प्रस्तावित शिवालय की शंख स्थापना पूजा में बड़ी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु

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  • आंध्र प्रदेश के विद्वान पंडितों के सानिध्य में संपन्न हुआ पूजा विधान

जगदलपुर। शहर के राजेंद्र नगर वार्ड स्थित ऐतिहासिक गंगा मुंडा तालाब के नैऋत्य में निर्मित होने जा रहे भव्य शिवालय की “शंख स्थापना” पूजा विधान 9 दिसंबर 2022 दिन शुक्रवार को मृगशिरा नक्षत्र में प्रातः 8 बज कर 22 मिनट पर शुभ मुहूर्त में संपन्न हुआ। पंच सूत्र, विष्णुशास्त्र, लक्ष्मी अष्टोत्रम, नित्यार्चना आदि वैदिक विषयों सहित “आगमम” और “स्थापत्यम” के प्रकांड ज्ञाता डॉ. बालभाष्करण जी के सानिध्य में संपन्न हुए महत्वपूर्ण पूजा विधान में क्षेत्रवासियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर देवाधि देव महादेव की विशेष अर्चना की। आंध्र प्रदेश के तिरूपति से पधारे विद्वान पंडितों के दल द्वारा संपन्न पूजा विधान में इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा, महापौर सफ़ीरा साहू, भाजपा नेता मद्दी श्रीनिवास, एमआईसी मेंबर यशवर्धन राव, भाजपा के नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश गुप्ता, सांसद प्रतिनिधि वेणुगोपाल राव, संतोष यादव, संपत झा, दशरथ कश्यप, कन्हैया झा, अमर रियार आदि गणमान्य नागरिकों सहित बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित रहे। आंध्र समाज के अध्यक्ष एम. जयंत नायडू ने जानकारी देते बताया कि आंध्र समाज द्वारा शहर में बनवाए गये भव्य बालाजी मंदिर के बाद अब भव्य शिवालय निर्माण का निर्णय लिया गया है। गंगामुंडा तालाब के दक्षिण- पश्चिमी हिस्से में बनने जा रहे विशाल शिवालय के निर्माण हेतु विशेष तौर पर आंध्र समाज के प्रख्यात शिल्पकारों के दल को बुलाया गया है। आंध्र समाज के सचिव सुब्बा राव ने बताया कि द्रविड़ मंदिर वास्तुकला के आधार पर निर्मित होने जा रहे शिवालय में चतुर्मुख शिवलिंग स्थापित होंगे। प्रस्तावित शिवालय भव्यता और वास्तुकला की दृष्टि से निश्चित तौर पर अंचल का गौरव सिद्ध होगा।

भूतल से 10 फ़ीट नीचे स्थापित किया गया शंख

शंख स्थापना पूजा विधान के तहत आज गणपति आह्वान के साथ पूजा प्रारंभ की गई। इस क्रम में वास्तु मंडप मंडल आराधना, महा रुद्राभिषेकम पूजा के बीच लगभग 10 फीट गहरे स्थान पर विशेष यंत्र और शीला स्थापित किए गए। विद्वान पंडित डॉ. बाल भास्करण द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर यंत्र और शीला स्थापित किए गए हैं उसी स्थान पर मंदिर के गर्भ ग्रह में शिवलिंग स्थापित किया जाएगा।