कभी भी शोला बनकर भड़क सकती है भेजरीपदर की चिंगारी

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  • आदिवासियों और ईसाई समुदाय के बीच जमकर हुई थी पत्थरबाजी
  • धर्मांतरित आदिवासी महिला के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद
  • भेजरीपदर गांव में अभी भी तैनात है भारी पुलिस बल तैनात

तोकापाल बस्तर जिले की तोकापाल जनपद पंचायत के ग्राम भेजरीपदर में अभी भी तनातनी का माहौल है। ईसाई धर्म अपना चुकी गांव की एक महिला के शव के अंतिम संस्कार को लेकर गांव में विवाद शुरू हुआ था। प्रशासन ने हालांकि हालात को जल्द काबू में कर लिया, लेकिन दबी हुई चिंगारी, कहीं शोला बनकर भड़क न उठे, इसे देखते हुए गांव में बुधवार को भी भारी पुलिस बल को तैनात रखा गया है। भेजरीपदर गांव के कुछ आदिवासी परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। इन्हीं धर्मान्तरित परिवारों में से एक परिवार की 45 वर्षीय महिला माते बेको पति मोसू बेको का निधन हो गया। बेको के शव को दफनाने के लिए परिजन गांव में आदिवासियों के श्मशान घाट में ले गए थे। गांव के अन्य आदिवासी परिवार इसके विरोध करने लगे। इस बीच ईसाई समुदाय के लोग भी अन्य धर्मान्तरित परिवारों के साथ बेको परिवार के समर्थन में सामने आ गए। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों पक्षो में जमकर पत्थरबाजी होने लगी। संघर्ष का दौर काफी देर तक चलता रहा। मंगलवार को पथराव में चार पुलिस कर्मी और समुदायों के अनेक लोग घायल हो गए। जख्मी पुलिस कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालात को देखते हुए गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पुलिस और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी गांव में पहुंच गए। अनुविभागीय अधिकारी पुलिस ऐश्वर्य चंद्राकर तथा आसपास के थानों के पुलिस बल और जिला मुख्यालय से पहुंचे बल के साथ मंगलवार और बुधवार को भी गांव में डटे रहे।

मंगलवार को पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की समझाईश के बाद माते बेको के शव को गांव में स्थित उनकी निजी बाड़ी में दफना दिया गया। इस बीच पूर्व मंत्री एवं आदिवासी नेता ननकीराम के नेतृत्व में पूर्व मंत्री केदार कश्यप, दिनेश कश्यप, राजाराम तोड़ेम, बैदूराम कश्यप, लच्छूराम कश्यप, रूपसिंह मंडावी, पूर्व विधायक संतोष बाफना, संजय पाण्डेय, महेश कश्यप, शिवनारायण पाण्डेय, सुधीर पाण्डेय, तेजपाल शर्मा आदि भी भेजरीपदर गांव पहुंच गए। नेताओं और भाजपा नेताओं के आने के बाद आदिवासी और भी मुखर होकर आवाज उठाने लगे। पुलिस ने जैसे तैसे स्थिति सम्हाल ली। मगर दूसरे दिन बुधवार को आदिवासी गांव की आबादी के बीच स्थित बाड़ी में शव दफनाए जाने का रह रहकर विरोध करते रहे। वे शव को निकालकर कहीं और दफनाने की मांग करते दिखे। कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि भेजरीपदर में भड़की हिंसा की आग बुझ जरूर गई है, लेकिन दबी हुई चिंगारी कभी भी शोला बनकर भड़क सकती है।

सामाजिक समरसता बिगाड़ने का प्रयास : कंवर

पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर ने मंगलवार को पीड़ित आदिवासियों से चर्चा करने और हालात का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बस्तर में समुदाय विशेष द्वारा सामाजिक समरसता बिगाड़ने का प्रयास सरकार के संरक्षण में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रताड़ित आदिवासियों की उपेक्षा करते हुए समुदाय विशेष को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। नारायणपुर में भी आदिवासियों के खिलाफ ऐसी ही घटना को अंजाम दिया गया था। अब भेजरीपदर में आदिवासियों पर जुल्म किया गया है। कंवर ने कहा कि पुलिस के अधिकारी और जवानों के साथ समुदाय विशेष के लोगों ने खुलेआम मारपीट की, आम ग्रामीणों और आदिवासियों पर हमले किए गए। सारा घटनाक्रम प्रशासन और पुलिस के बड़े अधिकारियों की नजरों के सामने हुआ, लेकिन सरकार के दबाव में हिंसा करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आदिवासियों की आस्था और परंपराओं पर कुठाराघात हो रहा है।

बस्तर में आदिवासियों पर हो रही हिंसा : केदार कश्यप

पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में आदिवासियों के खिलाफ समुदाय विशेष द्वारा प्रायोजित तरीके से हिंसा की जा रही है। इसके कारण यहां के आदिवासियों में असंतोष और भय का वतावरण निर्मित हो गया है। पूरे बस्तर में अवैध तरीके से धर्मान्तरण कराया जा रहा है। साजिश के तहत आदिवासियों का अस्तित्व खत्म करने की कोशिशें चरम पर हैं। भेजरीपदर में जो घटना हुई है, उसमें प्रशासन ने एक तरह से समुदाय विशेष को खुली छूट दे दी थी। कश्यप ने कहा कि मिशनरी के लोग आदिवासियों पर जुल्म ढा रहे हैं। हम लोग इस मसले को लेकर बस्तर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से भी मिलने वाले हैं। इसके अलावा छल प्रपंच और प्रलोभन के जरिए बस्तर में चल अवैध धर्मान्तरण तथा आदिवासियों के खिलाफ हिंसा एवं प्रताड़ना का मामला विधानसभा में भी उठाया जाएगा।

स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में

भेजरीपदर मंगलवार को कुछ देर के लिए दो पक्षो में विवाद की स्थिति निर्मित हो गई थी, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। गांव में गतिरोध जैसी कोई स्थिति नहीं है। एहतियातन पुलिस बल तैनात किया गया है। ऐश्वर्य चंद्राकरअनुविभागीय अधिकारी (पुलिस ),तोकापाल