- नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ सामाजिक आंदोलन है यह
- प्रधानमंत्री का स्वागत है, कांग्रेस का कोई विरोध नहीं
जगदलपुर उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा है कि सर्व आदिवासी समाज और पिछड़ा वर्ग समाज के 2 अक्टूबर को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन से कांग्रेस का कोई लेना देना नहीं है। यह प्रदर्शन नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ है। 3 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जगदलपुर आ रहे हैं, उनका स्वागत है। इसमें कांग्रेस का कोई विरोध नहीं है। प्रधानमंत्री की आमसभा स्थल पर कांग्रेस पार्टी का बैनर, पोस्टर लगाने वाली बात सही नहीं है।
प्रदेश के उद्योग एवं आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यहां जारी बयान में कहा है कि नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ मैंने सन 2022में उद्योग मंत्री होने के नाते विधानसभा में बिल पेश किया था, जिसे पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया था, लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया है। नगरनार क्षेत्र के किसानों ने एनएमडीसी को स्टील प्लांट बनाने के लिए जमीन दी थी। प्रभावित लोग और बस्तरवासियों का मानना है कि एनएमडीसी ही स्टील प्लांट का संचालन करे, उसका निजीकरण न हो। क्योंकि इस स्टील प्लांट से हजारों युवाओं और व्यापारियों का हित जुड़ा हुआ है। यदि एनएमडीसी स्टील प्लांट नहीं चला सकता, तो राज्य सरकार चलाएगी। इस संबंध में कांग्रेस का स्पष्ट मानना है। बस्तर का लोहा जापान जा रहा है, यहीं पर स्टील बनेगा तो बस्तर, प्रदेश और देश का भला होगा। लखमा ने कहा है कि जनता से जुड़े इस मामले में केंद्र सरकार को बस्तर हित में फैसला लेना चाहिए। क्योंकि बस्तर के लोग निजी हाथों में स्टील प्लांट को जाने देना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रवास को लेकर लालबाग में बैनर पोस्टर लगाना और निजी तथा शासकीय वाहनों का अधिग्रहण जैसे भ्रामक प्रचार गलत है। कांग्रेस ऐसी ओछी राजनीति नहीं करती है। जो भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है, वह स्टील प्लांट के निजीकरण के खिलाफ विशुद्ध रूप से सर्व आदिवासी समाज का धरना प्रदर्शन है।