गई है। लेकिन निर्माण में अंधेरगर्दी तो मचाई ही जा रही है, पूर्णता में देरी भी की जा रही है. निर्माण कार्य आधे से अधिक भाग तक किया जा चुका है. अब तक जितना भी सड़क निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है, उसमें घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. पूरी तरह गुणवत्ताविहीन सड़क निर्माण कराया गया है. गारंटी अवधि पूर्ण होने के पहले ही सड़क कई स्थानों पर गुणवत्ता की अनदेखी को बयां करने लगी है। जिस ठेकेदार को काम दिया गया है उसे शायद इसका पता नहीं होगा. मुख्य ठेकेदार ने जशपुर से बस्तर जिले तक दौड़धूप से बचने और घर बैठे रहकर मोटी रकम कमाने के फेर में पेटी कान्ट्रेक्टर को काम सौंप दिया है. इधर पेटी कांट्रेक्टर भी ज्यादा कमाने और अफसरों की जेबें गर्म करने के चक्कर में गुणवत्ता को ताक पर रखकर निर्माण कार्य को पूर्ण करने में जुटा हुआ है।
वर्जन
होगी कड़ी कार्रवाई
मामले की जांच कराई जाएगी। निर्माण कार्यो की गुणवाा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। घटिया निर्माण पाए जाने पर विभाग प्रमुख के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
-चंदन कुमार
कलेक्टर, बस्तर