जगदलपुर। शहर के अधिकांश इलाकों के राजनीतिक रसूख रखने वाले लोगों की वजह से नगर ट्रांसपोर्ट नगर में तब्दील हो गया है वही ट्रांसपोर्टरों को कथित तौर पर पुलिस का अभयदान भी मिला हुआ है जिसके कारण उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया जाता है।
नगर निगम द्वारा ट्रांसपोर्ट नगर नहीं बनाए जाने का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है और इसके परिपेक्ष में शहर की अधिकांश छोटी-छोटी गलियां भारी वाहनों के कारण बंद हो जाती है तो दूसरी तरफ लोगों का चलना फिरना भी दूभर हो जाता है इन सब के बावजूद इन ट्रांसपोर्टरों को किसी प्रकार की समझाइश नहीं दी जाती। भले ही पुलिस लाख दावा करे कि भारी वाहनों का प्रवेश दिन में वर्जित है किंतु यह दावे सिर्फ कागजी घोड़े ही साबित हो रहे हैं।
सर्वाधिक दिलचस्प बात है कि बस्तर पुलिस की यातायात शाखा को यह सब जानकारी है किंतु राजनीतिक दबाव के कारण किसी प्रकार की कार्यवाही उनके द्वारा नहीं की जाती है जिससे लोगों में एक प्रकार का भय हमेशा से ही बना रहता है। नगर के विजयवार्ड लाला जगदलपुर गली, पंडित दीनदयाल उपाध्याय वार्ड ,सुभाष वार्ड, इंदिरा वार्ड और दंतेश्वरी वार्ड के निवासियों को इन दिनों खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इन वार्डों में बिना मापदंडों के पालन किए संचालित किए जा रहे गोदामों के संचालकों की लापरवाही से यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है ।गोदामों के सामानों की ढुलाई करने वाले ड्राइवरों पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं होने पर दोनों वार्डो में यहां-वहां भारी वाहनों को खड़ा कर दिया जाता है जिससे वार्ड के रहवासियों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही साथ ऊपरवर्णित वार्डों में लगातार दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं आए दिन लोग दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं ।बाहर से आए असामाजिक और संदिग्ध किस्म के ड्राइवरों द्वारा वार्ड में बेतरतीब तरीके से वाहनों को लोगों के घरों के सामने पार्क कर दिया जाता है और शाम ढलते ही नशाखोरी की जाती है जिसमें शराब के अलावा नशीली दवाइयों और गांजे का सेवन भी किया जाता है जिससे वार्ड की महिलाएं भी खासी परेशान हैं तथा वार्ड के जनप्रतिनिधियों का वरदहस्त भी ट्रांसपोर्टरों को मिला हुआ है जिसके कारण इन नियंत्रण नहीं हो रहा है और लोगों में आक्रोश पैदा हो रहा है ।नगर निगम जगदलपुर की ट्रांसपोर्ट नगर योजना ठंडे बस्ते में जाने के कारण यह स्थिति लगातार कई वर्षों से निर्मित हो रही है और उम्मीद की जा रही है कि वर्तमान नगर निगम के कार्यकाल में ट्रांसपोर्ट नगर की सौगात मिल सकती है।