मोटे अनाज की खेती के नाम पर हुई बंदरबांट की जांच शुरू

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  • शिकंजे में आएंगे मोटे अनाज के नाम पर भ्रष्टाचार की खेती करने वाले
  • जिला पंचायत सीईओ ने शुरू की जांच, जनपद से मंगवाए दस्तावेज
  • मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार से मिली रकम की हुई है बंदरबांट
  • बकावंड जनपद क्षेत्र के किसानों को लाभ पहुंचाने के नाम पर लूट

बकावंड मोटे अनाज के उत्पादन की आड़ में भ्रष्टाचार की खेती करने वाले लोग जल्द ही शिकंजे में आने वाले हैं। हरिभूमि द्वारा मामला उजागर किए जाने के बाद जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने ने जनपद पंचायत बकावंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मामले से जुड़े सारे दस्तावेज मंगवाए हैं।उल्लेखनीय है कि किसानों को रागी, कोदो, कुटकी, कुल्थी, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने केंद्र सरकार ने विशेष योजना चला रखी है

इसके तहत किसानों को खाद, बीज, कृषि यंत्र, नकद अनुदान दिया जाता है। योजना के लिए मिली रकम से बकावंड ब्लॉक में मोटे अनाज की खेती तो नहीं हो पाई, अलबत्ता भ्रष्टाचार की खेती जरूर हो गई।बकावंड जनपद पंचायत के कर्मियों, जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय व बकावंड के कथित व्यापारियों ने मिलकर योजना के तहत प्राप्त लाखों रु. डकार लिए। योजना में प्रति हितग्राही 16 हजार 500 रुपए के व्यय का प्रावधान था। किसानों को स्तरहीन बीज किट और फावड़ा, कुदाल देकर लाखों रु. आहरित कर लिए गए। बीज किट, औजार आपूर्ति का काम मेडिकल स्टोर, कम्प्यूटर सिस्टम, स्टेशनरी शॉप, जनरल स्टोर्स आदि चलाने वाले जनप्रतिनिधियों को दिया गया था। इन लोगों ने कोसमी, उड़ियापाल, मोंगरापाल के किसानों के नाम से जनपद पंचायत में फर्जी बिल, पावती जमा कर लाखों रुपए प्राप्त कर लिए। कोसमी ग्राम पंचायत में 16 किसानों को बीज किट तथा कृषि औजारों का वितरण कर प्रति हितग्राही 16 हजार 500 रु. का आहरण किया गया है। योजना में धांधली का आलम यह रहा कि जगदलपुर की फर्म एसआर सप्लायर्स को भी अनाजों व सब्जियों के बीज तथा कृषि औजारों की आपूर्ति का काम दे दिया गया था। इस फर्म ने जनपद कार्यालय में बिल पेश कर 1 लाख 95 हजार रु. प्राप्त कर लिए हैं। एसआर सप्लायर्स का कृषि से संबंधित कार्यों और सामग्री आपूर्ति से कोई वास्ता नहीं है। इसकी पुष्टि उसके द्वारा पेश बिल से होती है।इस बड़ी घपलेबाजी पर बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल और जिला पंचायत बस्तर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सुर्वे ने बकावंड जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखकर जवाब तलब किया था, लेकिन इसे जनपद सीईओ ने अनदेखा कर दिया। हरिभूमि ने जब इस घपलेबाजी को प्रमुखता से उजागर किया, तब जिला पंचायत सीईओ प्रकाश सुर्वे ने तगड़ा एक्शन लेना शुरू कर दिया है। जनपद पंचायत के सूत्रों ने बताया कि जिला पंचायत सीईओ ने बकावंड जनपद पंचायत के सीईओ से मामले से जुड़े बिल, पावती, भुगतान आदि के दस्तावेज मंगवा लिए हैं। दस्तावेजों की पड़ताल और भौतिक सत्यापन के बाद सभी दोषी लोगों पर कड़ी कार्रवाई होगी, ऐसी उम्मीद है।