- कलेक्टर ने मामला तूल पकड़ने के बाद हटा दिया डॉ. भारती को
- नौकरी के लिए रकम दे चुके अभ्यर्थी हो रहे हैं परेशान
बीजापुर जिले के नए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय रामटेके ने कार्यभार सम्हालते ही पूर्व सीएमएचओ द्वारा की गई सोलह कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। नौकरी के लिए जिन युवाओं ने रकम दी थी, उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ गया है। अब वे रकम की वापसी कैसे होगी, इस बात को लेकर परेशान हो रहे हैं। बीजापुर स्वास्थ विभाग के सीएमएचओ भारती ने 16 कर्मचारियों की विभन्न पदों पर नियुक्तिय की थी। इसमें लेनदेन की बात सामने आई थी।शिकायत पर कार्यवाही करते हुए जिले के कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग लेखापाल को निलंबित कर सीएमएचओ पर कार्यवाही के लिए शासन को पत्र लिखा है। राज्य युवा आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने कहा है कि राज्य शासन ने अब तक प्रभारी सीएमएचओ पर कार्यवाही नही की है, लेकिन कलेक्टर ने डॉ. अजय रामटेके को प्रभारी सीएमएचओ का प्रभार दे दिया है। डॉ. रामटेके ने 21जनवरी को सभी कर्मचारियों के नियुक्ति आदेश को निरस्त कर दिया। श्री सिंह ने कहा है कि जिले में फर्जी तरीके से स्वास्थ्य विभाग 16 लोगो को नियुक्तिया दे देता है और कलेक्टर को इसकी जानकारी मीडिया के माध्यम से मिलती है। तब कहीं जाकर कलेक्टर आधी अधूरी कार्यवाही करते हैं। जबकि जो लोग नौकरी के लिए रिश्वत के रूप में रकम देकर ठगी के शिकार हुए हैं। अजय सिंह ने सवाल उठाया है कि इस भ्रष्टाचार की जांच क्यों नही की गई? कलेक्टर को थाने में एफआईआर दर्ज करानी चाहिए थी। आखिर किस बात से डर रहे हैं कलेक्टर, किसका दबाब है उन पर?
दर्ज कराई जाए एफआईआर