नियुक्ति मिलते ही इंद्रावती जल विवाद दूर करने में जुटे राजीव

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  • इंद्रावती विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनने के 48 घंटे के भीतर अफसरों के साथ तीन किमी पैदल चलकर जा पहुंचे जोरानाला
  • बस्तर कमिश्नर, कलेक्टर और विभागीय अमले के साथ किया विवाद की जड़ का निरीक्षण


जगदलपुर. राज्य सरकार से केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त इंद्रावती विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजीव शर्मा जिम्मेदारी मिलते ही इंद्रावती जल विवाद के निपटारे में जुट गए हैं. अपनी नियुक्ति के 48 घंटे के अंदर ही शर्मा प्रशासनिक टीम के साथ तीन किमी पैदल चलकर जोरानाला जा पहुंचे।


शर्मा ने स्थल निरीक्षण कर विभागीय अधिकारियों से अब तक किए गए कार्यों के संबंध में चर्चा की और नक्शा व दस्तावेजों का अवलोकन किया। विवाद को लेकर छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के बीच अब तक हुए पत्राचार, एमओयू व अनुबंध सहित अन्य संबंधित दस्तावेज शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों दिए. इस दौरान उनके साथ बस्तर कमिश्नर श्याम धावड़े, कलेक्टर चंदन कुमार, जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता करण भंडारी, अभियंता राजीव रिछारिया, एसडीओ आरएस पांडे सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।


बस्तर की उम्मीदों को लगे पर
गौरतलब है कि इंद्रावती प्राधिकरण में हुई नियुक्ति से आम जनता में खुशी की लहर नजर आने लगी है, बस्तर के लोगों को उम्मीद है कि अब इंद्रावती के मसले पर जल्द समाधान निकल जाएगा। इंद्रावती नदी को बस्तर की जीवनदायिनी कहा जाता है. सत्ता परिवर्तन के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने बस्तर की जनता की मांग को देखते हुए इंद्रावती विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा की थी, जिसे अमलीजामा पहनाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री बतौर अपने प्रतिनिधि बस्तर के लोकप्रिय, दमदार व योग्य नेता राजीव शर्मा को प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाकर बस्तर के इस गंभीर व संवेदनशील मसले पर समाधान की जिम्मेदारी सौंपी. यह बड़ी जिम्मेदारी मिलते ही शर्मा एक्शन मोड में आ गए हैं।