संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर व शहीद वीर गुंडाधुर प्रतिमा पर माल्यार्पण

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शहीद वीर गुंडाधुर और संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर जी का मूर्ति अनावरण बस्तर विधायक बविप्रा अध्यक्ष लखेश्वर बघेल द्वारा किया गया। ग्राम प्रमुखों एवं स्कूली बच्चों द्वारा पाहुरबेल मेन चौक में भव्य स्वागत किया गया । भूमकाल विद्रोह के जननायक बस्तर माटीपुत्र वीर शहीद गुंडाधुर की प्रतिमा की पूजा अर्चना कर उनके प्रतिमा की अनावरण किया । बस्तर विधायक ने कहा की गुंडाधुर का जन्म नेतनार, बस्तर (छत्तीसगढ़) के एक छोटे गाँव में हुआ था गाँव में पले-बढ़े गुंडाधुर ने अंग्रेजों को इतना परेशान कर दिया कि उन्होंने कुछ समय के लिए गुफाओं में छिपना पड़ा।

अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाला यह क्रांतिकारी आज भी बस्तर के लोगों के बीच जीवित है । देश के लिए अपनाा सब-कुछ न्यौछावर करने वाले वीर सपूतों के साथ ही कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने आजादी के समर में अपना एक अलग योगदान दिया है, जिन्हें इतिहास कभी भुला नहीं सकता. ऐसे ही एक वीर क्रातिकारी का नाम है शहीद गुंडाधुर ।संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर भारत रत्न बाबा साहेब अंबेडकर की जीवनी की एक महत्वपूर्ण बातें बताई बस्तर विधायक श्री लखेश्वर बघेल जी ने डॉ. भीम राव अंबेडकर भारतीय संविधान के निर्माता, दलितों के मसीहा एवं “आधुनिक मनु” के नाम से प्रसिद्ध डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर का भारतीय जनमानस के जीवन पर गहरा प्रभाव है भारत जैसे विविधता से भरे देश के लिए संविधान निर्माण करने एवं देश में दलित एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए किए गए कार्यो के कारण बाबा साहेब अम्बेडकर का नाम भारतीय इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है वास्तव में भारतीय समाज में दलित वर्ग के उत्थान के लिए जनजागृति लाने में आधुनिक समय में जितना अधिक कार्य डॉ. भीम राव अंबेडकर द्वारा किया गया है इसका उदाहरण अन्यत्र देखने को नहीं मिलता।