विद्यार्थियों का भविष्य संवारने के साथ समाज से भी जुड़ें शिक्षक

0
142
  • प्रशिक्षण में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण आरपी आदित्य ने कहा
  • जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने भी दिया मार्गदर्शन

जगदलपुर यहां स्थित बीआरसी भवन में शिक्षकों के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें शिक्षकों को एस एम सी प्रशिक्षण के साथ ही दिव्यांग बच्चों की बौद्धिक क्षमता के विकास के लिए भी विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गुरुवार को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण आरपी आदित्य और जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान भी प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचे दोनों अधिकारियों ने शिक्षकों को मार्गदर्शन दिया।जगदलपुर के बीआरसी भवन में जिला स्तरीय एसएमसी प्रशिक्षण एवं विकास खंड स्तरीय समवेशी शिक्षा के तहत अधिगम अक्षमता एवं बौद्धिक निःशक्तता पर आधारित प्रशिक्षण शिक्षक – शिक्षिकाओं को दिया जा रहा है। 24 नवंबर को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण आरपी आदित्य और जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने प्रशिक्षण केंद्र पहुंचकर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया। श्री आदित्य ने एसएमसी प्रशिक्षण ले रहे शीशकों से कहा कि यदि आप लोग शाला में पूरा समय देने के साथ ही थोड़ा अतिरिक्त समय निकालकर समाज के लोगों से मेल मुलाकात करते रहेंगे, उनके सुख दुख में सहभागी बनते रहेंगे, तो समाज के लोगों और पालकों का आपसे और आपकी शाला से जुड़ाव बढ़ेगा। अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति वे और भी जागरूक होंगे। इससे शाला के विकास में भी मदद मिलेगी आदित्य ने कहा कि शिक्षक शिक्षिकाएं कुछ ऐसा करते रहें कि विद्यार्थी आपको अपना रोल मॉडल मानकर आगे बढ़ने के लिए स्व प्रेरित हो सकें। उन्होंने शिक्षकों को नसीहत दी कि आप सभी अपनी – अपनी शाला में सबसे पहले पहुंचें और सबसे आखिर में शाला छोड़ें। इससे विद्यार्थी समय के अनुशासन का महत्व खुद समझने लगेंगे। आप सभी रोज आत्म अवलोकन करें कि आज हमने अपने विद्यार्थियों के हित में कितना काम किया और कितना करना चाहिए था। जो कमी रह गई हो उसे दूसरे दिन पूरा करने की कोशिश करें।परखें दिव्यांग विद्यार्थियों की क्षमता को : प्रधान समावेशी शिक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे शिक्षक – शिक्षिकाओं को जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने विशेष मार्गदर्शन दिया। श्रीमती प्रधान ने कहा कि अक्सर आप लोग शारीरिक और मानसिक दिव्यांग विद्याथियों की क्षमता का आंकलन नहीं कर पाते। जबकि ऐसे विद्यार्थियों में ऐसी क्षमता एवं प्रतिभा छुपी रहती है, जिसे निखार कर हम उनके भविष्य को बेहतर बनाने में अतुलनीय योगदान दे सकते हैं। डीईओ भारती प्रधान ने यह भी कहा कि जानकारी के अभाव में हम दिव्यांग विद्यार्थियों और उनके पालकों को शासन द्वारा ऐसे विद्यार्थियों के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाओं से अवगत नहीं करा पाते और वे योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने शिक्षकों को उक्त दोनों बिंदुओं पर सजग रहते हुए काम करने के लिए प्रेरित किया।