“अर्जुन झा“
कोण्डागांव/जगदलपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनप्रतिनिधियों के सम्मान के लिए काफी संवेदनशील हैं लेकिन उनकी नौकरशाही जनप्रतिनिधियों का सम्मान कितनी गंभीरता से कर रही है, इसकी ताजा बानगी यह है कि बस्तर के नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप कोंडागांव जिला प्रशासन पर इसलिए भड़क उठे कि उनकी उपेक्षा हो रही है। चंदन बस्तर के ऐसे विधायक हैं जिनके कार्यक्षेत्र तीन-तीन जिले हैं किंतु तीनों जिलों में उनकी उपेक्षा की जा रही है, ऐसा उनको लग रहा है। ऐसा ही मामला कोंडागांव जिले में देखने को मिला, जिस पर विधायक चंदन भड़क गए हैं। जिले के बस्तर के करंदोंला में जन्मे चंदन कश्यप तत्कालीन भाजपा सरकार के मंत्री केदार कश्यप को हराकर नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं। उनका कार्यक्षेत्र बस्तर , नारायणपुर व कोंडागांव जिले में आता है लेकिन प्रशासन हमेशा उन्हें उपेक्षित करता है। अब मुद्दा यह है कि चंदन कश्यप को राज्य सरकार ने हस्तशिल्प बोर्ड का अध्यक्ष बनाया है और राज्य मंत्री का दर्जा भी दिया है। इसके बावजूद विगत दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लोकार्पण कार्यक्रम में उनके ही शिल्प बोर्ड के कार्यक्रम में शिलालेख में उनका नाम नहीं है। जिसके कारण चंदन कश्यप नाराज हैं। चंदन कश्यप ने जिला प्रशासन और नगर पालिका के नेताओं को कठघरे में खड़ा करते हुए नाराजगी जाहिर की है।