बस्तर का विशिष्ट आंचलिक पर्व है बाली परब : लखेश्वर बघेल

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  • मोंगरापाल में धूमधाम से मनाया गया भीमादेव से जुड़ा यह पर्व

बकावंड अंचल के ग्राम मोंगरापाल में भीमादेव से जुड़ा पर्व बाली परब धूमधाम से मनाया गया।क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल भी इस भव्य आयोजन में शामिल हुए। मोंगरापाल पहुंचने पर विधायक बघेल का ग्रामवासियों ने बाजे गाजे के बीच नाच – गाकर उनका भव्य स्वागत किया। जगह जगह स्वागत करते हुए उन्हें मंदिर प्रांगण तक ले जाया गया। मंदिर में बघेल ने भीमा और भीमसीन की पूजा अर्चना कर क्षेत्रवासियों के लिए सुख समृद्धि की कामना की। ग्रामीणों को संबोधित करते हुए लखेश्वर बघेल ने कहा कि यह पर्व भीमादेव से संबद्ध पर्व है। इसलिए इस पर्व का आयोजन भीमादेव गुड़ी परिसर में किया जाता है। भीमादेव का विवाह भीमसीन नामक देवी के साथ सम्पन्न होता है।

अंत में बाली बाजार विधान किया जाता है। बघेल ने क्षेत्रवासियों से कहा की विश्वास के अनुसार बाली परब मनाने से अन्न-धन और पशुधन की वृद्धि होती है तथा व्याधि, संकट आदि दूर होते हैं। बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के उपाध्यक्ष बालेशचंद्र दुबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मड़ई मेला प्रमुख त्योहार माना जाता है। मड़ई त्यौहार लोगों के जीवन को खुशियों से भर देता है। यह राज्य की समृद्ध परंपरा और संस्कृति को भी दर्शाता है। राजीव युवा मितान क्लब के समन्वयक मानसिंह कवासी ने कहा कि स्थानीय जनजातियों और समुदायों के बीच मड़ई महोत्सव का त्यौहार बहुत आनद उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान स्थानीय जनजाति के लोग पीठासीन देवता की पूजा करते हैं त्यौहार के शुरुआत में, छत्तीसगढ़ के आदिवासी लोग एक खुले मैदान में एक जुलूस निकालते हैं, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त और पर्यटक एकत्रित होते हैं। इस दौरान सरपंच दुलभ सूर्यवंशी, राजेश कुमार, महादेव बघेल, तुलाराम कश्यप, सुखदेव, घांसीराम, भोलानाथ, महादेव बघेल, गुड्डू बघेल सीताराम, कमोबाई, मंदना, कलावती, संग्राम कश्यप, हरि सुनहरे, रघुनाथ बघेल एवं ग्रामवासी व कांग्रेस कार्यकर्त्ता उपस्थित थे।