- आरी डोंगरी माइंस के आवंटन में शासन को एक हजार करोड़ रु. से भी अधिक की लगाई गई चपत
- फर्म विशेष को लाभ पहुंचाने टेंडर प्रक्रिया कर दी गई ऑफ लाइन
- भानुप्रतापपुर में 167 हेक्टेयर में फैली है यह लौह अयस्क खदान
अर्जुन झा
जगदलपुर. प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) द्वारा छत्तीसगढ़ में की जा रही खदान घोटाले की जांच की आंच बस्तर तक पहुंच गई है. खबर है कि बस्तर संभाग की आरी डोंगरी लौह अयस्क खदान के आवंटन में केंद्र और राज्य सरकार को एक हजार करोड़ रु. से भी ज्यादा की चपत लगाई गई है. घोटाले के इस प्रकरण में चार वरिष्ठ आईएएस और दो प्रमोटी आईएएस अधिकारी ईडी तथा इनकम टैक्स विभाग की रडार पर हैं. जांच के लिए ईडी की चार टीमें बस्तर पहुंच चुकी हैं.
बस्तर संभाग के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर के कचही गांव के पास 167 हेक्टेयर से भी ज्यादा भू भाग पर फैली आरी डोंगरी माइंस में उच्च कोटि की लौह अयस्क का विशाल भंडार है. इस माइंस को एक व्यक्ति विशेष की फर्म के हवाले करने के लिए छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अधिकारियों ने कायदों को ताक पर रख दिया. ऑन लाइन टेंडर प्रक्रिया को ऑफ लाइन कर दिया गया, टेंडर फॉर्म उसी फर्म विशेष को दिए गए, दूसरे लोगों को बाहुबल के दम पर टेंडर फॉर्म लेने से रोका गया. टेंडर प्रक्रिया शुरु होने से लेकर समाप्ति तक विभाग के दफ़्तर में लट्ठबाजों की तैनाती की गई थी. कहा जा रहा है कि राजनैतिक दलों को डोनेशन मुहैया कराने वाले किसी आर. जी. नामक शख्स के चहेते व्यक्ति की फर्म को आरी डोंगरी माइंस आवंटित की गई है. इसमें खनिज विकास निगम के कई बड़े अफसरों की संलिप्तता की बात सामने आ रही है. खनिज घोटाले में पहले से गिरफ्तार आईएएस अधिकारी समीर बिश्नोई ने ईडी के अधिकारियों के समक्ष आरी डोंगरी माइंस आवंटन फर्जीवाड़े की पोल खोली है तथा इस बात पर एक अन्य आईएएस अफसर जेपी मौर्य ने भी मुहर लगाई है. इस खुलासे के बाद दिल्ली से ईडी के सीनियर अफसरों की चार टीमें बस्तर पहुंची हैं. ये टीमें जगदलपुर, कांकेर और भानुप्रतापपुर में मामले की पड़ताल शुरू कर चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक इस फर्जीवाड़े में सत्तारुढ़ दल का एक बड़ा नेता तथा खनिज विकास निगम के सीनियर अधिकारी और प्रशासन तथा निगम से जुड़े चार वरिष्ठ आईएएस और दो प्रमोटी आईएएस अधिकारियों की भूमिका संदेह के दायरे में है. यही लोग ईडी और आयकर विभाग की रडार पर हैं. जल्द ही इन लोगों से पूछताछ होगी और उनकी गिरफ्तारी भी संभव है.
बस्तर में भी डीएमएफ घोटाला
रायगढ़ की तरह बस्तर संभाग में भी जिला खनिज मद (डीएमएफ ) के करोड़ों रु के घोटाले का शक ईडी के अधिकारियों को है. सूत्रों का कहना है कि रायगढ़ में हुए डीएमएफ घोटाले में गिरफ्तार आईएएस अधिकारी रानू साहू ने कई राज खोले हैं. कहा जा रहा है कि राज्य के अधिकांश जिलों में जिला खनिज मद (डीएमएफ ) के करोड़ों रु.अफसरों ने डकार लिए हैं. इस मद की राशि में सबसे ज्यादा हेराफेरी उन जिलों में ज्यादा हुई है, जहां विभिन्न खनिजों की बड़ी बड़ी खदाने हैं. बस्तर संभाग भी ऐसी खदानों के मामले में समृद्ध है, लिहाजा माना जा रहा है कि इस संभाग के भी जिलों में डीएमएफ मद के करोड़ों के वारे न्यारे किए गए हैं.