- अनेक परियोजनाओं को लटकाए रखने से अब उठने लगे हैं सवाल
- जगदलपुर रेलवे स्टेशन में वाशिंग लाईन का काम 4 साल से अटका
- बस्तर सांसद दीपक बैज ने प्रोजेक्ट रोकने को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
अर्जुन झा
बस्तर क्या केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है? छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है, क्या इसीलिए केंद्र सरकार इस राज्य में पहले से स्वीकृत केंद्रीय परियोजनाओं को रोक रही है ? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लंबा समय गुजर जाने के बाद भी या तो शुरू नहीं कराया गया है, या फिर बीच में ही रोक दिया गया है। बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज ने इस मसले को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार के रवैए को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।छत्तीसगढ़ में जबसे कांग्रेस की सत्ता आई है, तबसे केंद्र की भाजपा सरकार ने इस राज्य की ओर से अपना मुंह फेर लिया है। लगता तो ऐसा ही है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में काफी पहले से स्वीकृत केंद्र सरकार की अनेक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का काम अब तक शुरू नहीं कराया गया है। वहीं जिन केंद्रीय परियोजनाओं पर काम आरंभ हो चुका था, उनका निर्माण भी बीच में ही रोक दिया गया है। छत्तीसगढ़ में रेल कॉरिडोर, नदियों को जोड़ने की परियोजना, चतुर्भुज सड़क निर्माण परियोजना, जगदलपुर रेलवे स्टेशन में वाशिंग लाइन निर्माण जैसे अनेक महत्वपूर्ण केंद्रीय प्रोजेक्ट हैं, जो केंद्र सरकार के पक्षपात भरे व्यवहार के शिकार बन गए हैं। बिलासपुर से मुंगेली, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़ होते हुए रेल कॉरिडोर की स्वीकृति दुर्ग की तात्कालीन लोकसभा सांसद एवं मौजूदा राजयसभा सदस्य सरोज पाण्डेय की पहल पर केंद्र सरकार ने दी थी। रेल कॉरिडोर के लिए सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है, लेकिन मैदानी स्तर पर रेल लाईनें बिछाने का काम लगभग साढ़े छह साल बीतने के बाद भी शुरू नहीं हो पाया है। इसी तरह सड़क चतुर्भुज परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ को चारों दिशाओं में स्थित अनेक पड़ोसी राज्यों से तथा राज्य के विविध हिस्सों में बसे गांवों और शहरों को आपस में व्यवस्थित सड़क मार्ग से जोड़ने के मकसद से स्वीकृत की गई है, लेकिन इस परियोजना का भी काम अब तक केंद्र सरकार की फाईलों में ही कैद होकर रह गया है। राज्य की महानदी, इंद्रावती, अरपा, खारून, शिवनाथ समेत अन्य बड़ी नदियों को जोड़कर इन नदियों में जल प्रवाह को अविरल बनाए रखने तथा वर्षा जल के अधिकाधिक उपयोग की परियोजना भी अधर में लटकी नजर आ रही है।
- चार साल से अटका है वाशिंग लाईन निर्माण का काम
जगदलपुर रेलवे स्टेशन में वाशिंग लाईन निर्माण के काम को केंद्र सरकार ने चार साल से अटका रखा है। बस्तर के सांसद दीपक बैज की पहल पर केंद्र सरकार ने वाशिंग लाईन निर्माण की स्वीकृति दी थी। यहां सन 2018 में वाशिंग लाईन का निर्माण रेलवे ने प्रारंभ किया था, पर उसे आधा अधूरा छोड़ दिया गया है।वाशिंग लाईन का काम चार साल से बंद पड़ा है। सोमवार को लोकसभा में सांसद बैज ने इस मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाया था। सदन में उन्होंने कहा कि जगदलपुर रेलवे स्टेशन में वाशिंग लाइन का निर्माण हो जाने से यहां से चलने वाली और यहां से गुजरने वाली ट्रेनों की सफाई धुलाई करने का प्रस्ताव पूर्व तट रेलवे का था। इससे स्थानीय लोगो को रोजगार का अवसर मिलता, लेकिन यह कार्य अधर में लटकाकर रख दिया गया है। सांसद दीपक बैज ने सदन में इस बात पर चिंता जताई कि केंद्र सरकार के 2023 -34 के आम बजट में भी छत्तीसगढ़ के जगदलपुर स्टेशन पर वाशिंग लाईन के अधूरे निर्माण को पूर्ण कराने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। बैज ने केंद्र सरकार से मांग की कि जगदलपुर रेलवे स्टेशन में वाशिंग लाईन का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू किया जाए।
छग के सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण
