सैय्यद वली आज़ाद – नारायणपुर – 15-Sept-2020
छत्तीसगढ़ में कार्यरत 13000 राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) एवं एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के कर्मचारियों ने प्रदेस की ढाई करोड़ जनता के नाम एक पत्र जारी कर मार्मिक संदेश देते हुए दिनांक 19.9.2020 से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने के कारण होने वाली दिक्कतों के लिए क्षमा मांगी है।
ज्ञातव्य हो कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2018 में चुनाव पूर्व अपने घोषणा पत्र में संविदा कर्मियों के नियमितिकरण की बात कही थी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस बात को बार बार कर्मचारियों को कहा था तथा स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने भी कर्मचारी आंदोलन में उपस्थित होकर सरकार बनने के 10 दिन के भीतर नियमितिकरण की बात कही थी इस कोरोना काल मे जहां शिक्षाकर्मियों को 2 वर्षो में संविलियन का उपहार सरकार ने दिया वही 13000 कोरोना योद्धाओं को सिर्फ कागजों में सम्मानित करते हुए उनके नियमितिकरण के सम्बंध में एक पहल भी नही की है, जिससे अपने जान के परवाह किये बिना कार्य कर रहे एनएचएम कर्मचारियों में घोर निराशा एवं मानसिक तनाव से ये कर्मचारी गुजर रहे है।अवगत हो कि इन संविदा कर्मचारियों का भविष्य हर समय अधर में लटका रहता है जब चाहे तब आला अधिकारियों के द्वारा इन्हें निकाल दिया जाता है एवं लगातार इन्हें इसी बात का डर दिखाया जाता है कि तुम संविदा कर्मचारी हो हम जब चाहे तब तुम्हें निकाल सकते है ।प्रदेश में कार्यरत 13000 एनएचएम कर्मचारी बहुत ही अल्प वेतन रेगुलर कर्मचारियों की तुलना में सिर्फ 50% का वेतन पाकर कार्य कर रहे है।और न ही इन्हें किसी भी प्रकार का जोखिम भत्ता या चिकित्सकीय भत्ता, गृह भत्ता दिया जाता है।छत्तीसगढ़ में जो स्वास्थ्य सुविधाओं में आमूलचूल परिवर्तन एवं अस्पतालों की जो दशा और दिशा बदली वो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आने के बाद ही हो पायी है।
ऐसे में 13000 संविदा कर्मचारी अपने जॉब की सिक्योरिटी और नियमितिकरण चाहते है जिसके लिए वे छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता से माफी मांगते हुए हड़ताल में जा रहे है।कहि न कहि इसमें दोष सत्तासीन सरकार एवं नियम कानून बनाने वाले प्रशासनिक अधिकारियों का है जो नियुक्तियां तो कर देते है लेकिन अपने ही कर्मचारियों के भविष्य के बारे में सोचना नही चाहते । जिससे ये कर्मचारी अब आर पार के मूड में है।
अब देखना होगा जहां छत्तीसगढ़ कोविड सकारात्मक प्रकरणों के मामले में जहां जनसंख्या की तुलना में देश मे 7 वे स्थान पर है और लगातार कोरोना से मृत्यु भी हो रही है तो क्या सरकार इनके नियमितिकरण की घोषणा 18 सितम्बर तक करती है या नही या इस कोरोना काल मे भी अपने अड़ियल रवैये पे कायम रहेंगे।