एक तरफ तो केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के लिए खुद के द्वारा स्वीकृत महति परियोजनाओं को लंबित करती जा रही है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में स्थापित अपने नियंत्रण वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र के हवाले करने पर आमादा है। भारतीय इस्पात प्राधिकरण ( सेल ) के भिलाई इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में दिए जाने की चर्चा आम रही है। इस संयंत्र की कई यूनिटों के काम को निजी हाथों में सौंपा भी जा चुका है। अब बस्तर में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम ( एनएमडीसी ) द्वारा बस्तर संभाग के नगरनार में स्थापित इस्पात संयंत्र के भी निजीकरण की तैयारी पूरी कर ली गई है। खबर है कि नगरनार इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में देने की सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गईं हैं, केवल विधिवत घोषणा बाकी है। नगरनार इस्पात संयंत्र बस्तर में स्थापित इकलौता बड़ा उद्योग है, जिससे बस्तर के पढ़े लिखे आदिवासी युवाओं, मजदूरों, छोटे उद्यमियों और नगरनार संयंत्र के निर्माण में अपनी कृषि भूमि गंवा बैठे किसानों की संतानों को रोजगार की उम्मीद थी। लोगों की इस उम्मीद को भी तोड़ने पर केंद्र सरकार तुल गई। नगरनार संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ बस्तर सांसद दीपक बैज लोकसभा में आवाज उठा चुके हैं। श्री बैज ने कहा है कि यह संयंत्र बस्तर और छत्तीसगढ़ की संपत्ति है, इससे बस्तरवासियों की भावनाएं और आकांक्षाएं जुड़ी हुई हैं। बैज ने कहा कि बस्तर के लोगों की भावनाओं और आकांक्षाओं के साथ केंद्र सरकार खिलवाड़ न करे।
नहीं बिकने देंगे नगरनार इस्पात संयंत्र को : जैन
नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के खिलाफ शुरू से मुखर रहे जगदलपुर के विधायक एवं संसदीय सचिव रेखचंद जैन इस संयंत्र को बेचे जाने के केंद्र सरकार के फैसले को सीधी चुनौती दी है। जैन ने कहा है कि यह न सिर्फ जगदलपुर विधानसभा क्षेत्र का मामला है, बल्कि इससे समूचे बस्तर की जनभावना जुड़ी हुई है। नगरनार समेत नौ ग्राम पंचायतों के आदिवासी किसानों ने संयंत्र स्थापना के लिए अपनी उपजाऊ जमीन सिर्फ मुआवजा पाने के लिए नहीं दी है, बल्कि उन्होंने संयंत्र में अपनी संतानों और अंचल के मजदूरों को रोजगार मिलने का सपना भी संजो रखा है। संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा कि संयंत्र के निजीकरण से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर घट जाएंगे और बाहरी लोगों की घुसपैठ बस्तर में बढ़ जाएगी। इससे बस्तर की आदिम संस्कृति भी खतरे में पड़ जाएगी। जैन ने साफ शब्दों में कहा है कि नगरनार इस्पात संयंत्र की नीलामी में भाग लेने वाले किसी भी बोलीदार को बस्तर की जमीन पर पैर भी रखने नहीं दिया जाएगा। बस्तर की अस्मिता से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
छ्ग के साथ भेदभाव न करे केंद्र सरकार : बैज
बस्तर के कांग्रेस सांसद दीपक बैज ने कहा है कि केंद्र सरकार को दलगत राजनीति और बदले की भावना से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। केंद्र सरकार ने जिस तरह से छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत परियोजनाओं का काम रोक रखा है, उससे तो यही लगता है कि केंद्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ के लोगों से बदला ले रही है। सांसद बैज ने कहा कि पंद्रह सालों तक छत्तीसगढ़ की सत्ता में रही भाजपा को राज्य की जनता ने उखाड़ फेंका है, जिसकी बौखलाहट में केंद्र की भाजपा सरकार ऐसा कर रही है। बैज ने कहा जिन राज्यों में चुनाव के दिन करीब रहते हैं, उन राज्यों पर केंद्र सरकार कुछ ज्यादा मेहरबान हो जाती है। छत्तीसगढ़ में भी जैसे ही चुनाव के दिन नजदीक आएंगे, यहां की तमाम रुकी हुई परियोजनाओं पर काम शुरू करा दिया जाएगा। बैज ने कहा कि लगता है चुनाव की प्रतीक्षा में बैठी भाजपा शासित केंद्र सरकार ने इसी मकसद से परियोजनाओं को रोक रखा है। सांसद दीपक बैज ने रेल कॉरिडोर, चतुर्भुज सड़क परियोजना, नदियों को जोड़ने की परियोजना, जगदलपुर रेलवे स्टेशन में वाशिंग लाईन निर्माण के कार्यों को जल्द अंजाम तक पहुंचाने की मांग की है। उन्होंने नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध भी किया है।